अपने पैसे-अपनी माला, हाथ दूसरे अपना गला
चुनावी रण में उतरे सूरमा जीत के लिए हर हथकंडा अपना रहे हैं। प्रचार से लेकर चुनावी सभा में न केवल भीड़ जुटाने के लिए जोर लग रहा है बल्कि स्वागत में कोई कोर कसर न दिखे इसके लिए भी प्रत्याशी गजब का तरीका अपना रहे है।
चुनावी रण में उतरे सूरमा जीत के लिए हर हथकंडा अपना रहे हैं। प्रचार से लेकर चुनावी सभा में न केवल भीड़ जुटाने के लिए जोर लग रहा है, बल्कि स्वागत में कोई कोर कसर न दिखे इसके लिए भी प्रत्याशी गजब का तरीका अपना रहे है। चुनावी समर में चर्चा है कि स्वागत के दौरान नेता जी की पगड़ी, माला और जो पैसे भेंट किए जाते है वो किसी और के नहीं, बल्कि खुद नेता जी के ही होते हैं। जो सिर्फ दूसरों के हाथों से अपने गले में डलवा रहे हैं।
इसराना आरक्षित विधानसभा सीट से आठ प्रत्याशी चुनावी रण में हैं। जो लगातार जनता के बीच जाकर वोट की अपील कर रहे हैं। चुनावी सभा के दौरान गांवों में लोग उन्हें फूलमाला पहना पगड़ी बांधकर स्वागत करते हैं। कई जगहों पर सहयोग के तौर पर रुपये भी दिए जाते हैं, लेकिन कुछ नेता स्वागत के दौरान लगने वाले सामान का खर्च भी स्वयं वहन कर रहे हैं, ताकि जनता के बीच सभा के दौरान होने वाले स्वागत और जमा भीड़ से माहौल बनाने में सहयोग मिल सके। इसे लेकर नेता की तरफ से एक कार्यकर्ता को जिम्मेदारी सौंपी गई है। जो हर कार्यक्रम में नेता के पहुंचने से पहले उनके स्वागत के लिए माला व पगड़ी से लेकर भेंट किए जाने वाले पैसे तक पहुंचाता है। स्वागत के लिए नेताओं के इस नायब तरीके की जनता के बीच भी जबरदस्त चर्चा है।
विधानसभा से तेरह लोगों ने नामांकन किया था। इनमें से चार के रद्द हुए तो एक ने नामांकन वापस ले लिया। अब आठ प्रत्याशी मैदान में बचे हैं। इनमें भाजपा से कृष्णलाल पंवार, कांग्रेस से बलबीर वाल्मीकि, इनेलो से रवि कंसल, जजपा से दयानंद उरलाना आदि शामिल है।
महीपाल जोगी, इसराना।