जांडली रेलवे फाटक के पास मालगाड़ी की सील तोड़ चोरी हुआ था सरकारी गेहूं, तीन गिरफ्तार, पांच वांटेड
जांडली जंडली रेलवे फाटक के पास मालगाड़ी की सील तोड़कर गेहुूं से भरी 70 बोरी चोरी कर ली गई थी। 65 बरामद कर ली गई हैं। इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया। जबकि पांच अभी भी वांटेड हैं।
अंबाला, जागरण संवाददाता। मालगाड़ी से सरकारी गेहूं को चोरी करने वाले रैकेट के तीन आरोपितों को रेलवे सुरक्षा बल आरपीएफ (आरपीएफ) और क्राइम इंटेलीजेंस ब्रांच (सीआइबी) की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपितों के पास से चोरी के दो बोरी गेहूं भी बरामद किया। इस मामले में 7-8 लोग शामिल हैं, जो पहले भी कई मामलों में नामजद रह चुके हैं उनकी गिरफ्तारी होनी बाकी है। इस मामले में पांच आरोपितों को वांटेड कर दिया गया है जिसकी तलाश में छापामारी जारी है। ये लोग चलती मालगाड़ी से सरकारी गेहूं चोराी कर लेते थे।
बता दें पिछले दिनों अंबाला शहर के जंडली रेलवे फाटक के निकट ट्रेन से 70 बोरी गेहूं चोरी हुआ था, जिसमें 63 बोरियां बरामद हो गई थी, बाकी गायब थे। इस मामले में आरपीएफ ने 7-8 के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी। इस मामले में आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए सीनियर कमांडेंट नीतिश शर्मा ने टीम का गठन किया था। सीआइबी के सब इंस्पेक्टर अनिल कुमार और आरपीएफ के कुछ जवानों के नेतृत्व में टीम बनाई गई थी। इस टीम ने जंडली के संदीप, अजय कुमार और गुरमीत सिंह को गिरफ्तार करते हुए चोरी के सरकारी गेहूं की दो बोरियां बरामद कर ली है। आरोपितों को स्पेशल रेलवे मजिस्ट्रेट की कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिन के न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। अब इस मामले में फरार आरोपितों की तलाश जारी है।
इधर, चावल घोटाले में अब एफसीआइ की विजिलेंस ने भी कागजात खंगाले
अंबाला, [दीपक बहल]। अंबाला शहर के धूलकोट रेलवे स्टेशन से आजमगढ़ (उत्तर प्रदेश) चावल की लोङ्क्षडग में हुए खेल की अब फूड कारपोरेशन आफ इंडिया (एफसीआइ) की विजिलेंस ने भी जांच शुरू कर दी है। एडीजी रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में कागजातों को खंगाला जा रहा है। दैनिक जागरण की पड़ताल पर रेल अधिकारियों ने मुहर लगा दी है और जिम्मेदारी तय करनी शुरू कर दी है।
एफसीआइ और रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने ही मिलकर सारा खेल रचा था। अंबाला रेंज की आइजी भारती अरोड़ा ने भी इस प्रकरण में एसपी अंबाला को जांच के निर्देश दिए हैं। आरपीएफ के एक अधिकारी भी इस खेल में संदेह के घेरे में आ सकते हैं। हालांकि उत्तर रेलवे के आरपीएफ आइजी एसएन पांडेय को इस पूरे प्रकरण की जानकारी मिल चुकी है, जिसके चलते अधिकारी को चेतावनी या फिर तबादला भी किया जा सकता है। एफसीआइ और आरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारियों तक सरकारी कट्टे चोरी करने की वीडियो तक पहुंच चुकी है, जिसके चलते यह मामला विभागीय जांच के बाद पुलिस के सुपुर्द भी किया जा सकता है। यानी कि इस मामले में विभागीय जांच के अलावा पुलिस में मुकदमा भी दर्ज कराया जा सकता है। अब एफसीआइ और उत्तर रेलवे की इंटरनल विजिलेंस ग्रुप (आइवीजी) की जांच रिपोर्ट का इंतजार है कि इस घोटाले में किस स्तर के अधिकारियों व कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी।
यह खेल महज चावल की पचास बोरी का नहीं है, बल्कि एफसीआइ के गोदाम से मालगाडिय़ों तक अतिरिक्त बोरियां लाने से भी जुड़ा है। आजमगढ़ से जब इस मामले की रिपोर्ट आई, तो वहां पर अतिरिक्त बोरियां पहुंची थीं। आजमगढ़ में अतिरिक्त बोरियां पहुंचीं और धूलकोट स्टेशन से गाड़ी रवाना होने के बाद भी बोरियों को चोरी कर ठिकाने लगाया गया।
खेल में प्राइवेट फर्म की भूमिका
14 अगस्त 2021 को धूलकोट रेलवे स्टेशन पर छत्तीसगढ़ से प्राइवेट फर्म की भी चावलों की बोरियां आई थीं। शाम तक बोरियों का उठान हो चुका था। रात को एफसीआइ की सरकारी बोरियां आजमगढ़ के लिए रवाना हुईं। मालगाड़ी रवाना होने के बाद एफसीआइ की 50 बोरियां चोरी कर ठिकाने लगा दी गईं। यह बोरियां एफसीआइ की नहीं हैं, जबकि प्राइवेट फर्म की है, इसके लिए 1890 रुपये की वारफेज पर्ची काटी गई। इस पर्ची के कटवाने की भूमिका में फर्म मालिक ने लिखित में रेलवे को दिया है कि वह उसका माल मिल चुका है।
दैनिक जागरण ने किया था पर्दाफाश
दैनिक जागरण ने पांच सितंबर के अंक में इस खेल का पर्दाफाश किया था, जिसके बाद अलग-अलग स्तर पर जांच शुरू कर दी गई। जागरण पड़ताल सही मिलने पर जहां उत्तर रेलवे की आइवीजी ने जांच शुरू की, वहीं एफसीआइ की विजिलेंस ने भी जांच शुरू कर दी है। इस जांच के बीच में ही अब जिला पुलिस ने भी अपने स्तर पर कागज खंगालने शुरू कर दिए हैं और खुफिया विभाग भी अंदरखाते इसकी जांच कर रहा है। इस प्रकरण में कामर्शियल विभाग ने अपनी सीनियर गुड्स क्लर्क को चार्जशीट जारी कर दी है। इस प्रकरण में सात स्तर पर जांच की जा रही है।