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पानीपत में डॉक्‍टर दंपती का अनोखा पर्यावरण प्रेम, खाली जगहों में तैयार किए 5 नैनो जंगल

पानीपत में डॉक्‍टर दंपती को पर्यावरण से काफी प्रेम है। पर्यावरण संरक्षण के लिए जहां भी खाली प्‍लॉट देखते वहां पौधे लगा देते। ये हैं डा. राज रमन और उनकी पत्नी डा. हेमा रमन। अब तक पानीपत में पांच नैनो जंगल तैयार कर चुके हैं।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Tue, 15 Jun 2021 04:48 PM (IST)Updated: Tue, 15 Jun 2021 04:48 PM (IST)
पानीपत में डॉक्‍टर दंपती का अनोखा पर्यावरण प्रेम, खाली जगहों में तैयार किए 5 नैनो जंगल
पौधों में पानी देते डा. राज रमन और उनकी पत्नी डा. हेमा रमन।

पानीपत, [महावीर गोयल]। आमतौर पर डाक्टर का नाम लेंगे तो क्लीनिक में मरीजों का चेकअप करने वाले की छवि उभरेगी। पर पानीपत में एक डाक्टर दंपती ऐसा है, जो अस्पताल से समय निकालकर पौधों की सेवा करने पहुंच जाता है। डा. राज रमन और उनकी पत्नी डा. हेमा रमन ने शहर को हरा भरा बनाने के लिए पिछले दस साल से मुहिम छेड़ी हुई है। इनके दावे अनुसार, ये अब तक 9000 पौधे लगा चुके हैं। इनमें से ज्यादातर पेड़ बन चुके हैं। इस साल एक हजार छायादार पौधे लगाने का लक्ष्य है। तीन सौ लगा चुके हैं।

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सेक्टर 12 में इन्होंने नैनो पार्क-जंगल तैयार कर दिए हैं। डा. राज रमन ने बताया कि पानीपत की सेक्टर 12 में खाली पड़ी जमीन पर उन्होंने अब तक करीब पांच नैनो जंगल तैयार कर दिए हैं। यहां करीब 300 पेड़ लगा चुके हैं। अमरूद, आंवला, जामुन, इमली, नीम के पेड़ लगाए हैं। 1998 में डा. राज रमन दंपती दिल्ली से पानीपत आए। कहते हैं, दिल्ली में प्रदूषण अधिक था, इसलिए वहां से दूसरे शहर में रुख किया।

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स्किन स्पेशलिस्ट डा. राज रमन ने देखा कि पानीपत में भी औद्योगिक प्रदूषण अधिक है। उन्होंने पानीपत को हरा भरा बनाने की ठान ली। 2004 में शुरुआत अपने घर से की। पत्नी डा. हेमा के साथ सेक्टर 12 स्थित अपने घर के आसपास खाली पड़ी जमीन में पौधारोपण किया। वर्तमान में उनके द्वारा रोपित पौधे बड़े वृक्ष बन चुके हैं। घर के आसपास हरियाली देखते ही बनती है। सेक्टर में एरिया का नाम ही ग्रीन एवेन्यू रख दिया गया।

पानीपत में जहां-जहां खाली सरकारी जमीन उन्हें दिखाई देती है, वहां पौधारोपण किया जाता है। शहर को हरा भरा बनाने के इस कार्य में उनके ड्राइवर, माली भी साथ दे रहे हैं।

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इमारतें तो बना लेते हैं, पौधे नहीं लगाते

डा. राज रमन का कहना है कि समाज में सभी लोगों को थोड़ा सा श्रमदान करना चाहिए। अगर खुद पौधे नहीं लगा सकते तो माली की मदद से पौधे लगवाएं। लोग इमारतें तो बना लेते हैं लेकिन पौधे नहीं लगाते। सप्ताह में दो घंटे खुद श्रमदान करें। इससे आपका स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा। यही पौधे जब बड़े हो जाएंगे, तब छाया और फल देंगे। डाक्टर दंपती का बेटा चित्रांग एमबीबीएस कर रहा है, बेटी तमन्ना डाक्टर है।

इन जगहों पर हरियाली बढ़ाई

मित्तल मेगा माल के ठीक सामने जो जगह कभी वीरान दिखाई देती थी, वहां अब हरे भरे पेड़ खड़े हैं। नीम, अमरूद, जामुन, आंवला, शहतूत के पौधे लगाए। जीटी रोड से लेकर अग्रसेन चौक तक भी दंपती ने पौधे लगाए। जहां भी खाली सरकारी जमीन मिलती है, वहां पौधे लगाने पहुंच जाते हैं। बस स्टैंड को शिफ्ट किया जाना है। इन्होंने खाली जगह मांग ली है। कहा है कि शहर के बीचों-बीच वह हरियाली कर देंगे, इसका जिम्मा उन्हें दे। सांसद को उन्होंने ज्ञापन दिया है। टाटा एस गाड़ी में पानी का टैंकर रखते हैं। वन विभाग से पौधे लेकर निकल पड़ते हैं। जहां पौधे रोपे होते हैं, वहां पानी देते हुए निकलते हैं। पौधों के लिए एक ई रिक्शा अलग से ली हुई है।

डा. राज रमन, त्वचा रोग विशेषज्ञ,

शिक्षा : बीकानेर से एमबीबीएस, जयपुर से एमडी की।

राममनोहर लोहिया अस्पताल में सर्विस की।

डा.हेमा रमन, एमएस, पीएचडी बायो

दवाइयों की निर्यातक

मिशन : पेड़ लगाना, पानीपत को हरा भरा स्वच्छ बनाना


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