नशा करने से लाभ एक नहीं, तमाम नुकसान : डा. संतलाल
अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से सिवाह स्थित जिला जेल में जागरूकता शिविर संपन्न हुआ। जेल में 46 बंदियों का एचआइवी टेस्ट भी हुआ। सिविल सर्जन डा. संतलाल वर्मा ने इस बार की थीम बेहतर देखभाल के लिए बेहतर ज्ञान जरूरी का जिक्र करते करते हुए बंदियो से कहा कि आप समाज से जुड़े व्यक्ति हैं। नशा मुक्त समाज निर्माण में अच्छी भूमिका निभा सकते हैं।
जागरण संवाददाता, पानीपत : अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से सिवाह स्थित जिला जेल में जागरूकता शिविर संपन्न हुआ। जेल में 46 बंदियों का एचआइवी टेस्ट भी हुआ। सिविल सर्जन डा. संतलाल वर्मा ने इस बार की थीम बेहतर देखभाल के लिए बेहतर ज्ञान जरूरी का जिक्र करते करते हुए बंदियो से कहा कि आप समाज से जुड़े व्यक्ति हैं। नशा मुक्त समाज निर्माण में अच्छी भूमिका निभा सकते हैं।
सिविल सर्जन ने कहा कि नशा करने से लाभ एक भी नहीं है, नुकसान तमाम हैं। इनमें शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और आर्थिक हानि मुख्य हैं। कोरोना वायरस का अटैक भी कमजोर लोगों पर अधिक पड़ता है। डा. ललित वर्मा ने कहा कि नशे की शुरुआत पहले बहुत हल्के-फुल्के माहौल से होती है। जब लत लग जाती है तो पूर्ति के लिए व्यक्ति चोरी और दूसरे क्राइम तक कर देता है। ओवर डोज लेने से मृत्यु तक हो जाती है। डिप्टी सिविल सर्जन डा. सुधीर बतरा ने बताया कि सिविल अस्पताल में वर्ष 2013 से नशा मुक्ति केंद्र व ओएसटी सेंटर (ओपयाड सब्सटीट्यूशन थैरेपी) सेंटर खोला हुआ है। 500 से अधिक लोग इलाज-काउंसलिग की मदद से नशा छोड़ चुके हैं, 400 से अधिक उपचाराधीन हैं।
इंजेक्टिव नशा करने वालों को ओरल खुराक देकर इंजेक्टिव नशा नहीं करने की सीख मिलती है। इसका उद्देश्य एचआइवी संक्रमण को रोकना है। जिले में तीन प्राइवेट नशा मुक्ति केंद्र भी हैं। इस मौके पर जेल अधीक्षक सोमनाथ, कारागार के डा. अजय शर्मा, डा. उजिता कुंडू, काउंसलर रविद्र सिंह आदि मौजूद रहे।
नशा मुक्ति केंद्रों में पौधारोपण का लक्ष्य
सरकार ने सरकारी-प्राइवेट नशा मुक्ति केंद्रों में 50-50 पौधे रोपित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस पर पौधारोपण से इसकी शुरूआत की गई है।
वर्तमान में नौ ओएसटी सेंटर
प्रदेश में नौ सरकारी ओएसटी सेंटर (ओपयाड सब्सटीट्यूशन थैरेपी) हैं। इनमें पानीपत के अलावा अंबाला, सोनीपत, बहादुरगढ़, फरीदाबाद, जींद, रेवाड़ी हिसार और सिरसा शामिल है। फरीदाबाद, पंचकूला और कैथल में भी सेंटर खोलने की योजना है।