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हरियाणा में प्रदूषण को कम करने की कवायद, वीटा ने लगवाए 10 वायो गैस प्लांट

प्रदूषण से राहत को लेकर जहां सरकार ठोस कदम उठा रही है वहीं वीटा ने भी कवायद शुरू की। वीटा मिल्‍क प्‍लांट अब प्रदूषण को घटाने के लिए योजना लाया है। अब वीटा प्‍लांट ने 10 बायो गैस प्‍लांट लगवाया।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Tue, 20 Jul 2021 10:06 AM (IST)Updated: Tue, 20 Jul 2021 10:06 AM (IST)
हरियाणा में प्रदूषण को कम करने की कवायद, वीटा ने लगवाए 10 वायो गैस प्लांट
प्रदूषण से राहत को लेकर वीटा मिल्‍क प्‍लांट का कदम।

अंबाला, जागरण संवाददाता। वीटा मिल्क प्लांट प्रदूषण को रोकने के लिए कदम आगे बढ़ा रहा है। जिसमें सबसे पहले धुंए को रोकने के इंतजाम किए जा रहे हैं। वीटा में जहां लकड़ी, गोबर के उपलों का इस्तेमाल किया जाता है। उस पर काफी हद तक कटौती होगी। क्योंकि इस धुएं को कम करने के लिए 10 बायो गैस प्लांट लगवाए गए हैं। जिससे बायो गैस के चूल्हों का प्रयोग कराया गया।

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वहीं प्लांट में लगे बॉयलर को भी फसल अवशेष से चलाया जाता है। जिससे प्रदूषण बहुत कम होता है। प्रदूषण न हो इसके लिए चिमनियों में मॉनिटरिंग सिस्टम भी लगाए गए हैं। प्लांट में इस्तेमाल होने वाले पानी को जल उपचार करके पेड़ पौधों को दिया जाता है, जिससे जल संरक्षण हो रहा है। वहीं प्लांट के प्रांगण में पेड़ों की बढ़ोतरी भी हो रही है। लगभग 300 पेड़ इस समय प्रांगण में लगे हुए हैं। फसल अवशेषो को भी आधुनिक मशीनों द्वारा सरंक्षित करके पशु चारे के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इससे अवशेष जलाने में कमी आयी है और पर्यावरण स्वछ हुआ है। कार्यकारी अधिकारी राकेश कुमार ने अपील करते हुए कहा कि पर्यावरण को दूषित होने से बचाने के लिए अपनी ओर से भी जो प्रयास करने चाहिए।

तेजाब के इस्तेमाल पर भी लगाया जा चुका है अंकुश

वीटा मिल्क प्लांट में पहले हर महीने 800 किलोग्राम तेजाब की खपत होती थी। लेकिन वीटा इस पर रोक पहले ही लगा चुका है। दुग्ध संघ अंबाला (वीटा) की ओर से पर्यावरण को बचाने और कदम बढ़ाए गए थे। जिसमें सबसे पहले दूध की जांच में इस्तेमाल होने वाले तेजाब का प्रयोग करना बंद किया गया था। वहीं प्लांट ने 29 मिल्क कूलर की स्थापना भी की जा चुकी है। जिससे 14 मिल्क रूट बंद हो गए। जिसमें रोजाना 1300 किलोमीटर की दूरी तय की जाती थी। इसके साथ ही ऊर्जा की खपत कम करने के लिए सभी सेंटरों व डी.पी.एम.सी.यू में सोलर पैनल स्थापित किये जा रहे हैं। ऑनलाइन मानिटरिंग सिस्टम के तहत मिल्क रिपोर्ट एसएमएस के तहत भेजी जाती है। जिस से कागज का इस्तेमाल कम कर दिया गया है।


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