छह किलोमीटर लंबा वार्ड 26, कहा-कहां मांगेंगे वोट, कैसे होगा विकास
नई वार्डबंदी में वार्ड बनाने में राजनीतिक खेल सामने आने लगा है।
जागरण संवाददाता, पानीपत : नई वार्डबंदी में वार्ड बनाने में राजनीतिक खेल सामने आने लगा है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण वार्ड-26 को बनाया जा सकता है। वार्डबंदी में शहर के बीचोंबीच स्थित गीता कॉलोनी से लेकर बाबरपुर मंडी तक को शामिल किया है, जिसकी लंबाई करीब 6 किलोमीटर है। स्थानीय पार्षद ने कहा कि राजनीति की वजह से ऐसा किया गया है।
नगर निगम की नई वार्डबंदी में वार्डों की संख्या 24 से बढ़ाकर 26 कर दी है। इसका प्रारूप सामने आते ही खुद पार्षद इसके विरोध में खड़े हो गए हैं। कई पार्षद कॉलोनियों के एरिया से नाराज हैं। इसके साथ स्थानीय लोगों का भी गुस्सा फूटने लगा है। नए बनाए वार्ड-26 में शामिल कॉलोनियों के लोगों ने ही प्रशासन पर अनदेखी बरतने के आरोप लगाए हैं। गीता कॉलोनी निवासी कृष्ण व धर्मबीर ने बताया कि बाबरपुर मंडी तक का क्षेत्र वार्ड में शामिल करना गलत है। प्रशासन व नगर निगम को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए।
नए बनाए 26 वार्ड में यह एरिया जोड़ा : वार्ड-26 को जीटी रोड व रेलवे लाइन के बीचोंबीच गीता कॉलोनी से लेकर बाबरपुर मंडी तक का बनाया है। इसमें गीता कॉलोनी के अलावा बिशन स्वरूप कॉलोनी, सेक्टर-6, 7, सिद्धार्थ नगर, हरिनगर का कुछ हिस्सा, गाबा कॉलोनी व बाबरपुर मंडी को शामिल किया है।
सेक्टर-25 व 29 की फैक्ट्री एरिया व लेबर का अलग से वार्ड : नई वार्डबंदी में हुडा सेक्टर-25 व 29 का अलग से वार्ड बनाया है। यह हिस्सा पहले वार्ड-11 में आता था। इस बदलाव के साथ नया वार्ड 14 नंबर बनाया, जिसमें सेक्टर-29-टू, मलिक कॉलोनी, कृष्णा कॉलोनी, सेक्टर-25-1 इंडस्ट्रियल एरिया व सेक्टर-29 की फैक्ट्री एरिया को शामिल किया। निगम ने इस बार इन फैक्ट्रियों के क्वार्टरों में रहने वाली लेबर को भी वोट का अधिकार दिया है। राजनीति के चक्कर में लोगों को परेशानी में डाला : वार्ड-20 की पार्षद सुख¨वदर कौर के पति बलजीत ¨सह ने बताया कि भाजपा के नेताओं के इशारे पर नई वार्डबंदी में काम किया है। भाजपाइयों ने अपनी जीत के लिए वार्ड-20 के अंतर्गत शहरी क्षेत्र में आने वाले वार्ड को दो हिस्सों में कर दिया। इसका एक हिस्सा वार्ड-17 में कर दिया, जबकि दूसरे हिस्से को ग्रामीण हलके के कुछ एरिया के साथ बाबरपुर मंडी तक कर दिया। इससे सबसे ज्यादा परेशानी वार्डवासियों को उठानी पड़ेगी। उनको पार्षद से संबंधित कामों को कराने के लिए 6 किलोमीटर चलना पड़ेगा।