Kaithal: विकास कार्यों को लेकर जारी हुई थी 31.64 करोड़ की राशि, विजिलेंस ने कब्जे में लिया रिकार्ड
कैथल में 374 विकास कार्यों को मंजूरी मिली थी। इसमें से 259 विकास कार्यों के बिल विभाग के पास आए हैं और भुगतान भी हो चुका है। 80 ऐसे कार्य हैं जिनके बिल आए हैं लेकिन भुगतान नहीं हुआ। वहीं 35 ऐसे कार्य हैं न कोई भुगतान हुआ
कैथल, जागरण संवाददाता। कैथल जिला परिषद में इस साल जनवरी माह में 31 करोड़ 64 लाख रुपये की ग्रांट जारी हुई थी। इनमें से 15 लाख 82 हजार रुपये गली, चौपाल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, श्मशान घाट, नालियों के निर्माण कार्य पर खर्च होना था और 15.82 लाख रुपये गांव की सफाई के कार्य पर खर्च किया जाना था, लेकिन कई गांव में सफाई तो हुई नहीं, लेकिन फर्मों में खाता में राशि भेजे दी गई।
इस तरह से निर्माण कार्यों को लेकर भी कई गांव के लोगों ने अनियमितता बरतने का आरोप लगाते हुए जिला उपायुक्त को शिकायत दी थी। इसके बाद इस मामले में जांच शुरू हुई। अब विजिलेंस टीम इसकी जांच कर रही है। विजिलेंस टीम ने जिला परिषद का दौरा करते हुए करवाए गए विकास कार्यों को लेकर रिकार्ड कब्जे में लिया है। कौन-कौन से गांव में विकास कार्य हुए हैं, कितनी राशि अब तक जारी हो चुकी है, कितनी राशि के बिल अटके हुए हैं, इससे संबंधित पूरा रिकार्ड विजिलेंस टीम को उपलब्ध करवाया गया है।
तीन करोड़ 77 लाख का बजट विभाग के पास आया हुआ है
बता दें कि पूरे जिले में 374 विकास कार्यों को मंजूरी मिली थी। इसमें से 259 विकास कार्यों के बिल विभाग के पास आए हैं और भुगतान भी हो चुका है। 80 ऐसे कार्य हैं जिनके बिल आए हैं, लेकिन भुगतान नहीं हुआ। वहीं 35 ऐसे कार्य हैं न कोई भुगतान हुआ और न ही विभाग को कोई बिल मिला है। कुल 115 विकास कार्यों का भुगतान जिला परिषद से अभी तक नहीं हो पाया है। इनकी करीब 11 करोड़ रुपये का राशि बनती है। 259 विकास कार्यों की चार करोड़ 74 लाख रुपये की राशि जारी हो चुकी है। तीन करोड़ 77 लाख का बजट विभाग के पास आया हुआ है।
सफाई घोटाला को लेकर भी चल रही है विजिलेंस जांच
गांव की सफाई व ठोस तरल कचरा प्रबंधन मैनेजमेंट पर करीब 15 करोड़ 82 लाख रुपये का बजट जारी हुआ था। गांव में सफाई को लेकर करीब 11 करोड़ की राशि खर्च की गई, लेकिन गांव में सफाई तक नहीं हुई और पैसा फर्मों के खाता में डाल दिया गया। जब इसकी जांच हुई तो बड़ा गोलमाल सामने आया। भाजपा विधायक लील राम, पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रामपाल माजरा, जिला परिषद वार्ड नंबर सात से निवर्तमान पार्षद सुदेश उर्फ बबली, पूंडरी हलका से जजपा की टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़ चुके राजू पाई ने यह मामला उठाते हुए गोलमाल का आरोप लगाया था।
आरोप था कि गांव में सफाई के नाम पर करोड़ों रुपये का गबन किया गया। फर्जी बिल बनाए गए, लेकिन गांव में सफाई तक नहीं हुई। आरोप लगाया था कि इसमें फर्म मालिक व अधिकारियों की मिलीभगत से यह गोलमाल हुआ है। इसकी जांच होनी चाहिए। तत्कालीन उपायुक्त सुजान सिंह व सीएम विंडो पर इसकी शिकायत दी गई थी। इसके बाद इस मामले में जांच शुरू हु्ई थी।
जिला परिषद के कार्यकारी अधिकारी सुरेश राविश ने बताया कि 15.82 लाख रुपये की राशि से विभिन्न गांव में करवाए गए नालियों, गलियों, चौपाल व सामुदायिक केंद्रों के विकास कार्यों को लेकर विजिलेंस टीम ने रिकार्ड मांगा था, जो उपलब्ध करवा दिया है। गांव के विकास को लेकर जल्द ही अधिकारियों की बैठक बुलाकर जिप विकास प्लान तैयार किया जाएगा।