और जब मुख्यमंत्री रात को हो गए नाराज, छठ पर भी सियासत
चंडीगढ़ जाते समय रुके मुख्यमंत्री मनोहरलाल। संस्था के लोग पहुंचे तो पूछा- किसने बुलाया उसे बुलाओ। जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ नेताओं से मिले। 15-20 मिनट तक स्काईलार्क में बातचीत।
पानीपत [अरविन्द झा] - छठ पर्व पर भी सियासत कम नहीं होती। दरअसल, बिहार का वोट बैंक ही इतना है कि ये मतदाता आसानी से किसी का भी पासा पलट सकते हैं। एक स्थानीय नेता ने एक संस्था को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल से मिलाने का वादा किया और उसे लेकर पहुंच भी गया। छठ पर्व के लिए मदद दिलाने के नाम पर अपना भी वोट बैंक मजबूत करना था। पर हो गया उलटा। मुख्यमंत्री नाराज हो गए। बोले इतनी रात को किसने संस्था वालों को बुलाया। छानबीन बैठ गई। आखिरकार पता ही चल गया कि किसने संस्था के प्रधान को बुलाया था। मुख्यमंत्री तो नहीं मिले लेकिन बाद में स्थानीय नेताओं ने संस्था को पचास हजार रुपये का वादा कर दिया।
सोमवार देर रात 9:30 बजे पहुंचे सीएम मनोहर लाल पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं से लेकर प्रशासनिक अफसरों पर नाराज हो गए। मामला था निवर्तमान पार्षद एवं भाजपा नेता दुष्यंत भट्ट ने छठ पूजा के लिए रामराज्य संस्था के संचालक रमेश कुमार को उनसे मिलवाने के लिए बुलाया था। असंध रोड पर दो नहरों के बीच छठ पूजा के लिए घाट पर अधूरे इंतजामों से संस्था के सदस्य सीएम को अवगत कराना चाहते थे। आश्वासन काम नहीं आया। पार्षद लोकेश नांगरू से मामले की तहकीकात कराने के बाद सारा मामला शांत हुआ। संस्था के पदाधिकारी सीएम से मिले बिना देर रात बैरंग लौट गए। सीएम रात में स्काईलार्क में ही रुके हैं।
किसने बुलाया है इन लोगों को
मुरथल से पानीपत आते समय शाम 7 बजे समालखा के ब्लूजे रेस्टोरेंट में कुछ देर तक सीएम के रुकने की सूचना मिली। प्रशासनिक अधिकारी रेस्टोरेंट में पहुंचे तो उनका कार्यक्रम बदल गया। जीटी रोड स्थित स्काईलार्क में रात 8 बजे पुलिसकर्मी तैनात कर दिए गए। सीएम मनोहर लाल रात 9.50 बजे स्काईलार्क में पहुंचे। कार से उतरते ही विधायक रोहिता रेवड़ी, जिलाध्यक्ष प्रमोद विज, हरीश शर्मा, महेश नारंग, दिवाकर मेहता और दीपक सलूजा ने स्वागत किया। कमरा नंबर 102 में सीएम कार्यकर्ताओं से बातचीत करने लगे। बातचीत के दौरान पार्षदों ने सीएम को जानकारी दी कि छठ पर्व को लेकर रामराज्य संस्था के कुछ पदाधिकारी मिलना चाहते हैं। बस इतनी बात सुनते ही सीएम ने पूछा, किसने बुलाया है इन लोगों को?
कमरा नंबर 102 में हुआ संवाद
सीएम : किसने बुलाया संस्था वालों को।
कार्यकर्ता : पता नहीं जी।
सीएम : कल तो शाम को छठ है।
कार्यकर्ता : चुप हो गए।
सीएम : किससे पूछ कर बुलाए?
कार्यकर्ता : फिर सब चुप हो गए।
सीएम : कौन देख रहा है?
पार्षद : कानूनगो राजेश खुराना।
सीएम : बुलाओ।
कम्यूनिकेशन गैप से ये हाल
सूत्रों के मुताबिक, छठ घाट की व्यवस्था सुधारने में लगे कानूनगो ने सीएम के अचानक दौरे को देखते हुए संस्था के प्रधान को फोन कर बुला लिया। रामराज्य संस्था के पदाधिकारी उनसे मिलने पहुंच गए। डीसी सुमेधा कटारिया को जब इसका पता चला तो कानूनगो को जमकर फटकारा।
दुष्यंत भट्ट ने फोन कर बुलाया - रमेश कुमार
रामराज्य संस्था के संचालक रमेश कुमार ने बताया कि निवर्तमान पार्षद दुष्यंत भट्ट ने रात 8 बजे फोन कर उन्हें स्काईलार्क बुलाया। विशेष तौर पर सीएम से मिलवाने को कहा था। रिसेप्शन के पास सोफे पर बैठा दिया। संस्था के राजेंद्र यादव, महेश महतो, चंदन मिश्रा, मुन्ना मिश्रा और अतीक आलम भी साथ थे। सीएम के आने से पहले भाजपा नेताओं से उनकी मुलाकात हुई। जब सीएम आए तो आराम करने की बात कह मिलवाने से मुकर गए। भाजपाई जाने लगे तो कहा कि मंगलवार को छठ घाट पर इंतजाम के लिए 50 हजार रुपये संस्था को दिला देंगे। सीएम रात में स्काईलार्क में ही रुके हैं।
पूर्वांचल वालों को सुबह में मिलवाने का दिया भरोसा
पूर्वांचल कल्याण समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि रात 9 बजे सीएम के करीबी और वार्ड नंबर 24 के निवर्तमान पार्षद दुष्यंत भट्ट ने उन्हें फोन कर बताया कि सीएम साहब स्काईलार्क में रुकेंगे। मंगलवार सुबह 9 बजे मुलाकात करा देंगे। समिति के सदस्यों को किसी ने सूचना दी कि रामराज्य संस्था के सदस्यों को सीएम से मिलवाने के लिए दुष्यंत भट्ट ने रात 9 बजे ही स्काईलार्क में बुला लिया।