वार्डों के काम बांटे, अब जिम्मेदारी तय
नगर निगम के वार्डों में कराए जा रहे करोड़ों के विकास कार्यों पर अब एक्सईएन (कार्यपालक अभियंता) और जेई (कनिष्ठ अभियंता) नजर रखेंगे। बड़े से लेकर छोटे प्रोजेक्ट की प्रोग्रेस रिपोर्ट तैयार कर निगम आयुक्त को उपलब्ध कराएंगे। विकास कार्यों में आने वाली बाधाओं से उन्हें अवगत कराएंगे। वार्डों में एक समान विकास कराने के लिए इन अफसरों के कंधों पर जिम्मेदारी सौंपी गई है।
जागरण संवाददाता, पानीपत : नगर निगम के वार्डों को अब अलग-अलग हिस्सों में बांट दिया गया है। करोड़ों के विकास कार्यों के लिए अब एक्सईएन (कार्यपालक अभियंता) और जेई (कनिष्ठ अभियंता) की जिम्मेदारी बांट दी गई है। बड़े से लेकर छोटे प्रोजेक्ट की प्रोग्रेस रिपोर्ट तैयार कर निगम आयुक्त को उपलब्ध कराएंगे। अपने वार्ड से संबंधित रिपोर्ट सीधे इनसे ले सकते हैं। पानीपत नगर निगम में 26 वार्ड हैं। इन वार्डो में विकास कार्य करवाए जा रहे हैं। कहीं सड़क बनाई जा रहीं हैं तो कहीं सीवर लाइन डाल रहे हैं। पेयजल समस्या दूर करने के लिए ट्यूबवेल लगाया जा रहा है। हाली पार्क को मनोरंजन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है। इन कार्यों की निगरानी के लिए नगर निगम के तीन एक्सईएन की ड्यूटी लगाई है। अफसरों पर ज्यादा वर्कलोड न पड़े, इसके लिए दो-दो जेई उनके साथ अटैच किए गए हैं। प्राथमिक तौर पर जेई उन्हें प्रोजेक्ट वर्क की प्रोगेस की जानकारी उपलब्ध कराएंगे। बिल्डिग प्लान और एनडीसी फाइल अप्रूवल का कार्य तीनों कार्यपालक अभियंताओं को उन्हें आवंटित वार्डों में होगी। एक्सईएन जीपी वधवा
वार्ड नंबर 1 से 7 और 24-26 में सभी तरह के विकास कार्यों की देखरेख करेंगे। स्वच्छ भारत मिशन और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट से संबंधित एनजीटी इश्यू (आरएंडएम ऑफ ट्यूबवेल, सीएम अनाउंसमेंट और एमसी फंडस) की जिम्मेवारी इनके पास रहेगी। म्यूनिसिपल इंजीनियर अजीत गर्ग और जेई मनोज कुमार इन कार्यों में सहयोग करेंगे। एक्सईएन प्रदीप कल्याण
वार्ड नंबर 8-16 में विकास कार्य व बिल्डिग प्लान के अतिरिक्त अमरुत योजना में सीवर वर्क की देखभाल की जिम्मेदारी इन्हें सौंपी गई है। मनोज मिश्रा बनाम यूओआइ से संबंधित एनजीटी इश्यू को देखेंगे। इसके अतिरिक्त एमसी फंडस और सीएम अनाउंसमेंट में लगने वाले ट्यूबवेलों की मॉनिटरिग करेंगे। जेई कुलभूषण और विरेंद्र मलिक को इनके साथ लगाया गया है। एक्सईएन नवीन कुमार
शहर में नए स्ट्रीट लाइट लगाने और उसके रखरखाव से लेकर वार्ड नंबर 17-23 में कराए जाने वाले विकास कार्यों पर नजर रखेंगे। पेयजल आपूर्ति के लिए चर्चित अमरुत योजना की देखभाल भी करेंगे। जेई जगबीर मलिक और अजय छोक्कर इन्हें कार्यों में सहयोग करेंगे। निगम के ये बड़े प्रोजेक्ट :
भवन निर्माण की योजना :
नगर निगम की प्राथमिकता शहर में बढ़ती आबादी को देखते हुए योजनाबद्ध तरीके से भवन का निर्माण कराना है। नियमों के अनुरूप सही तरीके से प्लानिग होने पर ही शहर का विकास मूर्त रूप लेता है। भविष्य में किसी तरह की परेशानी सामने नहीं आएगी। हाली पार्क का सौंदर्यकरण
हाली पार्क के सौंदर्यकरण के लिए 24.50 करोड़ का टेंडर लगा था। सीएम कोटे से इस कार्य की स्वीकृति मिली थी। 2019 में इसे बन कर तैयार होना था। लॉकडाउन के बाद लेबर संकट के चलते इस पार्क का कार्य अधूरा पड़ा है।
अमरुत योजना का ट्यूबवेल
इस योजना में प्रत्येक वार्ड में ट्यूबवेल लगाने का कार्य प्रगति पर है। इस ट्यूबवेल की लाइफ अधिक होगी। एक हजार फीट गहराई होने से पेयजल की कमी दूर होगी। कई वार्डों में इस ट्यूबवेल को चालू करने का कार्य चल रहा है। इसे लेकर चर्चा में है निगम
स्ट्रीट लाइट घोटाला
बीते आठ माह से स्ट्रीट लाइट में हुए घोटाले को लेकर निगम चर्चा में है। तत्कालीन म्यूनिसिपल इंजीनियर भूपेंद्र पर मेजरमेंट बुक गुम कराने का आरोप लगा था। एसआइटी इसकी जांच कर रही है। अवैध कालोनियां
शहर में अवैध कालोनियां कट रही हैं। पूर्व मेयर सरदार भूपेंद्र सिंह ने दस अवैध कालोनियों की सूची निगम आयुक्त को सौंप कर जांच कराने की मांग की थी। इसकी जांच चल रही है। वर्जन :
वार्डों में कराए जा रहे विकास कार्य की देखरेख के लिए अफसरों के बीच कार्यों का बंटवारा किया गया है। इसे तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। इससे विकास कार्यों की मॉनिटरिग में आसानी होगी।
सुशील कुमार, निगम आयुक्त, पानीपत।