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पानीपत में पति ने पत्‍नी को डेढ़ साल तक टॉयलेट में बंद रखा, बाहर निकलते ही बोली, मुझे रोटी दो

पानीपत में एक अमानवीय घटना सामने आई है। एक महिला को करीब डेढ़ साल से बाथरूम में बंद रखा गया। महिला संरक्षण अधिकारी ने जब पुलिस के साथ उसको रेस्‍क्‍यू किया तो बाहर निकलते ही उसने रोटी मांगी। आरोपित पति को गिरफ्तार कर लिया गया।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Wed, 14 Oct 2020 09:37 AM (IST)Updated: Wed, 14 Oct 2020 09:37 AM (IST)
पानीपत में पति ने पत्‍नी को डेढ़ साल तक टॉयलेट में बंद रखा, बाहर निकलते ही बोली, मुझे रोटी दो
पानीपत मेें पत्‍नी को डेढ़ साल तक बा‍थरूम मेें बंद रखा।

पानीपत, जेएनएन। पानीपत से एक ऐसी खबर आई है, जो आपके रोंगटे खड़े कर देगी। पानीपत के सनौली में एक महिला को उसके पति ने करीब डेढ़ साल से बाथरूम में बंद रखा। उसे मारता पीटता और खाने को भी नहीं देता था। महिला संरक्षण अधिकारी ने जब उसे बाहर निकाला तो उसने सबसे पहले रोटी मांगी। 

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पानीपत के सनौली के गांव रिशपुर में एक महिला के साथ इतनी अमानवीयता की गई कि उसे टायलेट में ही बंधक बनाकर रखा जाने लगा। उसे दिन में एक बार भोजन के लिए बाहर निकाला जाता था। जिला महिला संरक्षण अधिकारी रजनी गुप्ता ने सनौली थाना पुलिस की मदद से महिला को मुक्त कराया है। टायलेट से बाहर निकलते ही उसने सबसे पहले रोटी मांगी। नहलाकर दूसरे कपड़े पहनाए तो चूड़ियां और लिपिस्टक मांगी। टायलेट में बंधक रहने से अब उसकी टांगें भी सीधी नहीं हो पा रही हैं। आरोप है कि 35 वर्षीय रामरति को उसके पति नरेश ने ही करीब डेढ़ साल से टायलेट में बंधक बनाकर रखा हुआ था।

रजनी गुप्ता ने बताया कि एक सूचना पर मंगलवार को गांव रिशपुर वासी नरेश के घर पहुंची। पुलिस भी साथ रही। नरेश घर के बाहर दोस्तों के साथ ताश खेलता मिला। पत्नी रामरती के बारे में पूछा तो चुप रहा। सख्ती से पूछा तो घर की पहली मंजिल पर ले गया। उस टायलेट का दरवाजा खोल दिया, जिसमें वह बंद थी। महिला के कपड़े गंदगी से लथपथ थे। शरीर हड्डियों का ढांचा बना हुआ था। बाहर निकलते ही उसने खाने के लिए रोटी मांगी। पुलिस ने दबाव बनाया को नरेश ने ही रामरति को नहलाया। एक महिला ने भी उसकी मदद की। कपड़े बदलवाकर भोजन दिया गया। बंधनमुक्त होने की चेहरे पर खुशी दिखी। उसने पहनने के लिए चूड़ियां और होठों पर लगाने के लिए लिपिस्टक मांगी।

पिता और भाई की मौत के बाद बीमार हुई

मौके पर नरेश ने बताया कि करीब 10 साल पहले रामरति के पिता और भाई की मौत हो गई थी, तभी से मानसिक रूप से बीमार रहती है। कहीं चली न जाए किसी को नुकसान न पहुंचा दे, इसलिए टायलेट में बंदकर रखते हैं। इलाज के कागजात मांगे तो तीन साल पुराने दिखाए, यानि उसका इलाज भी नहीं कराया जा रहा था।

आरोपित पति गिरफ्तार

थाना प्रभारी सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि आरोपित के खिलाफ धारा 498 ए, 342 के तहत मामला दर्ज कर, उसे गिरफ्तार कर लिया है। रामरती को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया है। मानसिक स्थिति के विषय में मेडिकल रिपोर्ट से ही जानकारी मिलेगी।

सभी को पहचानती है रामरति

रजनी गुप्ता के मुताबिक रामरती की मानसिक हालत जानने के लिए उससे नाम पूछा तो स्पष्ट बताया। उसने यह भी बताया कि मायका गांव किवाना में है। भाई व पिता की मौत हो चुकी है, घर में केवल मां जीवित है। पति सहित तीनों बच्चों (दो लड़की, एक लड़का) सहित पड़ोसियों के बच्चों को भी पहचान लिया।

आती थी मारपीट की आवाजें

महिला को बंधनमुक्त कराने पहुंची टीम ने पड़ोसियों से भी पूछताछ की। कई लोगों ने बताया कि नरेश उसे टायलेट में बंद करके रखता है। कभी कभी मारपीट की आवाजें आती थी। हालांकि, पड़ोसियों ने लिखित बयान देने से इनकार कर दिया।

सीडब्ल्यूसी को भी दी सूचना

रामरति के तीनों बच्चों से भी पूछताछ की तो बताया कि मां बीमार रहती है। रजनी गुप्ता ने बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) को भी अवगत करा दिया है ताकि बच्चों की काउंसलिंग हो सके। एसपी मनीषा चौधरी को भी पूरा मामला बताया गया है।


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