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विकास के लिए निगम का खजाना खाली, प्रॉपर्टी टैक्स रिकवरी का प्लान ही नहीं

नगर निगम की आमदनी का सबसे नगर निगम की आमदनी का सबसे बड़ा जरिया प्रॉपर्टी टैक्स है। इसे वसूलने के लिए निगम हर साल लाखों खर्च कर देता है, लेकिन पूरी वसूली नहीं हो पाती।

By Edited By: Published: Tue, 20 Nov 2018 01:00 AM (IST)Updated: Tue, 20 Nov 2018 03:26 PM (IST)
विकास के लिए निगम का खजाना खाली, प्रॉपर्टी टैक्स रिकवरी का प्लान ही नहीं
विकास के लिए निगम का खजाना खाली, प्रॉपर्टी टैक्स रिकवरी का प्लान ही नहीं

पानीपत [जगमहेंद्र सरोहा ] । नगर निगम की आमदनी का सबसे बड़ा जरिया प्रॉपर्टी टैक्स है। इसे वसूलने के लिए निगम हर साल लाखों खर्च कर देता है, लेकिन पूरी वसूली नहीं हो पाती। यही कारण है कि 187.46 करोड़ रुपये प्रॉपर्टी टैक्स बकाया है। नगर निगम का हर वर्ष का प्रॉपर्टी टैक्स रिकवरी का टारगेट 31.04 करोड़ रुपये है। अधिकारी विभिन्न कार्याें के लिए खजाना खाली कर रहे हैं, लेकिन आमदन की रिकवरी के लिए एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पा रहे।

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यह है प्रॉपर्टी टैक्स का गणित
हर वर्ष का प्रॉपर्टी टैक्स 31.04 करोड़ रुपये है। पिछले वर्षों का एरियर 160.15 करोड़ रुपये है। इस साल की शुरुआत में प्रॉपर्टी टैक्स 191.19 करोड़ रुपये था। नगर निगम का दावा है कि चालू वित्त वर्ष में 3.73 करोड़ रुपये ही रिकवर कर पाया है। 187.46 करोड़ रुपये आज भी बकाया है। निगम के ही आंकड़ों का हिसाब लगाए तो निगम शहर में छह वर्ष का प्रॉपर्टी टैक्स रिकवर नहीं कर पाया है।

बिल तैयार करने और बांटने में ही बड़ी दिक्कत
नगर निगम हर वर्ष के प्रॉपर्टी टैक्स के सर्वे, बिल तैयार करने और बांटने के लिए एक कंपनी को ठेका देती है। इस कंपनी को लाखों रुपये का भुगतान किया जाता है। नगर निगम में प्रॉपर्टी टैक्स के गलत बिल भेजने की ही सबसे ज्यादा शिकायत आती हैं। निगम में इनकी कोई संतोषजनक सुनवाई भी नहीं हो पाती। ऐसे में शहरवासी भी पीछे हट जाते हैं। सरकारी विभाग भी नहीं जमा करा रहे प्रॉपर्टी टैक्स शहरवासी ही नहीं सरकारी विभाग तक प्रॉपर्टी टैक्स जमा नहीं कर रहे। निगम अधिकारियों की मानें तो केवल पीडब्ल्यूडी और हरियाणा रोडवेज ही समय पर जमा प्रॉपर्टी टैक्स कराते हैं। बाकी विभाग बार-बार नोटिस के बाद भी टैक्स जमा कराने नहीं आते। थाना शहर के साथ रिहायशी क्षेत्र का प्रॉपर्टी टैक्स 71.73 लाख रुपये बकाया है। 50 बड़े लोगों का करोड़ों का प्रॉपर्टी टैक्स नगर निगम अधिकारियों की मानें तो शहर में करीब 50 बड़ी प्रॉपर्टी हैं। जिनके हर वर्ष के 50 लाख से एक करोड़ तक का प्रॉपर्टी टैक्स आता है। ये लोग प्रॉपर्टी टैक्स जमा कराने की तरफ कोई ध्यान नहीं देते। नगर निगम चालू वित्त सत्र में ऐसे लोगों को तीन से चार बार प्रॉपर्टी टैक्स के नोटिस दे चुका है। 30 प्रतिशत छूट के नोटिफिकेशन का इंतजार प्रदेश सरकार ने गत सप्ताह कैबिनेट की बैठक में प्रॉपर्टी टैक्स में 30 प्रतिशत छूट देने का फैसला लिया था। इसका नोटिफिकेशन अब तक जारी नहीं किया गया है। नगर निगम में प्रॉपर्टी टैक्स के बिल जमा कराने वाले लोग बिना छूट वापस चले जाते हैं। ऐसे में हाउस रेंट ब्रांच में पूरा दिन बिल ठीक कराने की शिकायत के अलावा कोई नहीं आ रहा।


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