सीबीआइ के दो बड़े आरोपों को अदालत ने माना गंभीर
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : हरियाणा के पूर्व स्पीकर को जिन मामलों में सजा हुई, उसमें अदालत ने
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : हरियाणा के पूर्व स्पीकर को जिन मामलों में सजा हुई, उसमें अदालत ने सजा देने के लिए सीबीआइ की ओर से आरोपियों पर लगाई गई गंभीर धाराओं को आधार बनाया। इफको रेट इंटरेस्ट घोटाले में सीबीआइ की ओर से दो बड़े आरोप लगाए गए, जिन्हें अदालत ने गंभीर मानते हुए सजा सुनाई। इसमें एक आरोप यह था कि इफको ने चार करोड़ रुपये का निवेश यूको बैंक में किया, मगर उसी दिन यह रकम शेयर ब्रोकर हर्षद मेहता के खाते में पहुंच गई। हालाकि 91 दिन बाद यह पूरी रकम ब्याज इफको के खाते में ब्याज सहित लौटा दी गई। मगर सरकारी रुपये का यूको बैंक के बजाय किसी निजी शेयर ब्रोकर के खाते पहुंचना बेहद गंभीर बात है। चार करोड़ रुपये हर्षद मेहता के खाते में पहुंचना ही अपने आपमें एक बड़ा गबन या घोटाला है।
सतबीर कादियान इफको के चेयरमैन थे और यूको बैंक के तीन कर्मचारियों सहित दो अन्य लोगों की इसमें मिलीभगत रही। इन पर दूसरा आरोप यह भी लगाया गया है कि इफको का करीब 33 करोड़ रुपया यूको बैंक के बजाए किसी अन्य बैंक में भेजा गया। इससे 1 प्रतिशत कम ब्याज मिला और इफको को 15 लाख रुपये का नुकसान हुआ। बतातें चलें कि हर्षद मेहता उस समय का बड़ा शेयर ब्रोकर था, जिसने इसी तरह के कई घोटाले कर देश की पूरी अर्थव्यवस्था हिला दी थी। सीबीआइ ने अदालत से कहा कि इफको का रुपया किसानों के विकास के लिए होता है। ऐसे में इस तरह के घोटाले की वजह से ही आज तक देश में किसानों को आत्महत्या करनी पड़ रही है।