Train Derail: अंबाला छावनी रेलवे स्टेशन के पास मालगाड़ी का डिब्बा पटरी से उतरा, हादसा छिपा गए अधिकारी
Train Derail अंबाला छावनी रेलवे स्टेशन से एक किलो मीटर दूर रेलवे यार्ड में मालगाड़ी का डिब्बा पटरी से उतर गया। जिसे करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद चढ़ा दिया गया। ज्वाइंट नोट बनाना नहीं समझा उचित। पीडब्ल्यूआइ घटना स्थल पर पहुंचे।
अंबाला, [दीपक बहल]। Train Derail: रेलवे की प्राथमिकता संरक्षा है इसलिए हादसों को रोकने के लिए रेल मंत्रालय गंभीर है। बढ़ते हादसों को रोकने के लिए यार्ड को भी अपडेट करने आदेश जारी किए गए है, लेकिन अब अधिकारी हादसों को ही छिपाने लग गए हैं। ऐसा ही मामला शुक्रवार रात आठ बजे सामने आया। अंबाला छावनी रेलवे स्टेशन से एक किलो मीटर दूर रेलवे यार्ड में मालगाड़ी का डिब्बा पटरी से उतर गया, जिसे करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद चढ़ा दिया गया। घटना स्थल पर इंजीनियरिंग विभाग, आपरेटिंग, एसएनटी के अधिकारी मौके पर पहुंचे।
हादसे का कारण जानने के लिए ज्वाइंट नोट बनाया जाना था, लेकिन हादसे को छिपाना था इसलिए आनन फानन में डिब्बे को ही पटरी पर चढ़ाना उचित समझा गया। दैनिक जागरण ने सीनियर डीइएन वन से बात की तो उन्होंने भी घटना से अनभिज्ञता जताते हुए कहा कि मामला जानकारी में नहीं है। जबकि इंजीनियरिंग विभाग के ही पीडब्ल्यूआइ एएन त्रिपाठी मौके पर आए लेकिन उनके ही सीनियर अधिकारी को जानकारी न होने की बात गले से नहीं उतर रही। खैर इस हादसे से रेल यातायात तो प्रभावित नहीं हुआ, लेकिन हादसे को छिपाने का मामला कई अधिकारियों के गले की फांस बन सकता है। इस मामले में सीनियर डीएसओ से बात करने का प्रयास किया गया लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका।
इस तरह हुआ हादसा
अंबाला छावनी यार्ड में माल गाड़ी का सबसे अंतिम डिब्बा शुक्रवार रात करीब आठ बजे पटरी से नीचे उतर गया। बताया जाता है कि इसके उतरने के बाद ही घटना को छिपाने की भी कवायद शुरू हो गई। एसएनटी के कर्मचारी मौके पर पहुंचे और अन्य कर्मचारियों के साथ डिब्बे को पटरी पर चढ़ाने की कवायद शुरू कर दी। स्टेशन से आपरेटिंग विभाग के अधिकारी, पीडब्ल्यूआइ आदि मौके पर पहुंच गए। सीनियर डीइएन के आने की भी चर्चाएं थी, लेकिन डिब्बा चढ़ जाने के कारण ऐसा नहीं हुआ। डिब्बा चढ़ाते समय जनरेटर भी फेल होने की बात सामने आ रही है।
यह है नियम
डिब्बा उतरने के बाद मौके पर गए अधिकारी हादसे का कारण जानने का सबसे पहले प्रयास करते हैं। इंजीनियरिंग विभाग, एसएनटी और आपरेटिंग के सुपरवाइजर मौके पर ही ज्वाइंट नोट तैयार करते हैं। इस दौरान सभीब्रांचों के अधिकारी यह देखते हैं कि हादसा किस कारण हुआ। इसके बाद सीनियर अधिकारियों को अवगत कराया जाता और संबंधित कर्मचारी या अधिकारी से जवाब तलब कर विभागीय कार्रवाई की जाती है। बताया जा रहा है कि मौके पर कोई भी ज्वाइंट नोट तैयार नहीं किया गया क्योंकि घटना स्थल पर गए अधिकारी ही हादसे से अनभिज्ञता जता रहे हैं।
जानकारी नहीं है : सीनियर डीइएन
सीनियर डीइएन ने दैनिक जागरण को बताया कि इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने डिब्बा उतरने की घटना से भी इल्कार किया।
कोई जानकारी नहीं है: पीडब्ल्यूआइ
पीडब्ल्यूआइ एएन त्रिपाठी ने कहा कि इस मामले में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि वह छुट्टी पर आ गए हैं।