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HSVP: अंबाला में आशियाना योजना के तहत बने मकान हुए खंडहर, 14 सालों में महज 29 लोगों ने किया शिफ्ट

अंबाला-दिल्ली हाईवे के किनारे एचएसवीपी ने साल 2007 में 1038 प्लाट (अलग-अलग साइज के) काटे थे। लोगों ने भी यहां पर अपना घर बनाने के लिए धड़ाधड़ प्लाट खरीदे। उम्मीद थी कि हाईवे के किनारे यह सेक्टर होने के कारण तेजी से विकास होगा।

By Naveen DalalEdited By: Published: Sun, 07 Nov 2021 08:37 PM (IST)Updated: Sun, 07 Nov 2021 08:37 PM (IST)
अंबाला में लोगों के विकास के लिए बनाएं गए मकान हुए खंडहर।

अंबाला, जागरण संवाददाता। अंबाला में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) के तहत बने तीन सेक्टर चौदह साल बाद भी पूरी तरह से आबाद नहीं हो पाए हैं। एक ओर जहां पाश सेक्टर 34 को करीब 2007 में काटा गया, जो आज तक विकास की बाट जोह रहा है, सिर्फ झाड़ियों के झुंड में बदल गया है। एक हजार प्लाटों में से महज 30 लोगों ने अपने मकान बनाकर इस में शिफ्ट किया है, जबकि अन्य अभी तक इस सेक्टर में आने की हिम्मत ही नहीं जुटा पाए।

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हालांकि अब इस में करीब आठ लाख रुपये की लागत से विकास कार्य तो शुरू हुए हैं, लेकिन जैसी रफ्तार है, उससे लगता है कि इसे भी डेवलेप करने में कई साल बीतेंगे। दूसरी ओर आशियाना योजना के तहत करोड़ों की लागत से बनाए गए दो सेक्टरों में से सेक्टर 33 जहां खंडहर बन चुका है, वहीं सेक्टर 34 भी पूरी तरह से आबाद नहीं हो पाया है। इस में अलाटमेंट लेटर तो जारी कर दिए गए हैं, लेकिन अभी तक इसकी रिपेयर के नाम पर कुछ नहीं है।

सेक्टर 34 : 1038 में से 30 ही कर पाए शिफ्ट, 58 निर्माणाधीन, अन्य पर अब जुर्माने की कार्रवाई

अंबाला : अंबाला-दिल्ली हाईवे के किनारे एचएसवीपी ने साल 2007 में 1038 प्लाट (अलग-अलग साइज के) काटे थे। लोगों ने भी यहां पर अपना घर बनाने के लिए धड़ाधड़ प्लाट खरीदे। उम्मीद थी कि हाईवे के किनारे यह सेक्टर होने के कारण तेजी से विकास होगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। एचएसवीपी ने इस ओर से आंखें मूंद लीं और आज हालत यह है कि यहां पर लोग अपना घर बनाने से भी पीछे हटने लगे। बताया जाता है कि जिन लोगों ने इस सेक्टर में प्लाट खरीदे थे, वे आगे बेच चुके हैं। दूसरी ओर नियम है कि एक तय समय सीमा में खरीददार को अपना मकान बनाना होगा। अब एचएसवीपी ऐसे प्लाटधारकों पर जुर्माने की कार्रवाई करने जा रहा है। बताया जा रहा है कि जिन लोगों ने यहां पर प्लाट खरीदने के बाद निर्माण नहीं किया, उन पर साल 2022 से, प्लाट के साइज अनुसार, जुर्माना लगाया जाएगा। यह जुर्माना हर साल दोगुना होगा।

उधर, सेक्टर निवासियों में मनोज कालड़ा, विशाल, हरीश, गुप्ता, प्रदीप शर्मा, केपी सिंह, एसएन भारती, सतबीर सिंह, विजय कश्यप ने बताया कि करीब आठ लाख रुपये से विकास कार्य तो शुरू हुए हैं। इन में कम्यूनिटी सेंटर, हुडा टाउन पार्क, मेन गेट का निर्माण, वाटर वर्कस से जीटी रोड तक सड़क को बनाया जाना, तीन पार्कों का निर्माण कार्य किया जाना है। इसके साथ ही झाड़ियों को काटने का काम भी शुरु हुआ है।

आशियाना योजना का सेक्टर 33 खंडहर में तबदील

अंबाला : साल 2008 में एचएसवीपी द्वारा गांव घसीटपुर में आशियाना योजना के तहत सेक्टर 33 व 34 का प्रोजेक्ट शुरु किया। इस योजना के तहत टपरीवासी, झुग्गी झोंपड़ी में रहने वालों को फ्लैट दिए जाने थे। दोनों सेक्टर में करीब 1640 फ्लैट थे, जबकि आवेदन कम हुए तो बीपीएल श्रेणी के आवेदकों को भी इस में शामिल कर लिया गया। सभी वे करीब 8100 रुपये जमा करवाए थे। साल 2016 में सेक्टर 34 में कुछ लोगों को फ्लैट आवंटित किए गए। लेकिन अभी भी इस सेक्टर में कई फ्लैट खाली हैं। इसी तरह सेक्टर 33 में भी सारे फ्लैट खंडहर बन चुके हैं। यहां पर बिजली की तारें आदि चोरी हो चुकी हैं।

जिन्हें अलाटमेंट लेटर दिए हुडा ने भेजा शोकाज नोटिस

इन सेक्टरों में जिनको अलाटमेंट लेटर जारी किए गए हैं, उनसे अब एचएसवीपी की ओर से शोकाज नोटिस जारी किए गए हैं। इसके तहत इन लोगों से राशि मांगी जा रही है। इसके तहत 32800 रुपये की राशि मांगी जा रही है और न देने पर इन पर दस प्रतिशत जुर्माना भी लगाया जा रहा है। इन लोगों का कहना है कि अलाटमेंट लेटर जारी होन के बाद यह फ्लैट शिफ्ट होने लायक नहीं है, जबकि इन में रिपेयर की जरूरत है।

यह कहते हैं लोग

इन सेक्टरों में आवेदन करने वालों में संतोष कुमार खींची, अर्जुन, सुंदरलाल का कहना है कि अलाटमेंट लेटर जारी कर दिए हैं, लेकिन इन फ्लैटों की हालत जर्जर है। ऐसे में कैसे इन में शिफ्ट कर सकते हैं। इनको पहले शिफ्ट करने लायक बनाया जाए ताकि यहां पर रह सकें। सेक्टर 33 को पूरी तरह से खंडहर है, यहां पर तो शिफ्ट हो ही नहीं सकते। दूसरा सेक्टर 33 से तो लोगों ने कीमती सामान तक चोरी कर लिया है।


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