धुंए को दें धोबी पछाड़ थीम पर दंगल में पहलवानों ने लगाए दाव
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने पराली न जलाने का संदेश देने के लिए इस बार अलग ही रास्ता अपनाया है। विभाग ने गांवों में धुंए को दें धोबी पछाड़ थीम पर कुश्ती करानी शुरू की हैं। इसकी शुरुआत शुक्रवार को मतलौडा से की। स्थानीय राजीव गांधी खेल स्टेडियम में कुश्ती प्रतियोगिता कराई गई।
संवाद सहयोगी, मतलौडा : कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने पराली न जलाने का संदेश देने के लिए इस बार अलग ही रास्ता अपनाया है। विभाग ने गांवों में धुंए को दें धोबी पछाड़ थीम पर कुश्ती करानी शुरू की हैं। इसकी शुरुआत शुक्रवार को मतलौडा से की। स्थानीय राजीव गांधी खेल स्टेडियम में कुश्ती प्रतियोगिता कराई गई।
एसडीएम पानीपत दलबीर सिंह ने प्रतियोगिता का शुभारंभ कर पहलवानों और किसानों को पराली न जलाने की शपथ दिलाई। उन्होंने कहा कि विभाग ने कुश्ती प्रतियोगिता के माध्यम से सभी किसानों व युवाओं को अच्छा संदेश देने का काम किया है और निश्चित ही इसके सुखदायी परिणाम सामने आएंगे। कार्यक्रम के शुरूआत में एसडी कॉलेज के विद्यार्थियों ने फसल अवशेष प्रबंध पर नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया और किसानों से फसल अवशेष न जलाने की अपील की। इसके उपरांत अलग-अलग भारवर्ग की कुश्ती प्रतियोगिता में महिला व पुरूष पहलवानों ने अपना दम दिखाया।
किसानों को कुश्ती चैंपियन योगेश्वर का संदेश दिया। इसके साथ कृषि यंत्रों की प्रदर्शनी लगाई गई। उप कृषि निदेशक डॉ. वीरेंद्र देव आर्य ने कहा कि धान की कटाई शुरू हो गई है। कुछ किसान पराली को जला देते हैं। इससे जमीन के आवश्यक पोषक तत्व और पर्यावरण खराब हो जाता है। किसान अवशेषों को जमीन में दबाकर खाद के रूप में काम ले सकता है। इससे जमीन की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी। विभाग का यह पखवाड़ा 5 अक्टूबर तक चलेगा। इस अवसर पर सहायक पौधा संरक्षण अधिकारी डॉ. राजेश भारद्वाज, गुण नियंत्रण निरीक्षक सतबीर सिंह, तकनीकी सहायक जयभगवान सिंह व सतेंद्र सिंह, कृषि विकास अधिकारी राकेश कुमार, कृषि वैज्ञानिक डॉ. राजबीर गर्ग, जिला खेल अधिकारी अनिल कुमार, कृषि विकास अधिकारी मनोज व संजीत मलिक मौजूद रहे।