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सूरज की रोशनी से जगमत हैं यमुनानगर के ये शिक्षण संस्थान, बने ऊर्जा संरक्षण की मिसाल

सेठ जय प्रकाश मुकंद लाल शिक्षण संस्थान ऊर्जा संरक्षण की मिसाल पेश कर रहे हैं। हर संस्थान की छत पर सोलर पैनल लगे हैं। इस समय 28 संस्थान और 6 चैरिटेबल अस्पताल चला रहे हैं। हर महीने 30-35 फीसद बिजली की बचत कर रहे हैं।

By Umesh KdhyaniEdited By: Published: Sun, 02 May 2021 05:41 PM (IST)Updated: Sun, 02 May 2021 05:41 PM (IST)
सूरज की रोशनी से जगमत हैं यमुनानगर के ये शिक्षण संस्थान, बने ऊर्जा संरक्षण की मिसाल
यमुनानगर में पहले संस्थान हैं जहां इतने बड़े स्तर पर सूरज की किरणों से बिजली उत्पादित हो रही है।

यमुनानगर, जेएनएन। शिक्षा की अलख जगाने के साथ-साथ सेठ जय प्रकाश मुकंद लाल शिक्षण संस्थान उर्जा संरक्षण की भी मिसाल पेश कर रहे हैं। हर संस्थान की छत पर सोलर पैनल सिस्टम लगे हुए हैं। संस्थानों में लगी मशीनरी, एसी, पंखे, ट्यूब लाइट व अन्य सभी उपकरण सोलर लाइट से चलता है। संस्थान के प्रतिनिधियों के मुताबिक हर संस्थान में 30-35 प्रतिशत बिजली की खपत सूरज की किरणों से हो रही है। सकारात्मक परिणाम देखते हुए गत माह हर संस्थान में लगे संयंत्र की क्षमता बढ़ाई है। सेठ मुकंदलाल के वंशज इस समय 28 शिक्षण संस्थान और छह अस्पताल व अन्य चैरिटेबल संस्थान चला रहे हैं।

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कहां कितने वाट का संयंत्र

जेएमआइटी रादौर : 180 किलोवाट

जेएमआइइटीआई : 55 किलोवाट

सेठ जय प्रकाश पॉलिटेक्निक दामला : 75 किलोवाट 

एमएलएन पब्लिक स्कूल : 112.5 किलोवाट

एमएलएन कॉलेज : 196 किलोवाट  

एमएलएन स्कूल रादौर : 25 किलोवाट

कुल 28 शिक्षण संस्थान

गाजियाबाद, यमुनानगर व रादौर में इनके शिक्षण संस्थान हैं। इसके अलावा अस्पताल भी चल रहे हैं। लगभग सभी संस्थानों की छतों पर सोलर पावर प्लांट लगा हुआ है। क्षेत्र में पहले संस्थान हैं जहां इतने बड़े स्तर पर सूरज की किरणों से बिजली उत्पादित हो रही है। 50 किलोवाट के एक प्लांट से प्रतिदिन 200-250 यूनिट बिजली की बचत हो जाती है। बड़ा फायदा यह है कि 24 घंटे लाइट उपलब्ध रहती है। जनरेटर की जरूरत नहीं है।  

हर माह 30-35 फीसद बिजली की बचत

जेएमआइटी रादौर के निदेशक डॉ. एसके गर्ग ने बताया कि हमारे हर संस्थान में सोलर पावर प्लांट लगे हैं। बिजली की बचत के अलावा पर्यावरण के लिहाज से भी काफी कारगर हैं। हर माह 30-35 प्रतिशत बिजली बिल की राशि की बचत होती है। हमने सभी शिक्षण संस्थानों का लोग कम करवाया हुआ है। इसके अलावा हर संस्थान में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगे हैं।  मैनेजमेंट का प्रयास है कि अधिक से अधिक बिजली की बचत हो। सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए सरकार की ओर से अनुदान भी मिलता है। हम सभी को बिजली बचाने में अपना सहयोग देना चाहिए। 

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