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श्रमिकों ने दी घर लौटने की चेतावनी, मांगे नहीं मानने पर आढ़तियों की हड़ताल तीसरे दिन भी जारी

ई-ट्रेडिग के विरोध में शुरू हुई आढ़तियों की हड़ताल तीसरे दिन भी जारी रही। आढ़तियों किसानों और श्रमिकों ने मंडी में नारेबाजी कर रोष जताया। वहीं श्रमिक यूनियन के प्रधानों ने हड़ताल न खुलने पर गांव वापस लौटने की चेतावनी दी है। ऐसे में यदि मजदूर काम छोड़ घर लौट गए तो किसानों की परेशानियां और बढ़ सकती हैं। दूसरी ओर डीसी सुमेधा कटारिया ने मांग मानने का आश्वासन दिया लेकिन आढ़ती हड़ताल पर डटे रहे।

By JagranEdited By: Published: Fri, 12 Apr 2019 06:30 AM (IST)Updated: Fri, 12 Apr 2019 06:30 AM (IST)
श्रमिकों ने दी घर लौटने की चेतावनी, मांगे नहीं मानने पर आढ़तियों की हड़ताल तीसरे दिन भी जारी
श्रमिकों ने दी घर लौटने की चेतावनी, मांगे नहीं मानने पर आढ़तियों की हड़ताल तीसरे दिन भी जारी

जागरण संवाददाता, पानीपत : ई-ट्रेडिग के विरोध में शुरू हुई आढ़तियों की हड़ताल तीसरे दिन भी जारी रही। आढ़तियों, किसानों और श्रमिकों ने मंडी में नारेबाजी कर रोष जताया। वहीं, श्रमिक यूनियन के प्रधानों ने हड़ताल न खुलने पर गांव वापस लौटने की चेतावनी दी है। ऐसे में यदि मजदूर काम छोड़ घर लौट गए तो किसानों की परेशानियां और बढ़ सकती हैं। दूसरी ओर, डीसी सुमेधा कटारिया ने मांग मानने का आश्वासन दिया लेकिन आढ़ती हड़ताल पर डटे रहे।

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बता दें कि हरियाणा स्टेट अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन के आह्वान पर मंगलवार को ई-ट्रेडिग के विरोध में उतरे आढ़ती अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। शटर डाउन हड़ताल के कारण मंडियों का कामकाज ठप हो गया है। एसोसिएशन उपाध्यक्ष धर्मबीर मलिक ने सरकार पर ई-ट्रेडिग प्रणाली लागू कर किसानों और आढ़तियों के रिश्तों को खत्म करने का आरोप लगाया। आढ़ती एसोसिएशन की मांगे नहीं मानने पर मजदूर एसोसिएशन की दो यूनियनों के प्रधान पदारथ ने बिहार और मूलाराम ने अपने मूल निवास स्थान राजस्थान लौटने की चेतावनी दी। फट्टे की लेबर ने खाली की गाड़ियां

मंडी में गेहूं लेकर पहुंचे किसान मुसीबत में फंसते नजर आए। श्रमिकों से गाड़ी से गेहूं उतारने की बात कही तो उन्होंने हड़ताल का हवाला देते हुए काम करने से इन्कार कर दिया। किसी तरह फट्टे से लेबर लाकर गाड़ियां खाली करवाई। मंडी के श्रमिकों ने विरोध किया तो आढ़तियों ने उन्हें भविष्य में ऐसा नहीं होने का आश्वासन दिया। बुआई से लेकर पेमेंट होने तक पिसता है किसान

किसान नरेंद्र रावल ने बताया कि सरकारी सिस्टम ऑनलाइन होने के बाद से खेतीबाड़ी करना और अधिक मुश्किल हो गया है। किसानों को स्कीमों की पूरी जानकारी नहीं होती। अधिकारी भी खानापूर्ति करके पल्ला झाड़ देते हैं। इधर मंडी में ई-ट्रेडिग की वजह से कामकाज रोक दिया गया। श्रमिक भी काम करने से इन्कार कर रहे है। फसल बोने से लेकर बिक्री की पेमेंट होने तक किसान ही पिसता है। धरना जारी रखने की चेतावनी

मतलौडा आनाज मंडी में आढ़तियों ने सरकार से ई-ट्रेडिग के फैसले को वापस लेने की मांग की। गेहूं की खरीद मैनुअल तरीके से करने की बात कही। उनकी मांग नहीं मानने तक धरना जारी रखने की चेतावनी दी। ई-ट्रेडिग प्रक्रिया को किसानों के लिए गलत बताया। इस मौके पर मंडी प्रधान विजय छाबड़ा, राजबीर मलिक, प्रेम भण्डारी, जगदीश कुमार, शिवधन गर्ग, गंगा राम, सतीश गर्ग मौजूद रहे।


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