सीए इंस्टीट्यूट के चेयरमैन बने योगेश गोयल, मनप्रीत पर सहमति नहीं
गंभीर को समर्थन नहीं मिला। इसीलिए वोटिग करवाई गई। इसके अतिरिक्त पिछले वर्ष के सचिव सीए भूपेंद्र दीक्षित को वाइस चेयरमैन चुना गया।
जागरण संवाददाता, पानीपत : सीए मनप्रीत गंभीर को नहीं मिला दो तिहाई समर्थन। योगेश गोयल वर्ष 2021-22 के लिए सीए इंस्टीट्यूट के चेयरमैन चुने गए। अब तक जितने भी चेयरमैन इंस्टीट्यूट के चुने गए हैं, उनमें योगेश गोयल सबसे युवा हैं। सर्वसम्मति से चुनाव के लिए दो तिहाई समर्थन अनिवार्य है। गंभीर को समर्थन नहीं मिला। इसीलिए वोटिग करवाई गई। इसके अतिरिक्त पिछले वर्ष के सचिव सीए भूपेंद्र दीक्षित को वाइस चेयरमैन चुना गया। किसी सदस्य ने कैशियर का पद नहीं लिया तो मितेश मल्होत्रा को सचिव के साथ-साथ कोषाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी गई। कार्यकारिणी के सात सदस्य प्रधान चुनते हैं। योगेश को चार, मनप्रीत को दो वोट मिले। एक मतदाता आदित्य ने चुनाव में भाग नहीं लिया। वह बाहर थे।
निवर्तमान चेयरमैन सुरेश नंदवानी की कार्यकारिणी का समय पूरा होने के बाद सीए इंस्टीट्यूट की शनिवार को सेक्टर 25 में बैठक बुलाई। सुरेश नंदवानी ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया। इंस्टीट्यूट के सीए सदस्यों ने उन्हें दोबारा चेयरमैन बने रहने के लिए आग्रह किया, लेकिन उन्होंने इन्कार कर दिया। उन्होंने कहा युवा नेतृत्व को जिम्मेदारी मिलनी चाहिए। इसके बाद चुनाव प्रक्रिया शुरू हुई। मनप्रीत गंभीर पर सहमति न होने पर वोटिग करवाई गई।
क्या है चुनावी प्रक्रिया
द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटस उत्तरी भारत परिषद की पानीपत शाखा का चुनाव हर तीन वर्ष में होता है। इस दौरान छह कार्यकारिणी सदस्य चुने जाते हैं। उनमें से हर वर्ष अलग-अलग चेयरमैन चुना जाता है। कार्यकारिणी के छह सदस्यों में से जिसके साथ दो तिहाई बहुमत होता है, उसे उस साल का चेयरमैन नियुक्त कर दिया जाता है। दो तिहाई समर्थन न होने की दशा में चुनाव होता है। नवनिर्वाचित कार्यकारिणी को सीए सदस्यों ने शुभकामना दी। गोयल ने कहा कि उन्हें जो जिम्मेदारी दी गई है, उस पर खरा उतरेंगे। भूपेंद्र दीक्षित, मितलेश मल्होत्रा, सुरेश नंदवानी, आदित्य नंदवानी, मनप्रीत और संगीता कार्यकारिणी सदस्य हैं।