सामाजिक समस्याओं को दूर करने के लिए वैदिक संस्कार जरूरी : आचार्य सानंद
आचार्य सानंद ने कहा कि कहा कि समाज में भ्रष्टाचार चोरी डकैती व दुष्कर्म की घटनाएं तेजी से बढ़ती जा रही है। इन सबको रोकने का एक ही उपाय है कि समाज में वैदिक संस्कारों को अधिक से अधिक बढ़ावा दें।
जागरण संवाददाता, पानीपत : आचार्य सानंद ने कहा कि कहा कि समाज में भ्रष्टाचार, चोरी, डकैती व दुष्कर्म की घटनाएं तेजी से बढ़ती जा रही है। इन सबको रोकने का एक ही उपाय है कि समाज में वैदिक संस्कारों को अधिक से अधिक बढ़ावा दें। वैदिक सिद्धांत हमें उचित-अनुचित, अच्छा -बुरा, लाभ हानि में भेद करना सिखाते हैं। आचार्य आर्य समाज थर्मल कालोनी के 33 वें वार्षिक उत्सव में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि हमारे ऋषियों मुनियों ने अपने तपोबल व अध्ययन के बल पर समाज में उच्च संस्कारों के लिए अनेक पुस्तकें लिखी है। मां बाप, शिक्षक व समाज सेवी सभी का कर्तव्य है कि वह बच्चों में शुरु से ही अपने महापुरुषों के चरित्र, उनके द्वारा किए गए महान कार्यों के बारे में बताएं। इससे बच्चे बड़े होकर अच्छे नागरिक बन सकेंगे।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थर्मल के चीफ इंजीनियर एसएल सचदेवा ने कहा कि महर्षि दयानंद ने आर्य समाज के माध्यम से समाज में फैली हुई कुरीतियों को मिटाने का काम किया। आज भी हमें उनके दिखाए मार्ग पर चलना होगा।
कार्यक्रम में गुरुकुल कुरुक्षेत्र के प्राचार्य सत्यप्रकाश को शिक्षा क्षेत्र में दिए गए योगदान के लिए सम्मानित किया गया। डीएवी थर्मल कालोनी व पीटीपीएस स्कूल के मेधावी छात्रों को भी सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में भजनोपदेशक कुलदीप आर्य ने भजनों से लोगों का मन मोहा।
कार्यक्रम में महात्मा वेद पाल, अमित दिलबागी, सुरेश शर्मा, सूरजभान, महीपाल आर्य, अश्वनी खुराना, विजय कुमार, कृष्ण चंद्र, केवल सिंह, सुरेश भारद्वाज, अभिजीत, दिनेश पुरोहित, दामोदर आर्य मौजूद रहे।