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कुरुक्षेत्र की पूनम का अनोखा आइडिया, ग्रामीण महिलाओं को ऐसे बनाया आत्मनिर्भर, कमा रही खूब पैसे

कुरुक्षेत्र की पूनम ने अपने अनोखे आइडिया से गांव की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया। नक्ष यूनीक प्रोडक्ट ग्रुप बनाकर महिलाओं को ग्रुप से जोड़ा और आंवले गोंद अलसी और पेठे के लड्डू बना रही है। अशिक्षित महिलाओं को रोजगार दे रहा रादौर के गांव धानुपुरा का नक्ष यूनीक प्रोडक्ट ग्रुप।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Tue, 07 Dec 2021 10:14 AM (IST)Updated: Tue, 07 Dec 2021 10:14 AM (IST)
कुरुक्षेत्र की पूनम का अनोखा आइडिया, ग्रामीण महिलाओं को ऐसे बनाया आत्मनिर्भर, कमा रही खूब पैसे
नक्ष यूनीक प्रोडक्ट ग्रुप बनाने वाली पूनम।

कुरुक्षेत्र, जागरण संवाददाता। 21वीं सदी में भी ग्रामीण क्षेत्रों की ज्यादातर महिलाएं काम के लिए घर से बाहर नहीं निकलना चाहतीं। रादौर के गांव धानुपुरा की पूनम ऐसी महिलाओं के लिए एक प्रेरणा बन रही हैं। उन्होंने दो साल पहले नक्ष यूनीक प्रोडक्ट ग्रुप बनाया था, जिसके बाद उन्होंने गांव की 12 महिलाओं को जोड़ा। ग्रुप आचार, आंवला, गोंद, अलसी और पेठे के शुगर फ्री लड्डू बना रहा है, जिसमें सभी महिलाएं उनका हाथ बंटाती है। मगर इनमें से एक भी महिला दूसरे जिलों या राज्यों में लगने वाले मेलों में आगे आकर स्टाल नहीं चलाना चाहती। यही वजह है कि पूनम को अपने ग्रुप में अकेले इसका बीड़ा उठाना पड़ा। उन्होंने कहा कि महिलाएं घर में रहकर काम करने में कोई कसर नहीं छोड़ती मगर वे घर से बाहर नहीं निकलना चाहती। 

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बाहर निकलने से ही मिलेगी सफलता 

पूनम बताती हैं कि उनके ग्रुप की ज्यादातर महिलाएं यही सोचती हैं कि उन्हें घर बैठे तो जितना मर्जी काम करवा लें। मगर वे घर से बाहर निकलने की हिम्मत नहीं जुटा पातीं। पूनम ने बताया कि वे बार-बार ग्रुप की महिलाओं को प्रेरित करती हैं कि वे अपने घर से बाहर निकले। बाहर निकलने से ही सफलता मिलती हैं। घर बैठे हुए उनकी सोच और समझ का दायरा नहीं बढ़ सकता। मगर फिर भी महिलाएं घर से बाहर नहीं निकलना चाहती। इसलिए हर जगह पर उन्हें ही जाना होता है। 

दीपावली पर बेचे थे एक क्विंटल पेठे के लड्डू

पूनम ने बताया कि भले ही उन्हें ग्रुप शुरू किए हुए दो ही साल हुए हों। मगर कोरोना काल भी उनके ग्रुप की महिलाओं के हौसलों को डगमगा नहीं पाया। यही वजह रही कि इस बार दीपावली पर उन्होंने सबसे ज्यादा पेठे का देसी खांड व देसी घी से बने हुए एक क्विंटल लड्डू बेचे हैं। अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में भी लड्डुओं की खासी डिमांड है। वे गीता महोत्सव में आचार, नमकीन के अलावा आंवला, मेथी, गोंद, अलसी और पेठे का लड्डू लेकर आई हैं, जिनकी कीमत 500 रुपये किलोग्राम है। उनका स्टाल ब्रह्मसरोवर में प्रवेश करने के दाहिनी तरफ कुछ ही दूरी पर है।


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