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दिलचस्‍प है अंबाला छावनी सीट का चुनाव, अनिल विज से मुकाबिल हैं दो महिलाएं Panipat News

अंबाला छावनी सीट में भाजपा से अनिल विज प्रत्‍याशी हैं वहीं कांग्रेस की वेणु अग्रवाल और कांग्रेस से बागी चित्रा सरवारा भी निर्दलीय चुनाव लड़ रहीं।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Wed, 16 Oct 2019 12:39 PM (IST)Updated: Wed, 16 Oct 2019 12:40 PM (IST)
दिलचस्‍प है अंबाला छावनी सीट का चुनाव, अनिल विज से मुकाबिल हैं दो महिलाएं Panipat News
दिलचस्‍प है अंबाला छावनी सीट का चुनाव, अनिल विज से मुकाबिल हैं दो महिलाएं Panipat News

पानीपत/अंबाला, [दीपक बहल]। अंबाला छावनी सीट पर मुकाबला दिलचस्प हो चुका है। तिकोने मुकाबले में कौन बाजी मारेगा, यह तो कहा नहीं जा सकता है, लेकिन इस बाद चुनावी नतीजे काफी दिलचस्प हो सकते हैं। अंबाला छावनी सीट की बात करें, अब तक हुए 12 चुनावों में से जहां 11 चुनावों में सीधा मुकाबला रहा है, वहीं सन 2005 में तिकोना मुकाबला भी देखने को मिला था। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज जहां पिछले पांच सालों में अंबाला छावनी में करवाए गए विकास के नाम पर जनता के बीच जाकर वोट मांग रहे हैं, वहीं कांग्रेस प्रत्याशी वेणु अग्रवाल अपनी पार्टी के चुनाव घोषणा पत्र को जनता के सामने रखकर वोट मांग रही हैं।

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इसी चुनावी जंग में तीसरा चेहरा कांग्रेस से बागी पूर्व मंत्री चौधरी निर्मल सिंह की बेटी चित्र सरवारा है। कांग्रेस में चित्र सरवारा अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की महासचिव के पद पर थीं और टिकट न मिलने पर कांग्रेस छोड़ दी। बेरोजगारी का समाधान और जनसमस्याओं का हल आदि मुद्दों को लेकर जनता के बीच जा रही हैं। वह अंबाला छावनी नगर निगम रह चुके वार्ड 16 से पार्षद भी चुनीं जा चुकी हैं। इनेलो खुलकर चित्र के समर्थन में उतर चुकी है। तीनों ही प्रत्याशी चुनाव मैदान में ताकत झोंक रहे हैं। हर दिन समीकरण बदल रहे हैं। इन हालातों में यह कहना मुश्किल हो रहा है कि कौन सा प्रत्याशी जीतेगा। जैसे-जैसे मतदान का दिन नजदीक आ रहा है, उसी तरह यह मुकाबला और दिलचस्प होता जा रहा है।

चौकाने वाले परिणाम सामने आ सकते हैं

मुकाबला तिकोना है और इस बार के परिणाम चौकाने वाले हो सकते हैं। चर्चाओं का बाजार गर्म है और परिणाम को लेकर भी दावे किए जा रहे हैं। चर्चाएं हैं कि जैसे-जैसे चुनाव प्रचार जोर पकड़ रहा है, उसी के साथ मुकाबला और कड़ा होता जा रहा है। पहले जहां चुनावी रेस में फासला बड़ा था, वह अब काफी कम होता दिख रहा है। इस रेस में कोई भी प्रत्याशी कभी भी किसी के बराबर या उससे आगे निकल सकता है। मतदाता भी 21 अक्तूबर को चुनावी रेस को लेकर अपना फैसला तो दे देंगे, जबकि नतीजे 24 अक्तूबर को तय कर देंगे कि इस रेस का बादशाह कौन रहा।

  • पिछले 10 चुनावों में इनकी हुई जीत
  • 1972 हंसराज सूरी/कांग्रेस
  • 1977 सुषमा स्वराज/जेएनपी
  • 1982 रामदास धमीजा/कांग्रेस
  • 1987 सुषमा स्वराज/बीजेपी
  • 1991 बृजआनंद/कांग्रेस
  • 1996 अनिल/आजाद
  • 2000 अनिल विज/आजाद
  • 2005 डीके बंसल/कांग्रेस
  • 2009 अनिल विज/भाजपा
  • 2014 अनिल विज/भाजपा

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