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रेनबो अस्पताल में एमआईएस-सी आशंकित दो और बच्चे भर्ती

कोरोना महामारी पोस्ट कोविड ब्लैक फंगस सहित तमाम दिक्कतों के साथ अब मल्टी-सिस्टम इंफ्लैमेटरी सिड्रोम इन चिल्ड्रन पानीपत में भी पैर पसारने लगा है। माडल टाउन स्थित रेनबो अस्पताल में बुधवार को दो बच्चे दाखिल हुए हैं।तीनों की एंटीबाडी टेस्ट से पता चला है कि कोरोना से गुजर चुके हैं। इनके माता-पिता भी एक माह पहले रिकवर हुए हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 03 Jun 2021 08:59 AM (IST)Updated: Thu, 03 Jun 2021 08:59 AM (IST)
रेनबो अस्पताल में एमआईएस-सी आशंकित दो और बच्चे भर्ती
रेनबो अस्पताल में एमआईएस-सी आशंकित दो और बच्चे भर्ती

जागरण संवाददाता, पानीपत : कोरोना महामारी, पोस्ट कोविड ब्लैक फंगस सहित तमाम दिक्कतों के साथ अब मल्टी-सिस्टम इंफ्लैमेटरी सिड्रोम इन चिल्ड्रन पानीपत में भी पैर पसारने लगा है। माडल टाउन स्थित रेनबो अस्पताल में बुधवार को दो बच्चे दाखिल हुए हैं।तीनों की एंटीबाडी टेस्ट से पता चला है कि कोरोना से गुजर चुके हैं। इनके माता-पिता भी एक माह पहले रिकवर हुए हैं।

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अस्पताल के निदेशक डा. गिरीश अरोड़ा ने बताया कि मल्टी-सिस्टम इंफ्लैमेटरी सिड्रोम (एमआइएस-सी) गंभीर रोग है। फिलहाल इसे कोविड-19 (सार्स कोविड-2) से जोड़कर देखा जा रहा है। बुखार, पेट में दर्द, आंखों में दर्द और लाल होना और उल्टी-दस्त जैसे लक्षण पोस्ट कोविड बच्चों में दिख रहे हैं। रेनबो में तीन बच्चे पहले से उपचाराधीन हैं, दो बुधवार को भर्ती किए गए हैं। पांचों बच्चों की केस हिस्ट्री सहित सूचना स्वास्थ्य विभाग को दी गई है।

डा. अरोड़ा के मुताबिक अभी तक भर्ती बच्चों के स्वाब सैंपल की रिपोर्ट बेशक नेगेटिव आई हो, लेकिन ये कोरोना से गुजर चुके हैं। इनके अभिभावक भी कोरोना पाजिटव रह चुके हैं। सुखद बात यह कि पांच बच्चे रिकवर हो रहे हैं। एमआइएस-सी के बच्चों में मामूली लक्षण दिखें तो तुरंत अनुभवी चिकित्सक के पास लेकर जाना चाहिए। यह है एमआइएस-सी

बच्चों में मल्टी सिस्टम इंफ्लैमेटरी सिड्रोम (एमआइएस-सी) एक ऐसी स्थिति है, जिसमें शरीर के विभिन्न हिस्सों में सूजन हो सकती है। इसमें हृदय, फेफड़े, गुर्दे, मस्तिष्क, त्वचा, आंखें या आंतें मुख्य हैं। एमआइएस-सी के लक्षण

-बच्चों को तेज बुखार आना

-आंखों का लाल होना

-शरीर में चकत्ते निकलना

-चेहरे पर सूजन होना

-ओठों पर सूजन

-हाथों की उंगलियों में सूजन

-नाखूनों का रंग पीला या नीला होना

-पेट में दर्द होना

-श्वास लेने में तकलीफ

-दिल की धड़कन बढना गंभीर स्थिति में जा सकती है जान

एमआइएस-सी बहुत कम बच्चों में देखा जा रहा है। यह बहुत खतरनाक बीमारी है। लक्षण सामान्य हैं तो इलाज संभव है। लापरवाही बरती तो बच्चे की जान भी जा सकती है। वयस्कों में अलग लक्षण

सिविल अस्पताल में पोस्ट कोविड उमंग क्लीनिक खुला हुआ है। यहां रोजाना 18-20 मरीज पहुंच रहे हैं। अधिकांश को कमजोरी, श्वास लेने में दिक्कत, तनाव और चेहरे पर सूजन है। उल्टी-दस्त और पेट दर्द के इक्का-दुक्का केस हैं, जबकि बच्चों में ये लक्षण समान हैं। नहीं मिला नोटिफिकेशन

डिप्टी सिविल सर्जन डा. शशि गर्ग ने बताया कि एमआइएस-सी की बाबत सरकार की ओर से नोटिफिकेशन नहीं है। हम अपने स्तर पर केसों पर निगाह रख रहे हैं। पीड़ित बच्चों की फोटो और नाम-पता सार्वजनिक नहीं करना चाहिए। सिविल अस्पताल में नहीं केस

सिविल अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ एवं एसएमओ डा. आलोक जैन ने बताया कि उमंग क्लीनिक और शिशु रोग ओपीडी में एमआइएस-सी का कोई केस नहीं आया है।


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