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गेहूं खरीद सीजन खत्म, किसानों के खाते में नहीं पहुंचे करोड़ों रुपये

गेहूं खरीद सीजन अब खत्‍म हो चुका है। इसके बाद भी किसानों के करोड़ों रुपये अभी अटके पड़े हैं। अभी तक किसानों के खाते मं रुपये नहीं भेजे गए हैं। अधिकारी भी अभी इसको लेकर कुछ स्‍पष्‍ट नहीं बता रहे हैं।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Sat, 10 Jul 2021 04:51 PM (IST)Updated: Sat, 10 Jul 2021 04:51 PM (IST)
गेहूं खरीद सीजन खत्म, किसानों के खाते में नहीं पहुंचे करोड़ों रुपये
गेहूं खरीद का सीजन खत्‍म होने के बावजूद अभी भुगतान नहीं।

करनाल, जागरण संवाददाता। गेहूं खरीद सीजन खत्म होने के दो माह बावजूद किसानों को अभी तक राशि जारी न होने पर रोष है। विभाग के अधिकारी बेश्क संबंधित किसान के बैंक खाता या आइएफएससी कोड में खामी बता रहे हैं लेकिन आनलाइन एप पर कर्मचारियों द्वारा किसानों की समस्या का हल नहीं निकल पा रहा है। यही कारण है कि जिले के लगभग 142 किसानों का करोड़ों रुपये एजेंसियों के पास फंसा हुआ है। किसान तेजेंद्र सिंह के अनुसार गेहूं खरीद के लिए शुरू किए आनलाइन सिस्टम ने शुरुआत से ही परेशान किया है और अभी तक वे अपनी राशि के लिए अधिकारियों के पास चक्कर काट रहे हैं। डीएफएसपी, कृषि विभाग, मार्केट मंडी बोर्ड के अधिकारी इस संबंध में स्थिति स्पष्ट नहीं कर पा रहे हैं।

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भुगतान में देरी पर मिलने वाले ब्याज पर अभी संशय

अमृतपुराकला वासी किसान सुरेंद्र ने बताया कि गेहूं बिक्री के 24 घंटे में किसान के खाते में पैसे डालने का दावा किया गया, लेकिन तीन माह से अभी तक वह फसल बिक्री के भुगतान को लेकर भटक रहे हैं। ब्याज कब मिलेगा इस पर अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो रही है।

इस संबंध में हरियाणा स्टेट अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन के चेयरमैन रजनीश चौधरी ने बताया कि प्रदेशभर के आढ़ती पिछले दो साल से गेहूं खरीद भुगतान की देरी का ब्याज लगभग 50 करोड़ रुपये देने की मांग कर रह रहे हैं। वर्ष-2019 के दौरान गेहूं बिक्री की राशि जारी होने में देरी की गई थी। किसानों की बकाया राशि के लिए मार्केड मंडी बोर्ड अधिकारियों सहित खरीद एजेंसियों से बातचीत की जा रही है। करीब 142 किसानों के की पेंमेंट का भुगतान नहीं हो पाया है।

डीएफएससी निशांत राठी ने बताया कि गेहूं बिक्री की बकाया राशि के लिए कार्यालय में किसान आते हैं लेकिन आनलाइन एप पर किसी तरह की अपडेशन कृषि विभाग के कर्मचारी कर रहे हैं। वहीं कृषि विभाग निदेशक अदित्य प्रताप डबास ने बताया कि जिला स्तर पर किसानों का रिकार्ड अपडेट कर दिया जाता है लेकिन मुख्य सर्वर की अपडेशन जरूरी है। इस संबंध में उच्चाधिकारियों को संज्ञान में डाला गया है।


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