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कोरोना से मरीजों की टूटती सांस में जान डालने को खर्च हुआ 20 टन ऑक्सीजन, अबकी बार नहीं मचेगी हाहाकार

स्वास्थ्य विभाग ने नागरिक अस्पताल छावनी में लगे 5 टन के टैंक में ऑक्सीजन रिफिल करने के लिए आइनाक्स कंपनी को ठेका दे रखा है। इस कंपनी को ऑक्सीजन टैंक में लगे मीटर की सूई लाल निशान को छूटे ही डिमांड भेजी जाती है।

By Naveen DalalEdited By: Published: Sun, 26 Dec 2021 08:29 AM (IST)Updated: Sun, 26 Dec 2021 08:29 AM (IST)
कोरोना से मरीजों की टूटती सांस में जान डालने को खर्च हुआ 20 टन ऑक्सीजन, अबकी बार नहीं मचेगी हाहाकार
अब आक्सीजन जनरेटर प्लांट से मरीजों को मिलेगा प्राण वायु।

अंबाला, जागरण संवाददाता। कोरोना की दूसरी लहर कहें या फिर सुनामी, सांस लेने में दिक्कत होने पर अस्पताल पहुंचे मरीजों की टूटती सांस में जान डालने के लिए एक महीने में ही 20 टन आक्सीजन की खपत अकेले नागरिक अस्पताल छावनी में हुई थी। अस्पताल परिसर में लगे पांच टन के टैंक को एक बार रिफिल करने पर 26 दिनों तक अस्पताल में भर्ती मरीजों को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा जाता था। इसमें इमरजेंसी से लेकर अन्य वार्ड में दाखिल मरीजों को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा जाता था।

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अप्रैल 2021 के पहले 26 दिनों में खर्च होता रहा 5 टन ऑक्सीजन

पहले तो सबसे अधिक ऑक्सीजन की खपत आप्रेशन थियेटर और इमरजेंसी में दाखिल होने वाले मरीजों पर होती थी। अब कोरोना वार्ड में 60 बेडों पर दाखिल होने वाले मरीज की टूटती सांस में जान डालने पर करीब 5 टन ऑक्सीजन सिर्फ 4 से 6 दिन में ही खर्च होते रहे। इसे देखते हुए अब अस्पताल में आक्सीजन जनरेटर प्लांट लग चुका है, इससे प्रति मिनट 1000 लीटर आक्सीजन तैयार होगी जो सीधे मरीजों के बेड तक पहुंचेगी। बस इसके लिए अब जनरेटर सेट को स्थापित करके कनेक्शन किया जाना है।

शिफ्टों में लगी 8 अप्रेटर की ड्यूटी

नागरिक अस्पताल परिसर में लगे टैंक पाइप लाइन के माध्यम से आक्सीजन की सप्लाई बनी रहे, इसके लिए 8 अप्रेटर की ड्यूटी शिफ्टों में लगी है। प्रत्येक शिफ्ट में दो आप्रेटर की ड्यूटी लग रही है। बाकी के दो अप्रेटर को रिजर्व रखा जाता है, जो अस्पताल में भर्ती मरीज के बेड तक ऑक्सीजन पहुंचने में परेशानी को दूर करने का काम करते हैं।

चंडीगढ़ से आइनाक्स कंपनी देती है ऑक्सीजन की सप्लाई

स्वास्थ्य विभाग ने नागरिक अस्पताल छावनी में लगे 5 टन के टैंक में ऑक्सीजन रिफिल करने के लिए आइनाक्स कंपनी को ठेका दे रखा है। इस कंपनी को ऑक्सीजन टैंक में लगे मीटर की सूई लाल निशान को छूटे ही डिमांड भेजी जाती है। डिमांड भेजने के पांच घंटे के भीतर कंपनी को ऑक्सीजन से भरे टैंकर को नागरिक अस्पताल परिसर में पहुंचाना होता है।

170 ऑक्सीजन सिलेंडर की डिमांड मुख्यालय को भेजे

नागरिक अस्पताल छावनी के डिप्टी मेडिकल सुप्रिटेंडेट डा. विनय गोयल के अनुसार मुख्यालय को 170 ऑक्सीजन सिलेंडर भेजने के लिए डिमांड किया गया है। इसमें 100 बड़े और 70 छोटे ऑक्सीजन सिलेंडर होंगे। अस्पताल में छोटे बड़े मिलाकर कुल करीब 200 ऑक्सीजन के सिलेंडर की व्यवस्था है। इसमें छोटे सिलेंडर को अस्पताल के ऐसे बेडों पर भर्ती मरीजों के लिए ऑक्सीजन दिया जाता है, जहां पाइप से नहीं हो सकती है।


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