यमुनानगर में केस में नाम आने के डर से युवक ने जहर खाकर दी जान, गुस्साए लोगों का शव लेने से इन्कार
यमुनानगर के गांव जयधर के जिशान ने जहरीला पदार्थ निगल लिया। उसकी मौत की सूचना मिलते ही काफी ग्रामीण व मृतक का परिवार अस्पताल पहुंच गए। बकरीद के दिन गांव में विवाद हुआ था। युवक को जबरदस्ती मांस खिलाने और लूट का केस दर्ज हुआ था। तभी से विवाद है।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर। छछरौली के गांव जयधर में बकरीद के दिन कुर्बानी को लेकर दो समुदायों में शुरू हुआ विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। मुस्लिम समुदाय के 18 वर्षीय जिशान ने शनिवार को गांव में जहरीला पदार्थ निगल कर आत्महत्या कर ली। इस मामले ने तूल पकड़ लिया है। गांव में तनाव क माहौल है।
रविवार को पोस्टमार्टम हुआ। इस दौरान यमुनानगर पोस्टमार्टम हाउस में सैकड़ों की संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग एकत्रित हुए। स्थिति तनावपूर्ण होने के कारण अस्पताल में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया। लोग इस मांग पर अड़े रहे कि जब तक जिशान को आत्महत्या के लिए मजबूर करने वालों को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा, तब तक वह शव को यहां से नहीं ले जाएंगे। लोग एसपी कमलदीप गोयल को मौके पर बुलाने की मांग कर रहे थे। जिस पर एसपी मौके पर पहुंचे और लोगों से बात की।
यमुनानगर में जीशान की आत्महत्या के मामले में प्रदर्शनकारियों को समझाते एसपी कमलदीप गोयल।
किसी को बेवजह गिरफ्तार नहीं करेंगे : एसपी
एसपी कमलदीप गोयल ने लोगों को बताया कि इस मामले में पुलिस ने हिंदू संगठनों की शिकायत पर पहले जो एफआइआर दर्ज की है, उसमें मुस्लिम समुदाय के किसी भी व्यक्ति को बेवजह तंग नहीं किया जाएगा। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कानूनन कार्रवाई की जाएगी। जिस युवक की मृत्यु हुई है लोग सम्मान के साथ उसे अंतिम विदाई दें। शांति बनाएं रखे। जब तक गांव का माहौल सामान्य नहीं हो जाता तब तक कोई भी समुदाय गांव में या फिर बाहर पंचायत नहीं करेगा।
लोगों के प्रदर्शन की सूचना पर एसपी ने खुद मोर्चा संभाला। निर्दोष को तंग न होने देने का भरोसा दिया।
लाेगों ने की जल्द गिरफ्तारी की मांग
पोस्टमार्टम के दौरान सैकड़ों की संख्या में लोग पोस्टमार्टम हाउस में एकत्रित हुए। लोगों ने यहीं पर आगामी रणनीति बनाई। अब्दुल सत्तार, अफजल, याकूब, सब्बीर का कहना है कि कुछ बाहरी लोग आकर गांव में माहौल खराब कर रहे हैं। पुलिस प्रशासन तो उनका सहयाेग कर रहा है। परंतु बाहरी लोगों पर अभी तक अंकुश नहीं लग रहा। जिशान की मौत के मामले में पुलिस ने जिन लोगों पर केस दर्ज किया है, उनमें से अभी तक किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया गया है। इसलिए जल्द से जल्द सभी आरोपितों की गिरफ्तारी होनी चाहिए। समुदाय के नेता राणा आस मोहम्मद व अन्य ने समुदाय के लोगों से अपील की कि वे शांति बनाए रखें। मृतक के जनाजे के साथ शांतिपूर्ण तरीके से लोग गांव तक जाएंगे।
जीशान आत्महत्या मामले में पोस्टमार्टम हाउस पर सैकड़ों लोग पहुंचे और न्याय की मांग की।
पुलिस अधिकारी पर माहौल खराब करने का आरोप
अब्दुल सत्तार, अफजल, याकूब, सब्बीर ने कहा कि एक पुलिस अधिकारी ने गांव का माहौल खराब किया है। उन्होंने समुदाय के लोगों के प्रति अभद्र टिप्पणी की। आज जो हालात पैदा हुए हैं वह उनकी वजह से हुए हैं। यही वजह है कि एसपी ने उनको पोस्टमार्टम हाउस पर आने से रोक दिया। एसपी ने भी लोगों को आश्वासन दिया कि उक्त अधिकारी को यहां नहीं आने दिया गया है।
यह था मामला
बकरीद के दिन गांव में दो समुदायों के बीच कुर्बानी को लेकर विवाद उपजा था। हिंदू संगठनों ने गांव जयधर में पशुओं की कुर्बानी का विरोध किया था। कुछ ऑडियो भी वायरल हुए जिसमें मुस्लिम समुदाय के लोगों को गांव में एकत्रित होने को कहा गया। हिंदू संगठनों के लोगों ने आरोप लगाया था गांव के ही कुछ लोगाें ने हिंदू व्यक्ति के घर के आगे पशु का मांस थैले में डाल कर फेंक दिया। इतना ही नहीं युवक का अपहरण कर उसे दुकान में बंद किया और उसे कच्चा मांस खिलाने की कोशिश की। इस मामले में पुलिस ने कुछ लोगों को नामजद करते हुए अन्य पर एफआइआर दर्ज किया था। जिशान को डर था कि उसका नाम पुलिस ने अन्य आरोपितों में डाल दिया है। इससे आहत होकर उसने शनिवार को जहरीला पदार्थ निगल लिया और अस्पताल में उसकी मौत हो गई।
पुलिस ने इन लोगों पर दर्ज किया है केस
एसएचओ लज्जा राम का कहना है कि मृतक जिशान का नाम किसी केस में नहीं था। मृतक के चाचा गांव जयधर निवासी इनाम की शिकायत पर गांव के अमित, बिल्लू, जोनी, हैप्पी, मनीष, अमन व 10-12 अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। गांव में शांति का माहौल है।
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