कोरोना में जो द्रोण डटे रहे, शिष्यों को सिखाते रहे, उनको मिलेगा वेतन
लाकडाउन के वक्त खेल नर्सरियों को बंद कर दिया गया था। कोच अपने स्तर पर खिलाड़ियों को अभ्यास करा रहे थे। ऐसे गुरुजनों को वेतन देने के लिए खेल विभाग ने पहल की है। इनकी रिपोर्ट मांगी गई है। उम्मीद है कि जल्द इन्हें इनका मेहनताना मिल जाएगा।
पानीपत, जेएनएन - कोरोना के दौरान जिले की खेल नर्सरियों को बंद कर दिया गया था। इसके बावजूद कई कोच अपने स्तर पर खिलाड़ियों को कोच अभ्यास कराते रहे, ताकि आगामी खेल प्रतियोगिताओं में खिलाड़ी पिछड़े नहीं। कोचों को वेतन नहीं मिला था। अब खेल विभाग ने कोचों से रिपोर्ट मांगी है। जिन कोचों ने खिलाड़ियों का अभ्यास कराया है, वे वीडियो व रिकार्ड विभाग को भेजें। ऐसे कोचों को खेल विभाग वेतन देगा। कोच रिकार्ड दुरुस्त करने में जुटे हैं। बता दे कोच वेतन को लेकर खेल मंत्री से मिले थे। तब उन्हें आश्वासन दिया था कि मेहनती कोचों की मेहनत जाया नहीं जाएगी। वेतन मिलने की उम्मीद से कोच खुश हैं।
ये हैं खेल नर्सरी
जिले में खेल विभाग की 23 खेल नर्सरी हैं। एमएएसडी स्कूल में एथलेटिक्स, उग्राखेड़ी के राजकीय स्कूल में हैंडबाल, आर्य गर्ल्स पब्लिक स्कूल में हाकी, अहर के राजकीय स्कूल में बास्केटबाल और ऊंटला में वालीबाल की नर्सरी है। इसी तरह से कवि गांव में एथलेटिक्स व कुश्ती, अपोलो इंटरनेशनल स्कूल में कबड्डी और जलालपुर वालीबाल की नर्सरी है।
आगामी प्रतियोगिता की तैयारी में जुटे खिलाड़ी
खेल नर्सरी बंद हैं। यहां के खिलाड़ी शिवाजी स्टेडियम, निजी एकेडमी और अन्य खेल मैदानों में अभ्यास कर रहे हैं। जहां कोच नहीं जा पा रहे वहां पर सीनियर खिलाड़ी कोचिंग दे रहे हैं। कबड्डी खिलाड़ी अंकित और प्रतीक ने बताया कि वे आगामी जिला, राज्य व राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता की तैयारी कर रहे हैं। सुबह-शाम तीन-तीन घंटे अभ्यास कर तकनीकी कमजोरी को भी दूर कर रहे हैं।