मौसम: हरियाणा के इस जिले में बरसात ने तोड़ा रिकार्ड, अब धूंध बढ़ाएगी परेशानी, 24 घंटों में बदलेगा मौसम
Weather update हरियाणा के यमुनानगर में बरसात ने रिकार्ड तोड़ा है। आने वाले दिनों में अब धुंध करेगी बेहाल। सोमवार सुबह से ही गहराई धुंध वाहनों की थमी रफ्तार केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान के मुताबिक आने वाले 24 घंटे में धुंध गिरने का जारी रहेगा सिलसिला।
करनाल, जागरण संवाददाता। जनवरी माह में रिकार्ड तोड़ बरसात के बाद अब धुंध भी बेहाल करेगी। बरसात की बात की जाए तो इस माह अब तक करनाल में 91.9 एमएम बरसात हो चुकी है। वर्ष 2017 के बाद अब तक की यह सबसे अधिक बरसात दर्ज की गई है। लगातार पश्चिमी विक्षोभ के आगमन वैसे तो प्रदेश के हर जिले में सरप्लस बरसात हुई है, लेकिन करनाल में यह रिकार्ड तोड़ रही है। पश्चिमी विक्षोभ की एक श्रृंखला ने राजस्थान पर चक्रवाती परिसंचरण और निम्न दबाव के क्षेत्र को प्रेरित किया है। हवा की दिशा उत्तर पश्चिम से दक्षिण पश्चिम में बदल गई।
अरब सागर से आने वाली आर्द्र और अपेक्षाकृत गर्म हवाओं के कारण बादल छा गए हैं, जिससे उपरोक्त राज्यों में न्यूनतम तापमान में वृद्धि हुई है। अब पश्चिमी विक्षोभ दूर हो गया है, और कम दबाव का क्षेत्र भी पूर्व की ओर बढ़ रहा है। मौसम परिवर्तन से अब बर्फीली ठंडी हवाओं का सामान्य पैटर्न फिर से शुरू हो गया है। अब न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी। सोमवार को दिनभर छाई धुंध से जनजीवन बेहाल हो गया। वाहनों की रफ्तार धीमी हो गई है दृश्यता 40 मीटर दर्ज की गई है।
न्यूनतम तापमान में 2.0 डिग्री सेल्सियस की गिरावट की गई दर्ज
मौसम विभाग ने रात के तापमान में करीब 2.0 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई है, 9.4 डिग्री सेल्सियस है। हालांकि सामान्य से यह अब भी 3.0 डिग्री ज्यादा है। लेकिन अब हो रहे मौसम परिवर्तन से रात के तापमान में गिरावट संभव है। जनवरी के अंत तक किसी भी महत्वपूर्ण पश्चिमी विक्षोभ के पश्चिमी हिमालय तक पहुंचने की उम्मीद नहीं है। इसलिए, उत्तर और उत्तर-पश्चिम से ठंडी और शुष्क हवाएं जारी रहेंगी। जनवरी के अंत तक कड़ाके की ठंड बरकरार रहेगी।
जनवरी में किस वर्ष कितनी हुई बरसात
वर्ष बरसात एमएम में
2012 21.6
2013 64.4
2014 65.2
2015 15.0
2016 0.00
2017 93.8
2018 34.2
2019 28.8
2020 74.6
2021 36.4
2022 91.9
नोट : यह आंकड़े मौसम विभाग की ओर से जारी किए गए हैं।
देशभर में यह बना हुआ है मौसमी सिस्टम
केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान के मुताबिक इस समय पश्चिमी विक्षोभ लद्दाख के ऊपर बना हुआ है और यह पूर्व की ओर बढ़ रहा है। उत्तर पश्चिमी राजस्थान पर प्रेरित निम्न दबाव का क्षेत्र देखा जा रहा है। संबद्ध चक्रवाती परिसंचरण औसत समुद्र तल से 1.5 तक फैला हुआ है। जनवरी में अब ओर पश्चिमी विक्षोभ आने की संभावना ना के बराबर है।