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जींद में नाबालिग को बना रहे थे दुल्‍हन, तभी कुछ ऐसा हो गया

चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 नंबर पर विभाग को सूचना मिली थी कि उचाना के सुदकैन खुर्द गांव में शादी हो रही है जिसमें दुल्हन नाबालिग है। टीम ने मौके पर पहुंच दूल्हा और दुल्हन के जन्म प्रमाण पत्र मांगे। इसमें लड़की की उम्र साढ़े 17 साल जबकि दूल्हे 25 साल थी।

By Pankaj KumarEdited By: Published: Sun, 22 Nov 2020 11:36 AM (IST)Updated: Sun, 22 Nov 2020 11:36 AM (IST)
जींद में नाबालिग को बना रहे थे दुल्‍हन, तभी कुछ ऐसा हो गया
सुदकैन खुर्द गांव में बालिग होने तक शादी नहीं करने को लेकर बयान लिखते सहायक बाल विवाह निषेध अधिकारी।

जींद, जेएनएन : महिला एवं बाल संरक्षण विभाग की टीम ने शनिवार रात जींद शहर और उचाना के सुदकैन खुर्द में बाल विवाह रूकवाया। दोनों की जगह दुल्हन बनी लड़कियों की उम्र 17 और साढ़े 17 साल थी लेकिन दूल्हे की उम्र 24 साल थी। विभाग द्वारा परिजनों से लिखित में दोनों बच्चों के बालिग होने तक शादी नहीं करने का ब्यान लिया गया।

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चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 नंबर पर विभाग को सूचना मिली थी कि उचाना के सुदकैन खुर्द गांव में शादी हो रही है, जिसमें दुल्हन नाबालिग है। इस पर सहायक बाल विवाह निषेध अधिकारी रवि लोहान, एसआई राजबीर सिंह, महिला सिपाही पूनम, एसपीओ सतीश कुमार मौके पर पहुंचे। पंजाब के डेराबसी से बारात आई थी। टीम ने मौके पर पहुंच दूल्हा और दुल्हन के जन्म प्रमाण पत्र मांगे। इसमें लड़की की उम्र साढ़े 17 साल पाई गई, जबकि दूल्हे की उम्र 25 साल थी। लड़की केवल 10वीं तक ही पढ़ी थी। इस पर विभाग ने दूल्हा और दुल्हन पक्ष से बालिग होने तक शादी नहीं करने के लिखित में बयान दर्ज करवाए गए। इसके बाद विभाग को सूचना मिली की अर्बन एस्टेट कॉलोनी की जाट धर्मशाला में भी शादी-समारोह चल रहा है, जहां लड़की की उम्र विवाह योग्य नहीं है। विभाग की टीम जाट धर्मशाला में पहुंची, जहां मंडप सजा हुआ था। टीम द्वारा दूल्हा और दुल्हन के जन्म प्रमाण पत्र जांचे तो इसमें लड़की की उम्र मात्र 16 साल की थी, जबकि लड़के की उम्र 24 साल मिली। बारात शिव कॉलोनी से पहुंची थी। 

दो महीने में रुकवाए 8 बाल विवाह

सहायक बाल विवाह निषेध अधिकारी रवि लोहान ने बताया कि पिछले दो महीने में बाल विवाह के 8 मामले सामने आए, जिनमें टीम ने मौके पर पहुंच शादी को रूकवाया। सूचना मिलते ही विभाग की टीम मौके पर पहुंच जाती है। रवि लोहान ने बताया कि बाल विवाह के ज्यादातर मामलों में ऐसा देखने में आया है कि या तो लड़की और लड़का के परिवार के लोग अनपढ़ होते है और लड़का-लड़की भी कम पढ़े-लिखे होते हैं।


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