तीस एकड़ में फव्वारे से सिचाई कर जल बचा रहे किसान शमशेर
महमदपुर गांव के किसान शमशेर सिंह फव्वारा सिचाई विधि को अपना कर जल संरक्षण में अहम योगदान दे रहा है। ऐसा करने से न केवल उसका समय और बिजली खर्च बच रहा है बल्कि जल संरक्षण भी हो रहा है। इस विधि से वो पिछले करीब 12 साल से खेती करते आ रहा हैं। आसपास के गांवों में दूसरे किसानों को इससे प्रेरणा मिल रही है।
फोटो संख्या -41 व 41 ए (7 दिसंबर के ट्रैक से) सात सरोकार : जल संरक्षण फव्वारा सिचाई विधि को अपना जल संरक्षण में योगदान दे रहा है महमदपुर का शमशेर सिंह नंबिरंग :
12 वर्ष से कर रहे हैं खेती
50-60 पानी की होती है बचत राजकुमार, काबड़ी
महमदपुर गांव के किसान शमशेर सिंह फव्वारा सिचाई विधि को अपना कर जल संरक्षण में अहम योगदान दे रहा है। ऐसा करने से न केवल उसका समय और बिजली खर्च बच रहा है, बल्कि जल संरक्षण भी हो रहा है। इस विधि से वो पिछले करीब 12 साल से खेती करते आ रहा हैं। आसपास के गांवों में दूसरे किसानों को इससे प्रेरणा मिल रही है।
रिश्तेदार को देख आया मन में
शमशेर सिंह बताते हैं कि परिवार के पास 50 एकड़ जमीन है। इसमें से वो करीब तीस एकड़ में सालों से मटर की खेती करते आ रहे है। जिसकी सिचाई सीधी तरीके से करते थे। एक बार पंजाब में रिश्तेदार के यहां जाना हुआ तो उन्होंने वहां फव्वारा विधि से सिचाई करते देखा। जिसके बारे में रिश्तेदार से बातचीत की तो उन्होंने उक्त विधि के फायदे बता कर अपनाने की सलाह दी। फिर क्या था। उन्होंने कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अधिकारियों से बातचीत कर उपकरण व पाइप खरीदे। इस पर अच्छी खासी सब्सिडी भी मिली। अब पिछले बारह साल से वो मटर की खेती में फव्वारा सिचाई विधि से सिचाई करते आ रहा हैं।
विधि एक बचत अनेक
शमशेर सिंह ने बताया कि एक फव्वारा सिचाई विधि से अनेक फायदे है। सीधे सिचाई करने पर एक एकड़ में तीन से चार घंटे समय लगने के साथ पानी की ज्यादा खपत होती है। लेकिन फव्वारा विधि से सिचाई करने पर न केवल 50-60 फीसद तक पानी कम लगता है, बल्कि समय भी आधा लगता है। इससे बिजली खर्च भी बचता है। उन्होंने कहा कि फव्वारा सिचाई विधि जल संरक्षण के लिए सार्थक है।
मिलती है सब्सिडी
प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना के तहत ड्रिप, मिनी फव्वारा और फव्वारा विधि से सिचाई करने पर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की तरफ से किसानों को 85 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाती है। वहीं अंडर ग्राउंड पाइप लाइन दबाने पर 50 प्रतिशत तक सब्सिडी मिलती है। इस योजना का मकसद जल संरक्षण को बढ़ावा देना है।