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अब नहीं होेगी प्‍याज की किल्‍लत, करनाल के NHRDF ने तैयार की महज 75 दिन में तैयार होने वाली किस्‍म

भविष्‍य में प्‍याज की कमी नहीं रहेगी और इसकी उपज जल्‍द प्राप्‍त हो सकेगी। हरियाणा के करनाल स्थित राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान क्षेत्रीय केंद्र (एनएचआरडीएफ) ने प्‍याज की नई किस्‍म तैयार की है। इसकी फसल महज 75 दिन में तैयार होगी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 28 Oct 2020 09:57 AM (IST)Updated: Wed, 28 Oct 2020 09:57 AM (IST)
अब नहीं होेगी प्‍याज की किल्‍लत, करनाल के NHRDF ने तैयार की महज 75 दिन में तैयार होने वाली किस्‍म
करनाल के एनएचआरडीएफ ने प्‍याज की नई किस्‍म तैयार की है। (फाइल फाेटो)

करनाल, [प्रदीप शर्मा]। आजकल प्‍याज के भाव आसमान छू रहे हैं और इसने आम लोगों को परेशान कर दिया है। यह हालत अमूमन हर साल हाेती है। अब भविष्‍य में इस हालत में सुधार होगा और प्‍याज की फसल जल्‍द तैयार होगी। हरियाणा के करनाल स्थित राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान क्षेत्रीय केंद्र (एनएचआरडीएफ) ने प्‍याज की नई किस्‍म तैयार की है। इस किस्‍म की प्‍याज की फसल महज 75 दिन में तैयार होगी। इससे समस्‍या का काफी हद तक समाधान निकलेगा और प्‍याज की किल्‍लत दूर होगी।

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प्याज की एनएचओ-920 किस्म

संस्थान के उप निदेशक डा. बीके दूबे का दावा है कि देश में इसे कम समय में तैयार होने वाली प्याज की कोई अन्य किस्म नहीं है। यह किस्म कम समय में अधिक पैदावार देने वाली है। इससे एक हेक्टेयर में महज 75 दिनों में 350 से 400 क्विंटल प्याज की पैदावार आसानी से ली जा सकती है। फिलहाल इसका परीक्षण चल रहा है।

नेशनल ब्यूरो आफ प्लांट एंड जेनेटिक रिसोर्स पूसा नई दिल्ली की ओर से इस किस्म को नेशनल आइडिंटिटी नंबर मिल चुका है। जल्द ही यह किसानों के बीच होगी। आल इंडिया नेटवर्क प्रोग्राम आफ ऑनियन एंड गाíलक के अंर्तगत इस किस्म का परीक्षण किया जा चुका है। एनएचओ-920 नाम की यह जल्द ही रिलीज हो सकती है। दिसंबर माह में इसकी रोपाई हो सकती है।

एनएचओ-920 किस्म की अन्य विशेषताएं

- इस किस्म में दड़ू नहीं निकलता, अब तक जितनी भी वैरायटी आई हैं, सभी में दड़ू निकलने की समस्याएं हैं।

- फसल की मैच्योरिटी के समय सारे पौधे अपने आप जमीन पर गिर जाते हैं, इससे भंडारण अच्छा होता है, ज्यादा काट-छांट नहीं करनी होती।

- भंडारण में अब तक की सबसे लंबी चलने वाली उत्तम किस्म है।

फीडबैक लेने के लिए 50 किलोग्राम बीज किसानों को दिया

एनएचआरडीएफ क्षेत्रीय केंद्र के मुताबिक प्रदेश के विभिन्न किसानों को 50 किलोग्राम बीज वितरित किया गया है। इन किसानों के कांटेक्ट नंबर भी लिए गए हैं। सभी से प्याज की फसल की रोपाई से लेकर मैच्योर होने तक पूरा फीडबैक लिया जाएगा।

चार साल के प्रयास के बाद मिली कामयाबी

राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान क्षेत्रीय केंद्र सलारू के डिप्टी डायरेक्टर डा. बीके दूबे ने कहा कि किसी भी फसल को तैयार होने में पांच दिन का भी अंतराल आ जाए तो वह बहुत बड़ी बात होती है। हमने चार साल अथक प्रयास कर प्याज की एनएचओ-920 किस्म महज 75 दिन में तैयार की उपलब्धि हासिल की है। इससे किसानों को काफी समय ओर मिल जाएगा। खास बात यह भी है कि इसमें दड़ू नहीं निकलता। उत्पादन भी अच्छा होगा और भंडारण भी आसानी से होता है। इस किस्म को नेशनल आइडिंटिटी नंबर मिल चुका है।

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