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सोए विवेक को जगाने के लिए सत्संग में आना होगा : स्वामी ज्ञानानंद

श्री प्रेम मन्दिर पानीपत के स्थापना शताब्दी यज्ञोत्सव प्रेम सम्मेलन के तीसरे दिन सुबह रामचरित मानस पाठ आरंभ हुए। इसके बाद हरिनाम संकीर्तन और फिर निष्काम संकीर्तन मंडल द्वारा रस प्रवाह हुआ। वहीं संतों द्वारा प्रवचन भी हुए।

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Feb 2020 09:24 AM (IST)Updated: Wed, 12 Feb 2020 09:24 AM (IST)
सोए विवेक को जगाने के लिए सत्संग में आना होगा : स्वामी ज्ञानानंद
सोए विवेक को जगाने के लिए सत्संग में आना होगा : स्वामी ज्ञानानंद

जागरण संवाददाता, पानीपत : श्री प्रेम मन्दिर पानीपत के स्थापना शताब्दी यज्ञोत्सव प्रेम सम्मेलन के तीसरे दिन सुबह रामचरित मानस पाठ आरंभ हुए। इसके बाद हरिनाम संकीर्तन और फिर निष्काम संकीर्तन मंडल द्वारा रस प्रवाह हुआ। वहीं संतों द्वारा प्रवचन भी हुए। महामण्डलेश्वर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि कृपा आधार है। कृपा सार है। कृपा से ही व्यवहार और सब विस्तार है। कृपा साध्य और साधन है। सत्संग, सेवा, सिमरण, सछ्वावना यह सब आपके जीवन के आदर्श हैं। उन्होंने कहा कि सत्संग के माध्यम से जीवन की व्यावहारिक प्ररेणा के साथ हमें ज्ञान और विवेक की प्राप्ति होती है। जिसके जीवन में सत्संग है, उसे जीवन में कभी भी कोई निराशा नहीं होती। महाराज ने कहा कि सोए हुए विवेक को जगाने के लिए सत्संग में आना होगा। क्योंकि बिना सत्संग विवेक न होता। जीवन का विवेक जगे, यही हम सभी प्रभु श्रीराम से प्रार्थना करते हैं। उन्होंने कहा कि शरीर जब रोगी होता है तो हम डाक्टर के पास जाते हैं। इसी तरह मन को रोगों से बचाने के लिए हमें संतों के संग आना चाहिए। सतगुरूदेव श्री श्री 108 कांता देवी महाराज ने कार्यक्रम में आए सभी महापुरूषों का अभिनन्दन किया। प्रभु भक्त की रक्षा करते --राधेश्याम द्विवेदी रामायणी ने कहा कि प्रभु राम सदैव अपने भक्तों की रक्षा करते हैं। हमें सच्चे मन से प्रभु के नाम का सिरमन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो सुख व शांति प्रभु के चरणों में मिलेगी, वो कहीं नहीं मिलती। चाहे कितना खर्च कर लो। प्रवचनों में गुरु भक्ति की चर्चा --काका हरिओम ने भी अपने प्रवचनों में गुरू भक्ति की चर्चा करते हुए कहा कि जब आप धर्म की ओर अग्रसर होंगे तो रास्ते में कई बाधाएं आएंगी। जिस व्यक्ति ने उन बाधाओं की प्रवाह नहीं की, उसे प्रभु भक्ति की प्राप्ति होती है। इसके अलावा महामण्डलेश्वर स्वामी रिजकदास महाराज, ब्रह्मर्षि महन्त श्रीनाथ महाराज, अशोक हरमिलापी सहित अनेक संतों ने अपनी वाणी से संगत को निहाल किया। मंडली ने बांधा समा --मन्दिर के निष्काम संकीर्तन मण्डल द्वारा हरिनाम संकीर्तन में समा बांधने के साथ मैं पल पल याद करां, मैं दम दम याद करां, सोहना मुखड़ा मेरे सतगुरू दा, सोहना मुखड़ा मेरे हारां वाले दाज् व हर सांस में हो सिमरण तेरा, यूं बीत जाए जीवन मेरा गाकर सबको झूमने पर मजबूर कर दिया।

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धूमधाम से मनाया जन्मोत्सव --

कार्यक्रम के दौरान ठाकुर जी जन्मोत्सव बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया गया। जन्मोत्सव के दौरान राधा कृष्ण का रुप बनाए कलाकारों ने भक्तों संग फूलों की होली खेली। कार्यक्रम बड़ा ही मनमोहक रहा। ये रहे मौजूद --कार्यक्रम में परमवीर ढींगड़ा, जगदीश ढींगड़ा, रमेश असीजा, रमेश माटा, सूरज दुरेजा, गजेन्द्र सलूजा, सुनील मिगलानी, चन्द्रभान वर्मा, भगत धर्मचन्द, सचिन नागपाल, नरेश ग्रोवर, संजय नन्दवानी, चरणजीत रत्रा, शाम रेवड़ी, हंसराज बजाज, सुनील चुघ, हरीश चुघ, गौतम खेड़ा, सचिन मिगलानी, सौरभ दुआ, गुलशन नारंग, मदन गक्खड़, अनिल अरोड़ा मौजूद रहे। --रामकुमार, 11 फरवरी -2020--


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