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GST - ऑडिट पर उठा सवाल, कहीं आप भी तो इसी में नहीं उलझे

दो करोड़ से अधिक की बिक्री होने पर जीएसटी आडिट होगा। सीए इंस्टीट्यूट में जीएसटी आडिट विषय को लेकर सेमिनार। सेमिनार में दी गई विस्तृत जानकारी। आप भी पढ़ें ये रिपोर्ट।

By Ravi DhawanEdited By: Published: Sun, 11 Nov 2018 02:40 PM (IST)Updated: Mon, 12 Nov 2018 12:23 PM (IST)
GST - ऑडिट पर उठा सवाल, कहीं आप भी तो इसी में नहीं उलझे
GST - ऑडिट पर उठा सवाल, कहीं आप भी तो इसी में नहीं उलझे

जागरण संवाददाता, पानीपत : जीएसटी ऑडिट करना किसी युद्ध से कम नहीं होगा। यह न केवल आम करदाता के लिए पहेली बना हुआ है, वहीं सीए तक उलझे हुए हैं। जीएसटी के हर सेमिनार में यह मामला उठता है। पानीपत में आयोजित एक कार्यशाला में यह मुद्दा उठा। पढ़ें क्‍या बताया गया और क्‍या बातें उठीं।

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सेक्टर 25 स्थित सीए इंस्टीट्यूट में आयोजित सेमिनार में गुरुग्राम शाखा के पूर्व चेयरमैन नवीन गर्ग ने बताया कि जीएसटी में दो करोड़ से अधिक की बिक्री होने पर आडिट करवाना होगा। आडिट जीएसटी नंबर के आधार पर होगा। एक पैन नंबर द्वारा जितने राज्यों में जीएसटी रजिस्ट्रेशन करवाया गया है, प्रत्येक जीएसटी आडिट के लिए अलग से आडिट करवाना होगा। उन्होंने बताया जीएसटी आडिट की अंतिम तिथि 31  दिसंबर होगी।

जीएसटी आडिट सीए के साथ करदाता के लिए मुश्किल
जीएसटी आडिट जितना मुश्किल सीए के लिए है, उतना ही मुश्किल करदाता के लिए सूचना प्रदान करना है। एचएसएन वाइज सेल्स व परचेज की जानकारी देना छोटे व्यापारियों के लिए ज्यादा मुश्किल होगा, क्योंकि उन्हें अपनी बिक्री पर एचएसएन का पता होगा, लेकिन बहुत सी परचेज ऐसी होगी जो कि अन रजिस्टर्ड, कंपोजिशन या छोटे व्यापारी से खरीदी होगी। उनका एचएसएन बिल पर नहीं लिखा होगा, जोकि जीएसटी आडिट में देना होगा।

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फार्म आनलाइन जल्द उपलब्ध करवाने की मांग उठी   
सेमिनार में मौजूद चार्टर्ड एकाउंटेंट (सीए) ने सरकार से मांग की कि पहली बार गुड्स सर्विस एक्ट (जीएसटी) आडिट होने के कारण आनलाइन फार्म जल्द उपलब्ध करवाया जाए। साथ ही देय तिथि भी बढ़ाई जानी चाहिए। इस अवसर पर सीए मोहित ने जीएसटी वार्षिक रिटर्न के संदर्भ में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि जीएसटी आर -9 सभी करदाताओं जो कि जीएसटी में पंजीकृत हैं, को भरनी होगी।

इसमें इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर, कैजुएल टैक्सएबल व्यक्ति टीसीएस, टीडीएस काटने वाले, नॉन रेजिडेंट टैक्सएबल पर्सन को छूट दी गई है।  इसके अलावा सभी पंजीकृत जीएसटी-आर-9 रिटर्न दाखिल करनी होगी। इसके लिए बिक्री की कोई सीमा तय नहीं है। कंपोजिशन डीलर को जीएसटी-आर-9 ए भरना होगा। यह फार्म करदाताओँ द्वारा भरी गई जुलाई-2017 से सितंबर 2018 तक की रिटर्न का टोटल है। इसमें कुल टर्नओवर, टैक्स, आईटीसी, लेट फीस, जुर्माना, एचएसएन समरी सबको देना होगा।

कार्यक्रम में मौजूद रहे   
कार्यक्रम में सीए संजय जैन, एचके गोयल, पूनम अग्रवाल, सुरेश गुप्ता, विरेंद्र गोयल, राजेश मनुजा, सीए विक्की गोयल, सतीश गर्ग, योगेश गोयल, विनोद भाटिया, विनोद ग्रोवर, प्रवीण जैन, राकेश गर्ग, विनोद गुप्ता आदि मौजूद रहे।


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