दोस्त बताकर लेक्चरर से ऑनलाइन ठगी, इस तरह वाट्सएप पर लिंक भेज ठगा
ठग ने वाट्ससएप पर लिंक भेज कर लेक्चरर को ठग लिया। ठग ने मनीष के साथी शिक्षक जगदीश को दोस्त बताकर फंसाया।
पानीपत, जेएनएन। ऑनलाइन ठगी की वारदता रुकने का नाम नहीं ले रही है। जागरूकता के अभाव में लोग इन ठगों के जाल में भी फंस जा रहे हैं। एक ऐसा ही मामला पानीपत में सामने आया। दोस्त बताकर खाते में रुपये डलवाने का झांसा देकर एक निजी स्कूल के लेक्चरर से ऑनलाइन 25 हजार रुपये की धोखाधड़ी कर ली गई।
रामस्वरूप चौक, हरिनगर के मनीष घणघस ने बताया कि वह आर्य बाल भारती स्कूल में लेक्चरर है। 6 मई को दोपहर 12 बजे उसके साथी शिक्षक जगदीश चहल एक्टिवा से जा रहे थे। इसी दौरान एक व्यक्ति ने चहल को कहा कि वह उनका दोस्त पंडित बोल रहा है। डेबिट कार्ड खराब हो गया है। इसलिए आपके अकाउंट में रुपये डलवा देता हूं। एटीएम से डेबिट कार्ड से रुपये दे देना।
चहल ने कांफ्रेंस के जरिये उसकी अशोक से बात करा दी। अशोक ने बताया कि पेटीएम का मर्चेंट अकाउंट है। उसका वाट्सएप नंबर पूछा और लिंक भेज कर बताया कि ये लिंक फोन पर पे एप पर ओपन होगा। आपके अकाउंट में 25 हजार रुपये आ जाएंगे। उसने लिंक ओपन किया तो बार कोड अपने आप ही स्कैन हो गया। उसके भारतीय स्टेट बैंक के खाते से 25 हजार रुपये निकल गए।
उसने कॉल की तो ठग ने बकहाने का प्रयास किया और कहा कि एक बार और स्कैन करोगे तो रुपये वापस खाते में आ जाएंगे। उसे ठगी का अहसास हुआ और जगदीश चहल को कॉल कर पूछा तो वे ठीक से नहीं बता पाएं कि अशोक पंडित है कौन। इसके बाद उसने ठग को कॉल की तो गाली-गलौज कर फोन काट दिया। उसने दोबारा लिंक पर क्लिक नहीं किया, नहीं तो उसके 20 हजार रुपये और ठगे जाते। उसने बैंक से पता किया तो उसके खाते से निकाले गए रुपये पेटीएम के मर्चेंट खाते में गए। उस खाते से भी ठग ने रुपये निकाल लिए। ठग के दोनों मोबाइल नंबर उत्तर प्रदेश के मथुरा के हैं। मॉडल टाउन थाना प्रभारी सुनील कुमार ने बताया कि मामला दर्ज करके ठग की तलाश की जा रही है।