इस बार घर से करें पूजा, देवी मंदिर भी बंद है
जयेष्ठ महीने की अमावस्या तिथि को वट सावित्री व्रत किया जाता है। महिलाएं विश्वास का प्रतीक बरगद वृक्ष का पूजन कर पति के दीर्घायु की कामना करती हैं। लॉकडाउन के चलते इस बार महिलाओं को पूजन के दौरान शारीरिक दूरी बना कर रखना होगा।
जागरण संवाददाता, पानीपत : जयेष्ठ महीने की अमावस्या तिथि को वट सावित्री व्रत किया जाता है। देवी मंदिर में दशकों पुराना बरगद का वृक्ष है। मंदिर बंद होने से इस बार वहां पूजन नहीं किया जाएगा। सत्यवान व सावित्री की मूर्ति स्थापित करने के बाद दीप प्रज्वलित किया जाता है। रोली, भिगोये काले चने व सिदूर से पूजन करते समय लाल रंग का वस्त्र व फल अर्पित करती हैं।
पूजन के लिए जरूरी सामग्री : पूजन के लिए साफ कपड़े से बनी माता सावित्री की मूर्ति, बांस का पंखा, कलश और मिट्टी से बना दीप, मौसमी फल, पूजा के लिए लाल कपड़े, सिदूर-कुमकुम और रोली, चढ़ावे के लिए पकवान, अक्षत और हल्दी।
जहां विश्वास, वहां शांति : लालमणि
देवी मंदिर के पुजारी लालमणि पांडेय ने बताया कि अमावस्या तिथि बृहस्पतिवार रात 9:37 बजे से लेकर शुक्रवार रात 11:09 बजे तक है। विश्वास के साथ भक्ति करने से मनोकामना की पूर्ति होती है। जिनके पारिवारिक जीवन में विश्वास है उनका जीवन शाश्वत है।