Progressive Farmer : तरबूज की खेती ने बदली कैथल के किसान की किस्मत, कमा रहे लाखों, एडवांस में डिमांड
परंपरागत खेती छोड़कर अब लोग सब्जी फल आदि लगाकर न सिर्फ लाखों कमा रहे बल्कि दूसरों को रोजगार दे रहे हैं। कुछ ऐसी की कहानी है कैथल के गोबिंदपुरा निवासी किसान अंतरजीत सिंह की। तरबूज की खेती कर लाखों रुपये कमा रहे हैं।
कैथल, [दयानंद तनेजा]। जिसने भी जरा सा हटकर काम किया, उसको सफलता जरूरी मिली। गोबिंदपुरा निवासी किसान अंतरजीत सिंह भी तरबूज की खेती कर लाखों रुपये कमा रहे हैं। वे बताते है कि पारंपरिक खेती से आमदनी कम होना शुरू हो गई है। इसलिए उन्होंने मन में कुछ अलग करने की ठानी है। शुरूआत के दिनों में आसपास के लोगों ने तरबूज की खेती करने को डराया भी लेकिन हार नहीं मानी। अब वे छह माह में एक एकड़ से एक लाख 15 हजार रुपये की कमाई कर लेते है। सात एकड़ में तरबूज की खेती करते है। इससे उनको छह महीनों में सात लाख 90 हजार रुपये की कमाई होती है। उनके इस कार्य को देख आस पास गांव फिरोजपुर व मलिकपुर के दूसरे किसानों ने भी तरबूज की खेती को करना शुरू कर दिया है।
दूसरे राज्य के व्यापारी ले जा रहे है खरीदकर
किसान अंतरजीत सिंह बताते है कि दूसरे राज्य के व्यापारी तरबूज को खेत से ही खरीदकर ले जाते हैं। एक महीना पहले डिमांड आ जाती है। जैसे ही तरबूज तैयार होता है। तुरंत किसान खेत में पहुंच जाते है। सबसे ज्यादा तरबूज राजस्थान, दिल्ली में जा रहा है। वहीं जैविक सब्जियों की भी खेती करते है। मटर, आलू, गाजर, घीया, तोरी व टिंडा की खेती करते हैं।
मुस्कान किस्म का तरबूज लगाया
अंतरजीत बताते है कि उन्होंने मुस्कान किस्म का तरबूज लगाया हुआ है। तरबूज की फसल के लिए उन्होंने मल्चिंग विधि का इस्तेमाल किया और तरबूज की अच्छी पैदावार ली है। उन्होंने बताया कि तरबूज की बिजाई के लिए उचित समय मार्च के प्रथम सप्ताह का है। वह तरबूज का बीज पटियाला से लेकर आते है। जोकि एक एकड़ के लिए करीब 8 से 10 हजार रुपये का बीज पर खर्च आता है। तरबूज की फसल के लिए एकड़ भूमि पर बीज, मल्चिंग व अन्य सामान मिला कर करीब 30 हजार रुपये का खर्च होता है। एक एकड़ में तरबूज की करीब 200 क्विंटल पैदावार हो रही है। मंडी में इस समय तरबूज का भाव करीब 10 रुपये प्रति किलोग्राम चल रहा है। किसान तरबूज की पैदावार करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।