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पिता के सपनों को जीने वाले पहलवान बेटे, चूम रहे आसमां

पानीपत में पिता के सपनों को उनके बेटे पूरा कर रहे हैं। पिता पहलवान बनना चाहते थे। अब उनके बेटे सपनों को पूरा कर रहे हैं। सागर जागलान भारत कुमार का खिताब जीत चुके हैं। वहीं माेनू भारत केसरी रह चुके।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Mon, 18 Jan 2021 06:54 PM (IST)Updated: Mon, 18 Jan 2021 06:54 PM (IST)
पिता के सपनों को जीने वाले पहलवान बेटे, चूम रहे आसमां
सागर जागलान अपने कोच मुकेश के साथ।

पानीपत, [विजय गाहल्याण]। पानीपत में पिता के सपने अधूरे रह गए थे। आर्थिक तंगी और सुविधाओं की कमी से पिता को कुश्‍ती के सफर में ब्रेक लगाना पड़ा। अब उनके बेटे इस सफर को पूरा कर रहे। एक पिता का बेटा भारत कुमार और दूसरे का भारत केसरी का खिताब जीत चुका।

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फैक्ट्री में काम करने राज नगर के मुकेश जागलान और कुराना गांव के किसान महावीर सिंह जागलान आर्थिक तंगी की वजह से कुश्‍ती का सफर जारी नहीं रख सके। पदक जीतने का सपना धूमिल हो गया। हिम्मत नहीं हारी। उठकर खड़े हुए और मजबूत इरादों से बेटों के जरिये सपने को पूरा किया।

इस तरह रोशन कर रहे नाम

बेटे कुश्ती में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीत रहे हैं। प्रदेश और देश में पिता का नाम रोशन कर रहे हैं। मुकेश जागलान के बेटे सागर जागलान ने 74 किलोग्राम में मध्यप्रदेश के शिवपुरी में 15 से 16 जनवरी को हुई अखिल भारतीय कुश्ती चैंपियनशिप में उत्तर प्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र और हरियाणा के पांच पहलवानों को पटखनी देकर कमलेश्वर भारत कुमार का खिताब जीता। इस खिताब को 16 साल की आयु में जीतने वाले पहले पहलवान भी बने हैं। वहीं महावीर के बेटे मोनू ने पंजाब में 15 जनवरी को हुई राष्ट्रीय स्तरीय कुश्ती दंगल प्रतियोगिता में पहले नंबर की कुश्ती जीती। इनाम में बाइक मिली।

अभी तो और पदक जीतने हैं : सागर

सागर जागलान ने बताया कि पिता मुकेश कुमार ने भी कुश्ती की है। घर की माली हालत ठीक न होने के कारण प्रतिभावान पहलवान होते हुए भी सफल नहीं पाए। पिता की इच्छा थी कि बेटा कामयाब बने। उसकी खुराक पर हर महीने 20 हजार रुपये खर्च होते हैं। पिता बड़ी मुश्किल से खुराक की राशि जुटा पाते हैं। वह पिता के संघर्ष को जाया नहीं जाने देगा। कड़ा अभ्यास कर पदक जीतेगा। सोनीपत के खरखौदा के भोलादास अखाड़े में अभ्यास करता हूं। एशियन चैंपियनशिप सहित 15 से ज्यादा राज्य व राष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिताओं में पदक जीते हैं।

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इनाम में मिली बाइक के साथ मोनू ।

विकट परिस्थिति में भी सफल होने का मंत्र पिता से सीखा: मोनू

सेना के नायब सूबेदार मोनू दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में अभ्यास करते हैं। पांच भारत केसरी व एक बार हरियाणा केसरी का खिताब जीत चुके हैं। नेशनल में पांच स्वर्ण और एक रजत पदत जीत चुके हैं। मोनू ने बताया कि पिता महावीर सिंह मिट्टी के दंगल के अच्छे पहलवान रहे हैं। पिता से ही उन्होंने सीखा है कि चोट लगने व प्रदर्शन अच्छा न होने पर धैर्य नहीं खोना है। इसी मंत्र पर वे अमल करते हैं और सफलता भी हासिल कर रहे हैं।

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