पट्टीकल्याणा के तालाबों पर लगेगा ट्रीटमेंट प्लांट
पट्टीकल्याणा में चार पंचायती जोहड़ हैं। आबादी के किनारे होने से कुछ पर कब्जा भी है। दशकों से इनकी सफाई नहीं हुई है। बरसात के सीजन में ये ओवरफ्लो हो जाते हैं।
जागरण संवाददाता, समालखा : सांसद संजय भाटिया के गोद लिए गांव पट्टीकल्याणा में चारों जोहड़ का कायाकल्प किया जाएगा। सभी पर ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जाएंगे। पाइपलाइन दबाई जाएगी। साफ पानी का कृषि कार्यो में उपयोग किया जाएगा। सांसद के पुत्र चांद भाटिया, भाई दलीप भाटिया ने जिला परिषद के सीईओ विवेक चौधरी, एक्सईएन और एसडीओ पंचायतीराज, बीडीपीओ, जेई, ग्राम सचिव के साथ गांव का दौरा किया। ग्रामीणों से बात की। तालाबों का मुआयना करने के उपरांत जेई को एस्टीमेट बनाने के लिए कहा।
पट्टीकल्याणा में चार पंचायती जोहड़ हैं। आबादी के किनारे होने से कुछ पर कब्जा भी है। दशकों से इनकी सफाई नहीं हुई है। बरसात के सीजन में ये ओवरफ्लो हो जाते हैं। जिससे रास्ते पर जलभराव होता है। ग्रामीणों को आवाजाही में परेशानी होती है। बीमारी होने का डर रहता है।
5.5 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान
बीडीपीओ अशोक छिक्कारा ने बताया कि कार्ययोजना पर 5.5 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। पहले मनरेगा, पंचायत और जिला परिषद के फंड से दो तालाबों पर काम शुरू किया जाएगा। गांव को महाग्राम योजना में शामिल करने का भी प्रयास है। ग्रे और वेट लैंड योजना से भी काम होगा।
एबीपीओ दिनेश कुमार ने बताया कि चारों तालाबों गोसाई, सिघरा, प्राइमरी स्कूल और श्मशान वाले की सफाई और खुदाई होगी। ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जाएंगे। तालाब के भीतर बोरवेल होगा। बरसात के सीजन में क्षमता से अधिक पानी बोरवेल में चला जाएगा। गांव में पाइपलाइन दबाई जाएगी। किसानों ने ट्रीट हुए पानी का सिचाई में उपयोग करने का भरोसा दिया है।
तीन दशक से है समस्या, 10 हजार आबादी को मिलेगा फायदा
पट्टीकल्याणा में तीन दशक से जल निकासी की समस्या है। पंचायत द्वारा लाखों रुपये निकासी पर खर्च करने के बाद भी ग्रामीणों को जलभराव से हर साल परेशानी होती है। सरपंच पति अनिल छौक्कर, समाजसेवी मुकेश चौहान, राजेंद्र शर्मा आदि ने बताया कि इसका फायदा गांव की 10 हजार आबादी को मिलेगा। सांसद के गोद लेने से गांव को जलभराव से निजात मिलने की उम्मीद है।