Move to Jagran APP

पानीपत के ट्रांसपोर्टर अब बढ़ाने लगे किराया

पानीपत शहर से रोजाना तीन हजार गाड़ियां लोड लेकर दूसरे जिलों और राज्यों के लिए रवाना होती हैं। इनमें ट्रांसपोर्टर रोजाना लाखों रुपये का डीजल फूंकते हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 26 Feb 2021 07:28 AM (IST)Updated: Fri, 26 Feb 2021 07:28 AM (IST)
पानीपत के ट्रांसपोर्टर अब बढ़ाने लगे किराया
पानीपत के ट्रांसपोर्टर अब बढ़ाने लगे किराया

जागरण संवाददाता, पानीपत: शहर में डीजल का रेट मंगलवार को 88.22 रुपये प्रति लीटर चल रहा है। ट्रांसपोर्टरों की चिता बढ़ती जा रही है। कइयों ने गाड़ी का किराया दस से बीस फीसद बढ़ा दिया है। इसका सीधा असर टेक्सटाइल इंडस्ट्री पर पड़ेगा। दूसरी ओर देशभर में तेजी से लग रहे टोल टैक्स के कारण ट्रांसपोर्टर परेशान हैं।

loksabha election banner

स्थानीय ट्रांसपोर्टरों की मांग है कि सरकार को डीजल पर लगे टैक्स में छूट देनी चाहिए, ताकि अर्थव्यवस्था का पहिया सही से घूम सके। वहीं टोल टैक्स या रोड टैक्स में से किसी एक टैक्स में छूट देनी चाहिए। तभी ट्रांसपोर्ट व्यवसाय सही तरीके से चल पाएगा। गौरतलब है कि पानीपत शहर से रोजाना तीन हजार गाड़ियां लोड लेकर दूसरे जिलों और राज्यों के लिए रवाना होती हैं। इनमें ट्रांसपोर्टर रोजाना लाखों रुपये का डीजल फूंकते हैं। अगर आधिकारिक आंकड़ों पर नजर डाले तो पानीपत आरटीए कार्यालय में फिलहाल 36106 छोटे और बड़े कामर्शियल वाहन रजिस्टर्ड है।

दोगुने हुए टोल के दाम

ट्रांसपोर्टर पवन कुमार ने बताया कि वे अपनी गाड़ियां पानीपत-गुजरात रूट पर चलाते हैं। जहां पहले इस रूट पर पांच से छह हजार रुपये के टोल लगते थे। अब टोल के दाम दोगुने हो गए हैं। आरटीए के अधिकारी गाड़ियों में छोटी-मोटी खामी निकाल कर भारी-भरकम जुर्माना लगा देते हैं। अगर सरकार ने जल्द ही कोई बड़ी राहत नहीं दी तो कामकाज छोड़ना ट्रांसपोर्टरों के लिए मजबूरी बन जाएगा।

सिस्टम हुआ अपडेट, सड़कें क्यों नहीं

ट्रांसपोर्टर विनोद ने बताया कि मोटर व्हीक्ल एक्ट में संशोधन किया गया। सभी महकमे आनलाइन हो रहे हैं। अगर सिस्टम अपडेट हो रहा है तो देशभर की सड़कें भी उसी हिसाब से अपडेट होनी चाहिए। उप्र में विभिन्न रूटों पर आज भी गहरे गड्ढे हैं, लेकिन टोल कंपनियां धड़ल्ले से टोल टैक्स वसूल रही हैं।

2020 के मुकाबले 322 वाहन कम बिके

2020 में जनवरी और फरवरी माह में आरटीए विभाग ने 810 वाहनों का रजिस्ट्रेशन किया था। इनमें 361 गुड्स कैरियर वाहन थे। वहीं साल 2021 के आंकड़ों के मुताबिक अभी तक स्थानीय आरटीए कार्यालय में महज 488 वाहनों के रजिस्ट्रेशन हुए है। जिनमें सीएनजी गुड्स कैरियर वाहन समेत कुल 310 गुड्स कैरियर वाहन है।

मांगें माने सरकार, तभी चलेगा काम

ट्रांसपोर्ट यूनियन के प्रधान धर्मबीर मलिक ने बताया कि ट्रांसपोर्टर राजस्व बढ़ाने का काम करते है, सरकार को ट्रांसपोर्टरों की मांगें मान लेनी चाहिए। अगर ट्रांसपोर्ट व्यवसाय में जल्द ही कोई राहत नहीं दी गई तो अधिकारियों को चाबी सौंप प्रदर्शन करना ट्रांसपोर्टरों की मजबूरी बन जाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.