जो असली रावण जिदा हैं हर हाल बचाए जाते हैं
जागरण संवाददाता पानीपत अंकन साहित्यिक मंच के वाट्सएप ग्रुप माटी की सुगंध के माध्यम से आनल
जागरण संवाददाता, पानीपत : अंकन साहित्यिक मंच के वाट्सएप ग्रुप माटी की सुगंध के माध्यम से आनलाइन कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसके अध्यक्ष राष्ट्रीय गीतकार डा. जयसिंह आर्य, मुख्य अतिथि विनोद भृंग सहारनपुर, विशिष्ट अतिथि केसर शर्मा कमल पानीपत व जयप्रकाश मिश्र और संयोजक भारत भूषण वर्मा असंध रहे।
डा. जयसिंह आर्य ने कहा, ताकत पर लंकेश ने किया था अति ग़ुरूर, राम-लखन ने कर दिया उसको चकनाचूर। विनोदभृंग ने कहा बुरे काम का हो नहीं सकता शुभ परिणाम, दशकंधर के अंत पर यह बोले श्री राम। केसर शर्मा कमल ने कहा, मेरे नाम को तो यूं ही बदनाम करते हैं, यूं तो हर पाप सरेआम करते हैं। जयप्रकाश मिश्र ने कहा, पूरण होती कामना लेकर जिसका नाम, मन-वाणी मेरे बसे वही दुलारे राम।
भारतभूषण वर्मा ने कहा, श्रीहरि विष्णु के राम अवतारी हैं, राम ही की कृपा से सृष्टि सारी है। संजू सूर्यम ठाकुर ने कहा, कभी भी शान अपने देश की घटने नहीं देंगे, सिपाही देश के कदम हटने नहीं देंगे, सजाया भाल पर तिरंगा कफ़न यारों, कसम श्रीराम की हिदुस्तान को बंटने नहीं देंगे। डा. पंकजवासिनी ने कहा, सीता-मुक्ति का था यह युद्ध सात्विक राम थे अति क्रुद्ध, देख रावण का मन हुआ सशंक, दुर्गा लिए रावण को अंक। हरिनाथ शुक्ल हरि ने कहा, जब तलक मन का रावण है मद में सुनो, राम आएंगे कैसे अवध में सुनो। श्रीकृष्ण निर्मल ने कहा, रावण के पुतले भारत में हर साल जलाए जाते हैं, जो असली रावण जिदा हैं हर हाल बचाए जाते हैं। दीपिका सुतोदिया ने कहा, हंसाती हैं आंखें रुलाती हैं आंखें, श्री राम का दर्श कराती हैं आंखें। इनके अतिरिक्त संतोष त्रिपाठी, उषा तिवारी, कैलाशनाथ शुक्ला, सतीश अकेला, तेजवीरसिंह त्यागी, रमेश तिवारी और हरगोबिद झांब ने अपनी स्वरचित कविताओं से समां बांधा।