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नहीं लगेंगे कट, सौर उर्जा से रोशन होंगे सरकारी कार्यालय

रामकुमार कौशिक, समालखा समालखा व बापौली में सरकारी कार्यालय सौर ऊर्जा से रोशन होंगे। एसडीए

By Edited By: Published: Sun, 18 Feb 2018 01:51 AM (IST)Updated: Sun, 18 Feb 2018 02:31 PM (IST)
नहीं लगेंगे कट, सौर उर्जा से रोशन होंगे सरकारी कार्यालय
नहीं लगेंगे कट, सौर उर्जा से रोशन होंगे सरकारी कार्यालय
रामकुमार कौशिक, समालखा समालखा व बापौली में सरकारी कार्यालय सौर ऊर्जा से रोशन होंगे। एसडीएम गौरव कुमार ने प्रस्ताव बना मंजूरी के लिए जिला उपायुक्त के पास भेजा था, जिसे उपायुक्त ने मंजूरी दे दी है। समालखा बिहोली रोड स्थित लघु सचिवालय में जहां 15 किलोवाट, वहीं बापौली में 5 किलोवाट का सोलर प्लांट लगाने का प्लान है। इस पर दस लाख रुपये की लागत आएगी। लघु सचिवालय में एसडीएम के अलावा तहसील, सीडीपीओ, ट्रेजरी, रोजगार, डीएसपी कार्यालय के साथ साथ दो कोर्ट भी है। जिनमें कम्प्यूटर से लोगों के काम होते हैं, लेकिन बिजली कटों के कारण सभी कार्यालय व कोर्ट में कामकाज प्रभावित होता है। काम समय पर न होने पर अधिकारी व कर्मचारियों को आमजन की सुननी पड़ती है। एसडीएम गौरव कुमार ने बताया कि बिजली कटों के कारण दफ्तरों में काम प्रभावित होता है। काम के लिए लोगों को बार बार कार्यालय में आना पड़ता है। उक्त समस्या को देख समालखा लघु सचिवालय में पंद्रह व बापौली तहसील में पांच किलोवाट का सोलर प्लांट लगाने का प्रस्ताव बना जिला उपायुक्त के पास मंजूरी के लिए भेजा था। जिसे उपायुक्त से मंजूरी मिल गई है। सोलर प्लांट से एसडीएम व तहसील के अलावा उन कार्यालय को सप्लाई दी जाएगी, जहां पर कम्प्यूटर से लोगों के रोजाना के काम होत है। कम होंगे खर्च लघु सचिवालय में तीस किलोवाट का कनेक्शन है। एसडीएम के साथ साथ अन्य सरकारी कार्यालय का दो माह में करीब डेढ़ लाख रुपया बिजली बिल आता है। इसके अलावा बिजली कट होने पर कम से कम प्रतिदिन दो घंटे जनरेटर चलता है। जिसकी घंटे में दस लीटर तेल की खपत है। ऐसे में एक दिन में कम से कम हजार रुपये का तेल खर्च होता है। एसडीएम की मानें तो सोलर प्लांट लगने से न केवल बिजली बिल में कमी आएगी, बल्कि जनरेटर खर्च भी बंद होगा और बिजली के कटों से भी मुक्त मिलेगी। 25 साल है लाइफ टाइम सौर उर्जा को लेकर लगने वाले प्लांट का लाइफ टाइम 25 साल है। पूरा दिन में एक किलोवाट से पांच यूनिट बिजली मिल पाती है। ऐसे में लघु सचिवालय में लगने वाले प्लांट से 75 व बापौली तहसील में लगने वाले प्लांट से प्रतिदिन 25 यूनिट बिजली मिल पाएगी। साल भर में दोनों जगह पर 36,500 यूनिट बिजली पैदा होगी। जिस दिन सचिवालय में छुंट्टी का दिन होगा, उस दिन सोलर प्लांट से मिलने वाली बिजली को निगम को बेच भी सकेंगे। अनिवार्य हो चुका है सौर उर्जा को बढ़ावा देने के लिए सरकार न केवल आम आदमी को इसके फायदे गिनाकर लगवाने वाले को सब्सिडी दे रही है, बल्कि प्रदेश में बनने वाली हर सरकारी बिल्डिंग के बिजली कनेक्शन के दस प्रतिशत लोड के बराबर सोलर प्लांट लगवाने को भी अनिवार्य कर चुकी है।

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