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विदेश जाने का है अरमान तो जरा बचके, आप भी कबूतरबाजों के चक्‍कर में कहीं गवां न बैठे लाखों

अब इंग्‍लैंड भेजने के नाम पर ठगी का मामला सामने आया है। दो एजेंट भाइयों ने चार लोगों से 47 लाख रुपये ठग लिए।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Wed, 05 Aug 2020 03:09 PM (IST)Updated: Wed, 05 Aug 2020 03:09 PM (IST)
विदेश जाने का है अरमान तो जरा बचके, आप भी कबूतरबाजों के चक्‍कर में कहीं गवां न बैठे लाखों
विदेश जाने का है अरमान तो जरा बचके, आप भी कबूतरबाजों के चक्‍कर में कहीं गवां न बैठे लाखों

पानीपत/कुरुक्षेत्र, जेएनएन। विदेश जाने का अरमान अगर देख रहे हैं तो जरा संभलकर। कहीं ऐसा न हो कि आप लाखों गवां बैठें और विदेश भी न जा पाएं। कुछ ऐसे ही कबूतरबाज यानी विदेश भेजने वाले एजेंट सक्रिय है। लगातार ऐसे एजेंटों के खिलाफ शिकायत सामने आ रही है। अब कुरुक्षेत्र में भी दो एजेंट भाइयों ने चार लोगों से 47 लाख रुपये ठग लिए। एजेंटों ने उन्‍हें इंग्‍लैंड भेजने का वादा किया था। 

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दिल्ली के दो एजेंट भाइयों ने जिले के चार लोगों के साथ इंग्लैंड भेजने के नाम पर 47 लाख रुपये की ठगी कर ली। इनमें से दो को इंग्लैंड का वीजा न लग पाने पर कंबोडिया भेजने का झांसा दिया था। आरोपित मूल रूप से पंजाब के बठिंडा का रहने वाला है । धर्मेंद्र सिह वासी गांव झीवरहेड़ी ने थाना झांसा में शिकायत दी है। उसने बताया कि खेती बाड़ी करता है। उसने बताया कि 2018 में उसकी बुआ का लड़का अमरीक सिंह इंग्लैंड गया था। उसका भी इंग्लैंड जाने का मन किया। 

उसने नवंबर 2018 में बुआ के लड़के से बात कर एजेंट अमरदीप सिंह और उसके भाई विक्की वासी बठिंडा पंजाब हाल श्रीनगर शाकुर बस्ती रानी बाग नई दिल्ली से इंग्लैंड जाने के लिए फोन पर बात की। उसने उसको 14 लाख रुपये में इंग्लैंड भेजने का भरोसा दिया। उसके परिजनों ने उसको इंग्लैंड जाने की परमिशन दे दी। उसने कुरुक्षेत्र आने पर कागजात, पासपोर्ट, आधार कार्ड, फोटो और एक लाख रुपये नकद तैयार रखने की सलाह दी। उसने अपने भाई राजिंद्र सिंह के साथ उसको पिपली चौक पर कागजात, पासपोर्ट और एक लाख रुपये दिए दे दिए। 

अमरदीप सिंह व उसके भाई ने उसको 10 दिन इंग्लैंड का छह महीने का टूरिस्ट वीजा लगवाने की कही। दो दिन बाद अमरदीप सिंह ने उसको दिल्ली एंबेसी में अपनी फाइल जमा करवाने के लिए बुलाया। अमरदीप सिंह ने उसको पहाड़गंज चौक स्थित एक होटल में बुलाया। उसकी फाइल एंबेसी में जमा करा दी। उसने चार-पांच दिन बाद फोन इंग्लैंड का वीजा लगने की बात कही। इसके तीन दिन बाद वीजा में दिक्कत आने की बात कही। उसको फिर से दिल्ली बुला लिया। वह अगले दिन दिल्ली उसी होटल में अमरदीप सिहं से मिला। उसके कहने पर अपना पासपोर्ट जमा करवा दिया। उसको बाद में घर भेज दिया। दिसंबर 2018 में अमरदीप सिंह उसको फोन कर एंबेसी से वीजा संबंधित लेटर लेने के लिए दिल्ली बुलाया। उसने लेटर लेकर अमरदीप सिंह को दे दिया। उसने वीजा क्लीयर होने की बात कही और उसकी 26 जनवरी 2019 के लिए इंग्लैंड का टिकट करवा दिया। वह सुबह ही अपना सामान लेकर दिल्ली पहुंच गया।

