करनाल से करतारपुर तक अनूठी सफर, सरहद पर सरबत की भलाई का पैगाम
हरियाणा के करनाल से 250 श्रद्धालु करतारपुर तक की अनूठी यात्रा पर हैं। वे गुरु श्री नानकदेव की उदासियों की यात्रा के मार्ग से यह जत्था सरहद पर पहुंचेगी और सबके भलाई का पैगाम देगी।
करनाल, [पवन शर्मा]। कर्ण की नगरी करनाल का एक जत्था करतारपुर की अनूठी यात्रा पर है। यह जत्था ( सरहद पर सरबत की भलाई का पैगाम देने पहुंच रहे हैं। 250 यात्रियों का जत्था गुरुनानक देव की चार उदासियों के मार्ग स्थित उन तमाम स्थानों से एकत्र पावन जल और मिट्टी से करतारपुर गुरुद्वारा साहिब में पौधा रोपेगा, जहां गुरुजी की चरण छोह प्राप्त हुई थी। एक-एक पौधा भारत सीमा स्थित डेरा बाबा नानक व सुल्तानपुर लोधी में भी लगाया जाएगा। ये यात्री पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंका में 40,000 मील की यात्रा करके आए हैं। 6 फरवरी को सुलतानपुर लोधी होते हुए करनाल पहुंचकर वे अपने सफर को विराम देंगे।
गुरु नानकदेव की पावन उदासियों के मार्ग से लौटे 250 श्रद्धालु कर रहे अनूठी पहल
सिख धर्म के प्रथम गुरु गुरुनानक देव ने मरदाना, लहना, बाला व रामदास के साथ तीर्थयात्रा की थी। 1500 से 1524 तक कुल पांच यात्रा चक्रों में उन्होंने भारत, अफगानिस्तान, फारस और अरब के प्रमुख स्थानों का भ्रमण किया। इन्हीं यात्राओं को उदासियां कहा जाता है। उन्होंने अपने जीवन के अंतिम 18 वर्ष गुरुद्वारा करतारपुर साहिब में व्यतीत किए।
तय कर चुके ननकाना साहिब सहित चार उदासियों के मार्ग का 40000 मील का सफर, आज पहुंचेंगे करतारपुर
करनाल की सामाजिक संस्था नेशनल इंटीग्रेटेड फोरम ऑफ आर्टिस्ट एंड एक्टीविटीज निफा और शिरोमणि गतका फेडरेशन ऑफ इंडिया ने चार उदासियों के मार्ग पर यात्रा का निर्णय लिया था। यह गुरुनानक सद्भावना यात्रा गुरु नानकदेव के 550वें प्रकाश पर्व को समर्पित है। यात्रा के संयोजक प्रीतपाल सिंह पन्नु ने बताया कि 21 जुलाई 2019 को करनाल से शुरू यात्रा में पाकिस्तान, भारत, नेपाल, बांग्लादेश व श्रीलंका में गुरुनानक देव से संबंधित स्थानों पर गए।
उन्होंने कहा कि पूरे मार्ग में पौधे रोपकर व हर पेड़ ननकाना साहिब की पावन मिट्टी और जल से सींचकर पर्यावरण संरक्षण के लिए गुरुजी का संदेश देश-दुनिया में पहुंचाया गया। करनाल से मंगलवार को रवाना हुई यात्रा आज पाकिस्तान स्थित करतारपुर साहिब पहुंचेगी, जहां सरहद पार पौधा लगाकर सरबत को इंसानियत की भलाई व भाइचारे का संदेश दिया जाएगा।
एक-एक पौधा सरहद के इस पार डेरा बाबा नानक और सुल्तानपुर लोधी में भी लगाया जाएगा। पौधों को गुरुजी की चरण छोह प्राप्त सभी स्थानों से एकत्र पवित्र जल व मिट्टी से सींचा जाएगा। करनाल से यात्रा को बाबा सुखा ङ्क्षसह डेरा कार सेवा व शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के कार्यकारिणी सदस्य जत्थेदार भूपिंदर सिंह असंध ने रवाना किया। इससे पूर्व यात्री गुरु नानकदेव के करनाल आगमन के साक्षी ऐतिहासिक स्थल गुरुद्वारा मंजी साहेब में नतमस्तक हुए, जहां मुख्य ग्रंथी ज्ञानी जोगा सिंह ने गुरु के चरणों में अरदास लगाई।
अमृतसर व सुलतानपुर भी जाएंगे
शिरोमणि गतका फेडरेशन आफ इंडिया के प्रधान गुरतेज सिंह खालसा ने बताया कि करनाल के 250 यात्रियों सहित पंजाब से 70 साथी यात्रा का हिस्सा बने हैं। मंगलवार रात्रि डेरा बाबा नानक में रुकने के बाद बुधवार को नए कोरिडोर से करतारपुर साहिब पहुंचेंगे। अमृतसर दरबार साहिब में रात्रि विश्राम करके 6 फरवरी को सुल्तानपुर लोधी होते हुए यात्रा वापिस करनाल पहुंचेगी।
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