Move to Jagran APP

Haryana के 21 नर्सिंग कॉलेज सामने आया फर्जीवाड़ा, फर्जी एनओसी पर चल रहे

आरटीआइ में खुलासा एक बड़ा पर्दाफाश हुआ है। हरियाणा में 21 नर्सिंग कॉलेज बिना एनओसी के चल रहे थे। फर्जीवाड़ा करने वालों पर कार्रवाई की गृहमंत्री अनिल विज से मांग की गई।

By Edited By: Published: Thu, 16 Jul 2020 06:13 AM (IST)Updated: Thu, 16 Jul 2020 11:46 AM (IST)
Haryana के 21 नर्सिंग कॉलेज सामने आया फर्जीवाड़ा, फर्जी एनओसी पर चल रहे
Haryana के 21 नर्सिंग कॉलेज सामने आया फर्जीवाड़ा, फर्जी एनओसी पर चल रहे

पानीपत/अंबाला, जेएनएन। प्रदेश में 21 नर्सिंग कालेज ऐसे हैं जो फर्जी एनओसी पर चल रहे हैं। एनओसी तत्कालीन मेडिकल ऑफिसरों ने जारी की थी। आरटीआइ में इसका खुलासा होने के बाद हड़कंप मचा है। हरियाणा के अलग-अलग जिलों में नर्सिंग कालेज, आयुर्वेदिक और एमपीएच कालेजों को फर्जी एनओसी देकर चलवाया गया। ये कॉलेज नियमों पर खरे नहीं उतर रहे हैं, जबकि इन कालेजों में लाइब्रेरी, स्टाफ और पढऩे वाले छात्र तक नहीं हैं। ऐसे करीब 15 से अधिक कालेजों को 2012 में फर्जी एनओसी तैयार कर दी गई थी। हाईकोर्ट के आदेश के बाद 2017 में स्पेशल टीम ने जांच की तो सब कुछ साफ हो गया। इस फर्जीवाड़े में लिप्त मेडिकल ऑफिसर अभी भी कार्यरत हैं, जबकि पांच साल पहले उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल हो चुकी है। अभी तक उन पर कार्रवाई तक नहीं की गई।

loksabha election banner

करनाल की आस फाउंडेशन ने आरटीआइ में कालेजों में फर्जीवाड़े पर कार्रवाई का जवाब मांगा है। साथ ही गृहमंत्री अनिल विज से भी फर्जी एनओसी बनाने वाले मेडिकल ऑफिसर पर कार्रवाई की मांग भी की है। यह खुलासा आस फाउंडेशन के अध्यक्ष दीपक मेहरा और उपाध्यक्ष रानी कंबोज ने कैंट के रेस्तरां में हुई पत्रकारवार्ता में किया। 

यह किया है दावा 

फाउंडेशन का दावा है कि हाईकोर्ट ने 2017 में इंस्पेक्शन कमेटी पर अनुशानिक कार्रवाई के आदेश दिए। इस पर मंत्री ने ऐसे कई फर्जी एनओसी की जांच विजीलेंस को सौंपी जिसमें 17 एनओसी फर्जी पाई गई। फरवरी 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा अप्रूवल देकर चीफ सेक्रेट्री द्वारा सभी पॉलिसी और नियमों दरकिनार कर स्वास्थ्य विभाग से चिकित्सा एवं अनुसंधान में ट्रांसफर कर दिया। जबकि विभाग ही 4 सितंबर 2014 को बना। स्वास्थ्य विभाग के डायरेक्टर के पत्राचार से खुलासा हुआ कि न तो विभाग से परमिशन ली गई न ही किसी नियम के तहत मेडिकल आफिसर ट्रांसफर हो सकती।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.