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जींद में पकड़ी गईं दो फर्जी इनकम टैक्स महिला अधिकारी, व्‍यापारियों को बनाती थीं शिकार

जींद में दो महिलाएं फर्जी इनकम टैक्स अधिकारी बनकर एक ज्वेलर की दुकान पर छापेमारी करते हुए पकड़ी गई। जिन्हें शहर थाना पुलिस आज अदालत में पेश करेगी और रिमांड पर लेगी।

By Manoj KumarEdited By: Published: Thu, 20 Aug 2020 12:21 PM (IST)Updated: Thu, 20 Aug 2020 12:21 PM (IST)
जींद में पकड़ी गईं दो फर्जी इनकम टैक्स महिला अधिकारी, व्‍यापारियों को बनाती थीं शिकार
जींद में पकड़ी गईं दो फर्जी इनकम टैक्स महिला अधिकारी, व्‍यापारियों को बनाती थीं शिकार

जींद, जेएनएन। जींद शहर के मेन बाजार में बुधवार देर शाम को दो महिलाएं फर्जी इनकम टैक्स अधिकारी बनकर एक ज्वेलर की दुकान पर छापेमारी करते हुए पकड़ी गई। जिन्हें शहर थाना पुलिस आज अदालत में पेश करेगी और पूछताछ के लिए रिमांड पर लेने की मांग करेगी। उनके गिरोह में कितने लोग हैं, अब तक कहां-कहां वारदता को अंजाम दे चुके हैं। इसकी पूछताछ की जाएगी। वहीं व्यापारियों ने इस मामले में एसआइटी गठित कर जांच कराने की मांग की है। व्यापारियों का कहना है कि अगर सही से जांच होती है, तो बड़े गिरोह का भंडाफोड हो सकता है।

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ज्वेलर के यहां छापेमारी से पहले ही पूरा प्लान बनाया गया था। अगर कोई पूछताछ करने लगे, उसके लिए एक व्यक्ति पहले से ही तैयार कर रखा था। फोन करने पर सामने वाले को कैसे हैंडल करना है, ये सब उसे बताया गया था। पुलिस ने उनके कार्यालय का नंबर मांगा, तो उक्त महिलाओं ने मोबाइल नंबर दिया। जिस पर फोन करते ही सामने वाले ने दोनों को इनकम टैक्स अधिकारी बताया। दोनों के खिलाफ मामला दर्ज हो चुका है। पुलिस पूछताछ में कई खुलासे हो सकते हैं। इससे पहले कितने लोगों को कहां-कहां शिकार बनाया। उनके साथ और कितने लोग जुड़े हैं।

ये था मामला

बुधवार देर शाम को रवि ज्वेलर के यहां दो महिलाएं पहुंची और खुद को दिल्ली आयकर विभाग की बड़ी अधिकारी बताते हुए शिकायत मिलने की बात कही। दोनों महिलाओं ने रौब झाड़ते हुए ज्वेलर से कहा कि आप इनकम टैक्स की चोरी कर रहे हो। जिसके साथ ही दोनों महिलाओं ने दुकान में रखे जेवरातों की गिनती के साथ-साथ गल्ले में मौजूद राशि को कब्जे में लेकर नंबर नोट करने शुरू कर दिए। 13 असली गहनों को अपने कब्जे में लेते हुए सौदेबाजी पर उतर आई। जिस पर ज्वेलर रवि को दोनों महिलाओं पर संदेह हो गया। दोनों महिलाओं ने ज्वेलर को सीसीटीवी बंद करने और पुलिस को बुलाने की बात कही। उसी दौरान काफी संख्या में आसपास के दुकानदार एकत्रित हो गए और दोनों महिलाओं को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया। हालांकि दोनों महिलाओं ने दुकानदारों को अपने आयकर विभाग के आई कार्ड भी दिखाए। साथ ही रवि ज्वेलर के खिलाफ वारंट भी दिखाए। महिलाओं ने अपना परिचय नोएडा सेक्टर 57 निवासी दिल्ली आयकर विभाग इनवेस्टिगेशन ऑफिसर संजुक्ता पराशर तथा दूसरी महिला ने अपना पता चावड़ी बाजार दिल्ली निवासी इनवेस्टिगेशन ऑफिसर कशिश मल्होत्रा बताया। यहां तक कि पुलिस हिरासत में भी जब उनके द्वारा बताए गए इनकम टैक्स दिल्ली ऑफिस के नंबर पर संपर्क साधा तो दोनों को इनकम टैक्स विभाग का अधिकारी बताया। जब मामले की गहनता से जांच हुई तो जिस नंबर पर पूछताछ के लिए फोन किया गया था वो भी गिरोह का निकला। पुलिस ने जब सख्ती से पूछताछ की तो दोनों ने अपनी पहचान मूलत: गांव निर्जन हाल आबाद कैथल निवासी स्वाति तथा बलबीर नगर शहादरा (दिल्ली) निवासी श्वेता वर्मा के रूप में बताई।

सेटिंग करके 13 जेवर मांगे

ज्वेलर रवि ने बताया कि दोनों महिलाओं ने आते ही आई कार्ड दिखाकर इनकम टैक्स अधिकारी बताया। महिलाओं ने कहा कि उनके खिलाफ दिल्ली में शिकायत हुई है और उनकी जांच करने की ड्यूटी लगी है। उसने सबसे पहले कैमरों को बंद करने के लिए कहा, लेकिन उसने कैमरे बंद करने की बजाए टीवी को ही बंद कर दिया। इसके बाद दोनों ने उसकी अलमारी को खोला और अलमारी से 13 जेवरात निकाल लिए। इसके बाद महिलाओं ने कहा कि उनको मोटा जुर्माना लग सकता है, इसलिए वह यहीं पर सेटिंग कर ले और यह 13 जेवरात उनको दे देगा तो वह बच जाएगा। इस पर रवि ने शक हो गया और उसने दुकान का शटर खोलकर दुकानदारों को आवाज लगा दी। इसके बाद दुकानदार मौके पर पहुंच गए । इस पर महिलाओं ने रौब दिखाया कि वह पुलिस को बुला लेते हैं और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी। दोनों महिलाओं की गतिविधियों पर दुकानदारों को शक हो गया और पुलिस को बुलाकर उनके हवाले कर दिया। पुलिस लगभग दो घंटे तक पूछताछ करती रही, लेकिन महिलाओं का रौब वहां पर भी कम नहीं हुआ। जब महिला पुलिस को बुलाकर सख्ताई से पूछताछ की तो दोनों ने सबकुछ उगल दिया।

फर्जी वारंट व आईकार्ड दिखाए

दोनों महिलाओं इनकम टैक्स अधिकारी जैसे असली आई कार्ड लिए हुए थी। इसके अलावा दिल्ली से छापेमारी का वारंट भी लिए हुए थे। बकायदा वारंट पर अधिकारी के हस्ताक्षर व मोहर लगी हुई थी। इसके बाद पुलिस ने उनके सीनियर अधिकारी का नंबर मांगा तो उसने एक नंबर दिया और सामने वाले ने उनको असली इनकम टैक्स अधिकारी बताया, लेकिन पुलिस को उसकी भी कहानी पर शक हुआ। इसके बाद स्थानीय आयकर विभाग के अधिकारियों से संपर्क करके दिल्ली का नंबर मांगा। वहां से पता चला कि ऐसे कोई भी अधिकारी उनके पास नहीं है और जींद में उनकी टीम ने कोई छापेमारी नहीं की। इसके बाद पुलिस सख्त हुई।


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