सफर लॉक, बसों की संख्या भी डाउन
लॉकडाउन के बाद से ही रोडवेज बसों से लोगों ने यात्रा करना कम कर दिया है। ऐसे में रोडवेज विभाग को घाटे में भी कुछ बसें चलानी पड़ रही हैं।
जागरण संवाददाता, पानीपत :
लॉकडाउन के बाद से ही रोडवेज बसों से लोगों ने यात्रा करना कम कर दिया है। कहा जाए तो यात्रियों ने कोरोना से बचाव के लिए खुद के सफर पर लॉक लगा लिया है। यात्रियों के न होने के कारण दिनभर स्टैंड में बसें खड़ी रहती हैं। सरकार ने 50 फीसद बसें चलाने की अनुमति विभाग को दी है। पानीपत डिपो की बात करें तो यहां कुल 150 बसें हैं और रोज 20 फीसद बसें ही चल पा रही हैं। जो बसें चल रही है वो भी घाटे में ही चलाई जा रही हैं। रोडवेज से रोजाना 25 से 30 के बीच में बसें चलती हैं। इसमें रोहतक, अंबाला, जींद व दिल्ली को छोड़ बाकी रूट पर सवारियां ही नहीं मिलती।
दो माह से बिना रोटेशन के चल रही हैं बसें
रोडवेज बस पिछले दो माह से बगैर रोटेशन के चल रही है। इसका मतलब जिस रूट पर सवारी ज्यादा होगी, उसी रूट पर बसें चलाई जाएंगी। ऐसे में जिन रूटों पर कम सवारियां होती हैं वहां बसें नहीं जाती। एक बस में कम से कम 15 सवारी होनी जरूरी हैं। तभी किसी रूट पर बसें चल सकती हैं। कई रूट तो ऐसे हैं, जिसमें 4 से 8 सवारी ही बन पाती हैं, लेकिन शाम तक भी सवारी नहीं होने के कारण बस कैंसिल कर दी जाती है। रविवार को अब तक इन रूट पर चली बसें
रविवार को अंबाला के लिए 9, रोहतक 7, दिल्ली 2, जींद 2 व बहालगढ़ की 2 बसें ही चल सकी। बाकी रूट सवारियां नहीं होने के कारण बंद रहे। जानिए..पिछले 6 दिन में कितनी चली बसें
तिथि इतनी चली बसें
11 मई 28
12 मई 29
13 मई 30
14 मई 30
15 मई 24
16 मई 22 डिपो के अंदर नहीं करने दिया जाता बसों को प्रवेश
लॉकडाउन के बाद से ही दूसरे डिपो की बसों को बाहर से ही जीटी रोड पर खड़ी कर सवारियों का इंतजार करती हैं और जब सवारी बनती है तो ही चलती हैं। डिपो की जो बसें अंदर आती है। उनको पहले ब्लीचिग पाउडर से साफ किया जाता है और सैनिटाइज का छिडकाव किया जाता है। सवारी कम होने से नहीं चल पा रही बसें
सवारियां नहीं बनने के कारण बसें चल नहीं पा रही हैं। पिछले कई दिनों से 20 व 22 बसें ही चल रही हैं। किसी भी रूट पर सवारियां नहीं बन रही।
रमेश कादियान, स्टेशन सुपरवाइजर, रोडवेज पानीपत।