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नालों की सफाई के लिए मशीन से ट्रायल शुरू, वार्ड छह से शुरुआत

नालों की सफाई कराने के लिए सुपर सकर मशीन से ट्रायल शुरू किया गया है। वार्ड 6 में मशीन से ट्रायल किया जा रहा है। अगर ये प्रयोग सफल रहता है तो निगम चार मशीनें खरीद कर सकता है। या फिर इन्हें किराये पर ले सकते हैं। मशीन नालों में बनी गाद को पूरी तरह से बाहर निकालती हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 05 Aug 2021 07:17 AM (IST)Updated: Thu, 05 Aug 2021 07:17 AM (IST)
नालों की सफाई के लिए मशीन से ट्रायल शुरू, वार्ड छह से शुरुआत
नालों की सफाई के लिए मशीन से ट्रायल शुरू, वार्ड छह से शुरुआत

जागरण संवाददाता, पानीपत

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नालों की सफाई कराने के लिए सुपर सकर मशीन से ट्रायल शुरू किया गया है। वार्ड 6 में मशीन से ट्रायल किया जा रहा है। अगर ये प्रयोग सफल रहता है तो निगम चार मशीनें खरीद कर सकता है। या फिर इन्हें किराये पर ले सकते हैं। मशीन नालों में बनी गाद को पूरी तरह से बाहर निकालती हैं। एक दिन में एक किलोमीटर एरिया की सफाई करेगी। इसके लिए केवल एक कर्मचारी की ही जरूरत होती है। नगर निगम ने दिल्ली की एक कंपनी से संपर्क किया है। कंपनी एक मशीन के 12 लाख प्रति माह के हिसाब से शहर के सभी नालों की सफाई करेगी। यानी 30 किलोमीटर एरिया के लिए 12 लाख रुपये खर्च होंगे। अगर मशीन अपनी खरीदेंगे तो चार करोड़ लगेंगे।

मशीन से गाद सीधे उठ जाएगी तो सड़कों पर नालों का मलबा भी नहीं रहेगा। मजदूरों द्वारा नाले की सफाई पूरी तरह से नहीं हो पाती थी। नाले से निकलने वाले मलबे का ढेर सड़कों पर पड़ा रहता था। सकर मशीन से नाले की सफाई काफी तेज गति से महज कुछ ही समय में हो जाएगी। जानिए..क्या है सकर मशीन, कैसे काम करती है

सकर मशीन से नाले की सफाई का काम काफी आसान हो जाएगा। मशीन को नाले के पास लगाकर प्रेशर से नाले में पड़े ठोस मलबे को पतला कर दिया जता है। उसे प्रेशर द्वारा मशीन की टंकी में जमा किया जाएगा। टंकी भर जाने के बाद शहर से दूर डिस्पोजल एरिया में मलबे को गिरा दिया जाएगा। पहले सड़क पर पड़े मलबे को उठाने के लिए सूखने का इंतजार करना पड़ता था, जिससे राहगीरों को काफी परेशानी थी। कई दिनों तक मलबा सड़कों पर ही पड़ता रहता था। कई बार तो ये वापस नाले में ही चला जाता है। अब ऐसा नहीं होगा। नाले की सफाई के दौरान ही मलबा मशीन के माध्यम से उसी समय उठा लिया जाएगा। हर वर्ष होगी करोड़ों की बचत

मशीन की खरीदारी होने से प्रत्येक वर्ष नगर निगम को नाले की सफाई पर होने वाले करोड़ रुपये की खर्च की बचत होगी। नाले की सफाई में जो करोड़ों रुपये खर्च होते हैं, उसमें बचत होगी। मशीन से कम समय में अधिक से अधिक काम होगा। नगर निगम के डिप्टी मेयर रवींद्र ने जागरण से बातचीत में कहा कि सकर मशीन का ट्रायल 6 वार्ड से शुरू किया गया। ट्रायल सफल रहता है तो निगम चार मशीनें खरीदेगा।


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