ट्विन सिटी में अवैध रूप से लग रहे होर्डिंग, जानें निगम को कैसे हो रहा करोड़ों का घाटा
यमुनानगर नगर निगम एरिया में विज्ञापन की साइटों के लिए तीन साल से टेंडर नहीं हुआ है। गत माह टेंडर जरूर काल किया गया लेकिन प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई। अब आलम ये है कि अवैध रुप से होर्डिंग लगाने की होड़ मची हुई है।
यमुनानगर, जागरण संवाददाता। अवैध निर्माण को लेकर सुर्खियां बटौर रही ट्विन सिटी में अवैध रूप से होर्डिंग लगाने की हौड़ लगी हुई है। न केवल चौक-चौराहों बल्कि शहर के पाश एरिया में जगह-जगह राजनीतिक, सामाजिक व व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के होर्डिंग लगे हुए हैं। स्ट्रीट लाइटों के पोल को भी नहीं बख्शा जा रहा है। निगम की टीम कभी कभार कुछेक होर्डिंग उतारकर कारवाई के नाम पर इतिश्री कर लेती है। हालांकि निगम की ओर से 60 साइट के लिए टेंडर काल किया हुआ है, लेकिन सिरे न चढ़ने के कारण सलाना एक करोड़ रुपये से अधिक का घाटा हो रहा है। उधर, पार्षद सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि अपने चहेतों को लाभ देने के लिए टेंडर प्रक्रिया को अंतिम रूप नहीं दिया जा रहा है।
तीन वर्ष से चल रहा खेल
नगर निगम एरिया में विज्ञापन की साइटों के लिए तीन साल से टेंडर नहीं हुआ है। गत माह टेंडर जरूर काल किया गया, लेकिन शर्तें पूरी न कर पाने कारण प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई। पालिसी न बन पाने के कारण टेंडर नहीं हो पाए थे। जिसके चलते शहर में अवैध रूप से होर्डिंग लगते रहे हैं। निगम एरिया में यूनिपोल, बस क्यू शेल्टर व सार्वजनिक शौचालयों पर अवैध रूप से विज्ञापन बोर्ड लगते रहे हैं। हालांकि हाउस की बैठक में कई बार यह मुद्दा उठा है, लेकिन अधिकारियों ने भी गंभीरता से नहीं लिया।
मंत्री को की जा चुकी शिकायत
नगर निगम अधिकारियों की अनदेखी के चलते तीन साल से निगम की साइट पर अवैध रूप से होर्डिंग्ज लगाने का खेल चल रहा है। निगम की ओर से इसका टेंडर नहीं किया गया। बावजूद इसके साइटों पर विभिन्न कंपनियों के विज्ञापन लगे हुए देखे जा सकते हैं। तीन साल की इस अवधि में निगम को करीब 47 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है। इस मामले की शिकायत गत माह तत्कालीन शहरी स्थानीय निकाय मंत्री को भी की जा चुकी है। उसके बाद आनन-फानन में एक एजेंसी को नोटिस भी दिया गया। वहीं, दूसरी ओर नगर निगम आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहा है। विकास कार्य बाधित हो रहे हैं। सरकार निगम के साधनों से आमदन बढ़ाने पर जोर दे रही है।
रेट घटाकर लगाए टेंडर
विज्ञापन साइटों के लिए निगम की ओर से पहली बार 209 रुपये प्रति स्केयर फुट प्रति वर्ष रेट निर्धारित किया गया। किसी भी एजेंसी ने टेंडर प्रक्रिया में भाग नहीं लिया। उसके बाद 150 रुपये रेट रखा गया। इस दौरान भी एक भी एजेंसी आगे नहीं आई। उसके बाद 112 व अब 80 रुपये प्रति स्केयर फुट प्रति वर्ष रेट निर्धारित किया गया। हर बार 25 प्रतिशत घटते चले गए। इतने कम रेट में भी एजेंसियां दिलचस्पी नहीं ले रही हैं।
साइटों की संख्या भी हुई कम
निगम अधिकारियों ने विज्ञापन की साइटों की संख्या भी घटाई है। शुरुआती दौर में इनकी संख्या 100 थी। उसके बाद 80 कर दी गई। अब संख्या घटाकर 60 कर दी गई है। इन साइटों का चयन एजेंसी को खुद करना होगा। साइट का निर्धारण एजेंसी स्वयं करेगी, लेकिन निगम से मंजूरी लेनी होगी। साइटों के साथ रिर्जव प्राइज भी कम किया गया है। पहली बार लगाए गए टेंडर के मुताबिक सात करोड़ 50 लाख रुपये रखा था। उसके बाद घटकर तीन करोड़ 66 लाख, फिर एक करोड़ 82 लाख और अब केवल 96 लाख रुपये रिर्जव प्राइज रखा गया है।
जल्द पूरी हो टेंडर प्रक्रिया
वार्ड नंबर चार से पार्षद देवेंद्र कुमार व पांच से विनय कांबोज का कहना है कि शहर में हर तरफ अवैध रूप से होर्डिंग लगे हुए हैं। सत्ता पक्ष के होर्डिंग उतारने से भी गुरेज किया जाता है जबकि विपक्ष के नेताओं के होर्डिंग हटवा दिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारी जान बूझकर टेंडर पक्रिया को लटका रहे हैं। इससे निगम को आर्थिक नुकसान हो रहा है।
टेंडर प्रक्रिया चल रही है
नगर निगम कमिश्नर अजय सिंह तोमर ने बताया कि विज्ञापन की साइटों के लिए टेंडर प्रक्रिया चल रही है। रेट अधिक होने के कारण किसी भी एजेंसी ने टेंडर प्रक्रिया में भाग नहीं लिया था। इसलिए टेंडर रिकाल किया गया है। अवैध रूप से लगाए गए होर्डिंग हटवा दिए जाएंगे।