जिस बेटे को जन्म देते समय तड़पती रही गर्भवती, उस नवजात को देखे बिना वो दम तोड़ गई Panipat News
कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज में डिलीवरी के दौरान महिला की मौत हो गई। गुस्साए स्वजनों ने हंगामा करके इसका विरोध किया।
पानीपत, जेएनएन। कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में डिलीवरी के दौरान एक महिला की मौत हो गई। सूचना मिलते ही मृतक का भाई बेहोश हो गया। उसे कॉलेज में भर्ती कराना पड़ा। वहीं, नवजात आइसीयू में है। महिला की मौत पर गुस्साए स्वजनों ने चिकित्सकों पर लापरवाही के आरोप लगाते हुए हंगामा किया तो पुलिस ने मौके पर पहुंची। फिलहाल कॉलेज व पुलिस प्रशासन मामले की जांच में जुटा है।
गांव बीबीपुर वासी राजकुमार ने आरोप लगाते हुए बताया कि उसकी पत्नी करीब 35 वर्षीय पूनम देवी को दूसरा बच्चा होना था। इसके चलते बुधवार शाम करीब पौने आठ बजे उसे कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंचे, जहां रात करीब एक बजे तक उसे बेड तक नहीं मिल पाया और कुर्सी पर ही वह तड़पती रही। इसके बाद सुबह पांच बजे उसने सामान्य रूप से बेटे को जन्म दिया। इसके तीन घंटे बाद करीब पौने आठ बजे उन्हें बताया कि पूनम की हालत खराब हो चुकी है। आनन-फानन में दूसरे चिकित्सकों को बुलाया गया, लेकिन कुछ मिनट बाद ही उन्हें उसकी मौत की सूचना दे दी गई।
स्वजन बोले-बरती गई लापरवाही
मृतक के पति राजकुमार, भाई प्रवीन कुमार आदि ने आरोप लगाए कि पूनम की डिलीवरी के दौरान लापरवाही बरती गई है। पहले वह रात एक बजे तक कुर्सी पर ही बैठी कराहती रही और उसे बेड तक नहीं मिल पाया। बच्चा होने तक उससे उन्हें मिलने भी नहीं दिया गया। यहां तक कि चिकित्सकों से लेकर गेट मैन तक का व्यवहार भी सही नहीं था। उन्होंने आरोप लगाए कि सुबह 10 बजे तक उनकी किसी अधिकारी से बात तक नहीं कराई गई।
सूचना मिली तो पहुंची पुलिस
पूनम की मौत के बाद स्वजनों ने हंगामा किया। इसकी सूचना मिली तो पुलिस टीम भी मौके पर पहुंची। घंटों तक स्वजन डिलीवरी कक्ष के बाहर जमे रहे तो वहीं पुलिस भी कक्ष के बाहर तैनात कर दी गई तो वहीं एमरजेंसी के बाहर भी पुलिस पीसीआर करीब 11 बजे तक तैनात रही।
तीन सदस्यीय टीम करेगी मामले की जांच : डॉ गुंजन
कॉलेज पीआरओ डॉ गुंजन ने बताया कि मामले की जांच गायनी विभागाध्यक्ष की अगुवाई में तीन वरिष्ठ चिकित्सकों को सौंप दी गई है। लापरवाही सामने आई तो अवश्य ही कार्रवाई की जाएगी। वहीं भविष्य में डिलीवरी के दौरान मौत होने के हर मामले की इसी स्तर पर जांच कराई जाएगी। वहीं रात को डिलीवरी वार्ड में एक सीनियर व दो जूनियर डॉक्टरों के अलावा अन्य पर्याप्त स्टाफ मौजूद था। मौत के सही कारणों का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही चल पाएगा। चिकित्सकों व बेड की कमी अवश्य है, इसके बावजूद हर मरीज को स्वस्थ रखने के लिए बेहतर प्रयास किए जाते हैं।