पर्दाफाश: फेसबुक पर विदेशी महिला बन दोस्ती कर रहा ये गिरोह, जींद के युवक से ठगे 35 लाख
फेसबुक पर विदेशी महिला बनकर ठग ने जींद के युवक से दोस्ती की। इसके बाद चैटिंग करते हुए करीब 35 लाख रुपये ठग लिए। जब जांच हुई तो हैरान कर देने वाला मामले का पर्दाफाश हुआ। सामने एक गिरोह की सच्चाई आई।
जींद, जेएनएन। फेसबुक पर विदेशी महिला के नाम पर फर्जी अकाउंट बनाकर अर्बन एस्टेट के एक युवक से 35 लाख रुपये हड़पने के मामले उत्तरप्रदेश के हथरस जिले के गांव थालूगढ़ी निवासी श्याम चौधरी को शहर थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पकड़ा गया आरोपित सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक है और हथरस में ही एक निजी कंपनी में नौकरी करता है।
पुलिस ने आरोपित को अदालत में पेश करके छह दिन के रिमांड पर लिया है। रिमांड के दौरान पुलिस श्याम चौधरी के गिरोह में काम करने वाले आरोपितों के बारे में पूछताछ करके गिरफ्तार करेगी। अर्बन एस्टेट निवासी अजय ने दो मार्च को सिविल लाइन थाना पुलिस को दी शिकायत में बताया कि 26 जनवरी को उसकी फेसबुक आइडी पर मारिया विल्सन के नाम से फ्रेंड रिक्वेस्ट आई थी। उसके द्वारा फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार करते ही उसने चेट शुरू कर दी।
इस दौरान मारिया विल्सन ने व्हाट्सएप नंबर मांगकर उस पर चेट करने लगी और अपनी बातों में उलझा लिया। छह फरवरी को मारिया विल्सन ने कहा कि उसने 60 हजार अमेरिकी डॉलर गिफ्ट भेजे हैं। डॉलर उसने पार्सल कर दिए हैं। आठ फरवरी को प्रियंका नाम की युवती का फोन आया और उसने बताया कि वह इंदिरा गांधी एयरपोर्ट की कस्टम अधिकारी बताया।
उसने बताया कि पार्सल पर 35 हजार 800 रुपये चार्ज लेगा। उसने हेमंत चौधरी नाम का खाता नंबर भेज दिया। उसने इस खाते में यह राशि भेज दी। रुपये जमा करवाने के थोड़ी देर के बाद महिला प्रियंका का फोन आया और उसने कहा कि पार्सल में अमेरिकी डॉलर है, इसलिए इस पर एक लाख रुपये का टैक्स लगेगा। उसने यह राशि भी उसके द्वारा दिए गए खाते में डाल दी।
इसके बाद नौ फरवरी को दोबारा से फोन आया और उसने कहा कि जो अमेरिकी डॉलर पार्सल से मंगवाएं हैं वह मिनी लॉन्ड्रिंग में आता है। इसलिए केस से बचने के नाम पर पहले तो चार लाख 68 हजार रुपये और उसके बाद दो लाख 68 हजार रुपये खाते में डलवा लिए। इसके बाद से आरोपितों की केस में फंसाने की धमकी देकर 35 लाख 10 हजार 809 रुपये हड़प लिए।
इसके बाद आरोपितों ने आरबीआई के गर्वनर के हस्ताक्षर वाला रिलीज आॅर्डर भेज दिया। इसके बाद आरोपितों ने उस नंबर को बंद कर लिया। पुलिस ने प्रियंका नाम की महिला को नामजद करके अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था। डीआइजी ओपी नरवाल ने इस मामले की जांच के लिए शहर थाना प्रभारी डा. सुशील कुमार के नेतृत्व में एसआइटी का गठन किया था। जांच के दौरान आरोपित श्याम चौधरी का नाम सामने आया और पुलिस ने उत्तर प्रदेश में छापेमारी करके उसे काबू कर लिया।
दिव्यांग के नाम पर बैंक में खुलवाया था खाता
आरोपित श्याम चौधरी ने पुलिस की कार्रवाई से बचने के लिए अपने गांव के ही मानसिक रोगी सुमेत चौधरी के नाम पर एचडीएफसी बैंक में खाता खुलवा लिया। इसके बाद गिरोह में शामिल युवतियों को कस्टम अधिकारी बनाकर युवक अजय के पास फोन करवाना शुरू कर दिया और पहले तो दिव्यांग सुमेत चौधरी के नाम पर खुलवाए गए खाते में राशि डलवा दी। बाद में आरोपित ने गांव के ही हेमंत चौधरी के बैंक खाते में राशि डलवा ली। खाते में राशि डलते ही आरोपित बैंक से राशि निकलवाता रहा। पुलिस बैंक खातों के आधार पर आरोपित के गांव तक पहुंची। जहां पर श्याम चौधारी के फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ।
छह माह से कंपनी से नहीं लिया था वेतन
आरोपित श्याम चौधरी एक निजी कंपनी में नवंबर 2020 में सिविल इंजीनियर लगा था। जब भी कंपनी का मालिक उसे वेतन के बारे में पूछता तो बाद में इकट्ठे ही लेने की बात कह देता। वह जिस कंपनी में नौकरी करता था उसमें भी हर रोज केवल एक या दो घंटे ही ड्यूटी पर जाता था। इस दौरान आरोपित कुछ लड़कियों को साथ लेकर धोखाधड़ी शुरू कर दी और इस गिरोह के जाल में अर्बन एस्टेट निवासी अजय भी फंस गया।
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