कोरोना योद्धाओं को सम्मान, कोविड काल में पानीपत में दो आशा वर्कर्स की हुई मौत, एनएचएम से मिली राहत राशि
दोनों के पतियों को तीन-तीन लाख रुपये के चेक सौंपे गए। अटावला और मतलौडा की आशा वर्कर की मौत हुई थी। आशा वर्करों ने कोरोना संक्रमण के काल में स्वास्थ्य की कमान संभाली गांवों में सर्वे किया। लोगों को जागरूक किया।
पानीपत, जेएनएन। कोविड काल में जिले की दो आशा वर्कर्स की मौत हो चुकी है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की ओर से दोनों के पतियों को तीन-तीन लाख रुपये की राहत राशि सौंपी गई है।
बता दें कि मृतकों में गांव अटावला की वर्कर भी है, जिसकी मौत कोरोना वैक्सीन का टीका लगवाने के चंद दिनों बाद हुई थी। स्वजनों,अन्य आशा वर्कर्स, ट्रेड यूनियनों के पदाधिकारियों ने सिविल अस्पताल में दो दिन प्रदर्शन भी किया था। एनएचएम के जिला नोडल अधिकारी डा. नवीन सुनेजा ने बताया कि पीएचसी सींक अधीन गांव अटावला में कविता पत्नी सुरेश की 12 फरवरी 2021 को हुई थी। मतलौडा की आशा वर्कर कुसुम पत्नी नरेश की मृत्यु 18 नवंबर 2020 को हुई थी। दोनों के पति को अनुग्रहपूर्वक राशि का चेक सौंपा गया है। इस मौके पर जिला आशा कोर्डिनेटर पूनम भी मौजूद रहीं।
गांव-गांव में किया सर्वे
आशा वर्करों ने कोरोना संक्रमण के दौरान सेवा का बड़ा कार्य किया है। गांव-गांव में जब हेल्थ चेकअप सर्वे हुआ तो आशा वर्करों ने कमान संभाली। थर्मल स्क्रीनिंग के अलावा कोरोना संक्रमितों के घर दवाइयां पहुंचाईं। आशा वर्करों के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता।
पानीपत में 900 आशा वर्कर
पानीपत जिले में करीब 900 आशा वर्कर हैं, जो स्वास्थ्य विभाग को रिपोर्ट करती हैं। गर्भवती महिलाओं की रिपोर्ट रखना, बच्चों के बारे में रिजस्टर में जानकारी रखना, उनका टीकाकरण कराना, ग्रामीणों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना, जैसे काम इनके जिम्मे होते हैं।
पल्स पोलियो उन्मूलन अभियान संभाला
आशा वर्करों ने ही पल्स पोलियो उन्मूलन अभियान संभाला था। इनकी बदौलत ही पानीपत जिला पोलियो मुक्त हो सका। कई बार प्रदेश सरकार ने आशा वर्करों की सेवाओं की सराहना की है। आशा वर्करों के पास अपना एक एरिया होता है, जहां पर इनकी नजर रहती है। चौपालों में जाकर काम करती हैं। सरकार की योजनाओं को अमली जामा पहनाने की जिम्मेदारी इनके कंधों पर रहती है।
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