हवाई अड्डे पर अधिकारियों ने उसको फ्लाइट से नीचे उतार लिया और पासपोर्ट चेक कर वीजा रिफ्यूज होने की बात कही। वह दूसरी फ्लाइट से वापस दिल्ली आ गया। वहां वेरिफिकेशन कराकर सीधा एजेंट अमरदीप सिंह से मिला। यहां उसका भाई भी मौजूद था। वह इसके बाद वापस अपने गांव आ गया। फरवरी 2019 में अमरदीप सिंह का फिर फोन आया और उसका वीजा क्लीयर होने की जानकारी दी। 

उसने उसके कहने पर 27 फरवरी को साढ़े सात लाख रुपये उसके बताए खाते में ट्रांसफर कर दी। इसके बाद चार लाख और मांगे। उसके बताए एक अन्य खाते में चार लाख रुपये दो मार्च 2019 ट्रांसफर कर दिए। उसके 12.50 लाख लेने के बाद एक महीने बीत जाने के बाद भी फ्लाइट नहीं करवाई। वह शक होने पर अमरदीप सिंह से पैसे वापस मांगने लगा, लेकिन उसको पैसे नहीं लौटाए। 

उसके पड़ोसी गांव के गुरवंत सिंह वासी हसनपुर ने जनवरी 2019 में इंग्लैंड जाने के लिए अमरदीप सिंह के पास फाइल लगाई थी। अमरदीप सिंह ने उसको 15-20 दिन बाद इंग्लैंड भेज दिया। गुरवंत सिंह के इंग्लैंड जाने के बाद कर्मजीत सिंह वासी डेरा गुरमुलिया गांव हंसाला और मनदीप सिंह वासी हंसाला फरवरी 2019 में उसके पास आए और इंग्लैंड जाने की बात कही। उसने उन दोनों की अमरदीप सिंह एजेंट से अपने फोन पर बात करवा दी। इसके बाद दोनों ने उससे सीधे बात कही। 

एक दूसरे की फाइल दिखाकर देता रहा झांसा 

कुछ दिन बाद कर्मजीत सिंह और मनदीप सिंह ने उसको बताया कि एजेंट अमरदीप सिंह ने उसको इंग्लैंड सीधा भेजने की बजाय किसी दूसरे देश से भेजने की बात कही। जुलाई 2019 में गांव का राजिंद्र सिंह वासी झीवरहेड़ी ने उसको फोन कर उसकी फ्लाइट के बारे में पूछा। राजिंद्र सिंह कहने लगा कि कर्मजीत सिंह और मनदीप सिंह भी उसी एजेंट ने भेजे हैं। उसने एजेंट अमरदीप सिंह का नंबर दे दिया। उसने करीब डेढ़-दो माह बाद कर्मजीत सिंह के पिता बलबीर सिंह से पता चला की एजेंट अमरदीप सिंह ने कर्मजीत सिंह, मनदीप सिंह व राजिंद्र सिंह को कंबोडिया में ही रोककर कर्मजीत सिंह से 3.50 लाख रुपये और मनदीप सिंह से 18-19 लाख और राजिंद्र सिंह से 13 लाख रुपये ले लिए है। इसके बाद नवंबर 2019 में गांव के राजिंद्र सिंह से मिला। उसने कहा कि अमरदीप सिहं ने उन्हें इंग्लैंड नहीं भेजा है। कर्मजीत सिंह के बाद मनदीप सिंह और उसे भी वापस भेज दिया। अमरदीप सिंह ने उससे 12.50 लाख, मनदीप सिंह से 18-19 लाख, कर्मजीत सिंह से 3.50 लाख रुपये और राजिंद्र सिंह से 13 लाख रुपये इंग्लैंड भेजने के नाम पर धोखाधड़ी कर हड़प लिए गए।


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